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पलूशन से बेजार दिल्ली में हाउसिंग प्रॉजेक्ट के लिए कटने जा रहे 16,500 पेड़, विरोध

दिल्ली में प्रदूषण से लड़ने के लिए जहां अधिक से अधिक पौधे लगाने की जरूरत हैं, वहीं 7 बड़े हाउसिंग प्रॉजेक्ट के कारण राष्ट्रीय राजधानी में पेड़ों की संख्या पर नकारात्मक असर होने जा रहा है।

टाइम्स न्यूज नेटवर्क 21 Jun 2018, 4:40 pm
जसजीव. जी/नई दिल्ली
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दिल्ली में प्रदूषण से लड़ने के लिए जहां अधिक से अधिक पौधे लगाने की जरूरत है, वहीं 7 बड़े हाउसिंग प्रॉजेक्ट के कारण राष्ट्रीय राजधानी में पेड़ों की संख्या पर प्रभावित होने वाली है। दक्षिणी दिल्ली की इन परियोजनाओं के कारण कोई 16,500 पेड़ों को काटना पडे़गा। पर्यावरण के क्षेत्र में काम कर रहे लोगों ने हरियाली बचाने के लिए इसको लेकर सिग्नेचर कैम्पेन शुरू किया है और लोगों से अपील की है कि अपना समर्थन जाहिर करने के लिए वे उन्हें मिस्ड कॉल करें।

रिपोर्ट के मुताबिक, सरोजनी नगर इन परियोजनाओं से सबसे अधिक प्रभावित होने वाला है, जहां 13,128 में से 11,000 पेड़ हाउसिंग रीडिवेलपमेंट प्रॉजेक्ट के कारण काटे जाएंगे। अन्य इलाके जहां पेड़ काटे जाने हैं वे नैरौजी नगर (1513 में 1465 पेड़ काटे जाएंगे), नेताजी नगर (3,033), कस्तुरबा नगर (520) और मोहम्मदपुर (447) हैं।

इस परियोजना को एनबीसीसी लागू करने जा रही है जिसे प्रगति मैदान में प्रदर्शनी कॉम्प्लेक्स बनाने के लिए काफी आलोचना झेलनी पड़ी थी जिसके लिए 1713 पेड़ों की कटाई को मंजूरी दी गई थी। पर्यावरण वकील आदित्य एन प्रसाद ने इस संबंध में एनजीटी में याचिका दाखिल की है और उन्होंने मांग की है कि मौजूदा योजना में पेड़ों को भी शामिल किया जाए।

प्रसाद ने कहा, 'वन विभाग के पास इतनी अधिक संख्या में पेड़ों को काटने की मंजूरी रद्द करने का अधिकार है। लेकिन इसने इन परियोजनाओं को लेकर ऐसा नहीं किया। न तो विभाग रोपे गए पौधे के सर्वाइवल रेट की निगरानी कर रही है या न ही इस बात का ट्रैक रख रही है पौधे कहां लगाए जा रहे हैं। इसने पूरे अभ्यास को निरर्थक कर दिया है।'

उधर, एनबीसीसी के चेयरमैन ए.के. मित्तल का कहना है कि नए हाउसिंग कॉम्प्लेक्स को यथासंभव हरा रखा जाएगा और कॉलोनियों में उसकी जगह अधिक से अधिक पौधे लगाए जाएंगे। उन्होंने कहा, 'नया मोती बाग कॉम्प्लेक्स इसका उदाहरण है, आप देख सकते हैं कि यह कितना हरा है।'

इस पूरे मामले पर ग्रीन ऐक्टिविस्ट जूही सकलानी ने हाल ही में दिल्ली ट्री एसओएस के अंतर्गत पेड़ों को बचाने के लिए कैम्पेन शुरू किया है। इस कैम्पेन का साथ 'झटका' संगठन दे रहा है। इसकी योजना एक लाख से अधिक सिग्नेचर जमा करना है। उन्होंने मिस्ड कॉल के लिए नंबर ( 8971222911) भी जारी किए हैं। इन्हें केंद्रीय पर्यावरण और शहरी विकास मंत्रालयों के समक्ष पेश किया जाएगा। झटका की वरिष्ठ कैम्पेनर शिखा कुमार ने कहा, 'इस अभियान की शुरुआत मंगलवार को हुई है और 6000 लोग इस पर अब तक हस्ताक्षर कर चुके हैं।'

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