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गाड़ी स्पीड में दौड़ाते ही कंट्रोल रूम में आएगा अलर्ट, कटेगा चालान

दिल्ली में पब्लिक सर्विस वीकल्स के ड्राइवर को स्पीड लिमिट नियम तोड़ना भारी पड़ने वाला है। ओवरस्पीडिंग पर अब कंट्रोल रूम से ही चालान हो जाएगा। इस नए प्रयोग की शुरुआत ट्रांसपॉर्ट डिपार्टमेंट बहुत जल्द करने जा रहा है। चालान की एक कॉपी कोर्ट में और एक ड्राइवर या मालिक के घर पहुंचा दी जाएगी।

भूपेंद्र शर्मा | नवभारत टाइम्स 21 May 2018, 8:51 am
नई दिल्ली
नवभारतटाइम्स.कॉम challan

दिल्ली में पब्लिक सर्विस वीकल्स के ड्राइवर को स्पीड लिमिट नियम तोड़ना भारी पड़ने वाला है। ओवरस्पीडिंग पर अब कंट्रोल रूम से ही चालान हो जाएगा। इस नए प्रयोग की शुरुआत ट्रांसपॉर्ट डिपार्टमेंट बहुत जल्द करने जा रहा है। डिपार्टमेंट में बनाए गए ऑपरेशंस कंट्रोल सेंटर (ओसीसी) में पब्लिक वीइकल्स की ओवरस्पीडिंग की जानकारी पहुंच जाएगी। उसके बाद चालान की एक कॉपी कोर्ट में और एक ड्राइवर या मालिक के घर पहुंचा दी जाएगी। चालान होते ही मेसेज भी भेजा जाएगा। ओवरस्पीडिंग पर चालान का प्रॉसेस पूरी तरह से टेक्नॉलजी पर बेस्ड होगा।

ट्रांसपॉर्ट डिपार्टमेंट के एक अधिकारी ने बताया कि जीपीएस से ओवरस्पीड वीइकल्स की मॉनिटरिंग शुरू की जा रही है। जिन पब्लिक सर्विस वीइकल्स में जीपीएस है, उनकी जानकारी ऑपरेशंस सेंटर तक पहुंच रही है। इससे पता चल जाता है कि कौन से नंबर की गाड़ी किस जगह ओवरस्पीड से दौड़ रही है। इसी आधार पर चालान जेनरेट किया जाएगा। अधिकारी ने कहा कि जीपीएस मॉनिटरिंग से ड्राइवर चाहकर भी नहीं बच सकेंगे। हालांकि अभी सिर्फ 35 फीसदी पब्लिक सर्विस वीइकल्स में ही जीपीएस लगा है, लेकिन डिपार्टमेंट का कहना है कि जो भी गाड़ियां फिटनेस के लिए आ रही हैं, उन्हें जीपीएस लगने के बाद ही सर्टिफिकेट दिया जा रहा है।

डिपार्टमेंट का टारगेट है कि अगले कुछ महीनों में ज्यादा से ज्यादा गाड़ियां जीपीएस के दायरे में आ जाएं, क्योंकि स्पीड की मॉनिटरिंग आसान हो जाएगी। ऑपरेशंस कंट्रोल सेंटर ने उन सभी पब्लिक सर्विस वीइकल्स का डेटा तैयार कर लिया है, जिनमें जीपीएस तो है लेकिन वर्किंग नहीं है। कितनी गाड़ियां हैं और कितनी गाड़ियों में जीपीएस ऐक्टिव नहीं है, यह डिटेल भी तैयार हो गई है। ऐसे सभी वीइकल्स को एसएमएस के जरिए जानकारी दे दी गई है और जीपीएस ऐक्टिव करवाने के लिए दिशा-निर्देश भी दिए गए हैं।

स्कूल बसों पर भी रहेगी नजर
डिपार्टमेंट, स्कूल बसों और स्कूल वैन्स पर भी निगरानी करेगा। स्कूली बच्चों की सेफ्टी एक बड़ा सवाल है और जीपीएस मॉनिटरिंग से सभी स्कूल बसों पर नजर रखी जाएगी। ओवरस्पीड पर स्कूल बसों पर ऐक्शन होगा। एक अधिकारी ने कहा कि दिल्ली में ओवरस्पीडिंग बड़ी समस्या है। क्लस्टर बसों के स्पीड में दौड़ने की शिकायतें मिलती हैं। ग्रामीण सेवा, आरटीवी समेत दूसरे पब्लिक सर्विस वीइकल्स भी स्पीड लिमिट फॉलो नहीं करते।

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