विशेष संवाददाता, नई दिल्ली
दिल्ली-एनसीआर में चलने वाली सभी गाड़ियों पर इस साल अक्टूबर तक कलर कोड वाले स्टीकर और हाई सिक्यॉरिटी नंम्बर प्लेट लग जाएगी। यह डेडलाइन सुप्रीम कोर्ट की ओर से गठित कमिटी ईपीसीए ने गुरुवार देर शाम को हुई एक मीटिंग में तय की है।
कलर कोड से गाड़ियों के फ्यूल की जानकारी मिल सकेगी और प्रदूषित दिनों में उनकी संख्या को कम किया जाने में मदद मिलेगी। इसके लिए पेट्रोल और सीएनजी गाड़ियों पर हल्के नील और डीजल गाड़ियों पर ऑरेंज स्टीकर लगेंगे।
ईपीसीए के चैयरमेन भूरेलाल ने कहा इसके बाद और समय नहीं दिया जाएगा। इस मीटिंग में दिल्ली के अलावा एनसीआर के अधिकारी और सोसायटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मनुफैक्चररर्स के सदस्य मौजूद थे। मीटिंग में नई और पुरानी सभी गाड़ियों में अक्टूबर तक यह व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए।
ईपीसीए की सदस्य सुनीता नारायण ने कहा कि दिल्ली, यूपी, राजस्थान और हरियाणा के लिए टाइम तय किया गया है। दिल्ली में अभी तक करीब 76000 नई गाड़ियों में पहले ही स्टीकर लग चुके है। अभी भी करीब 50 लाख से अधिक गाड़ियों पर हाई सिक्यॉरिटी नम्बर प्लेट और कलर स्टीकर लगने हैं।
दिल्ली-एनसीआर में चलने वाली सभी गाड़ियों पर इस साल अक्टूबर तक कलर कोड वाले स्टीकर और हाई सिक्यॉरिटी नंम्बर प्लेट लग जाएगी। यह डेडलाइन सुप्रीम कोर्ट की ओर से गठित कमिटी ईपीसीए ने गुरुवार देर शाम को हुई एक मीटिंग में तय की है।
कलर कोड से गाड़ियों के फ्यूल की जानकारी मिल सकेगी और प्रदूषित दिनों में उनकी संख्या को कम किया जाने में मदद मिलेगी। इसके लिए पेट्रोल और सीएनजी गाड़ियों पर हल्के नील और डीजल गाड़ियों पर ऑरेंज स्टीकर लगेंगे।
ईपीसीए के चैयरमेन भूरेलाल ने कहा इसके बाद और समय नहीं दिया जाएगा। इस मीटिंग में दिल्ली के अलावा एनसीआर के अधिकारी और सोसायटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मनुफैक्चररर्स के सदस्य मौजूद थे। मीटिंग में नई और पुरानी सभी गाड़ियों में अक्टूबर तक यह व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए।
ईपीसीए की सदस्य सुनीता नारायण ने कहा कि दिल्ली, यूपी, राजस्थान और हरियाणा के लिए टाइम तय किया गया है। दिल्ली में अभी तक करीब 76000 नई गाड़ियों में पहले ही स्टीकर लग चुके है। अभी भी करीब 50 लाख से अधिक गाड़ियों पर हाई सिक्यॉरिटी नम्बर प्लेट और कलर स्टीकर लगने हैं।