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गलत पार्किंग, रॉन्‍ग साइड ड्राइविंग, विदाउट PUC... दिल्‍ली में सबसे ज्‍यादा इन बातों के लिए कटता है चालान

Traffic Challan In Delhi: पार्किंग के बाद सबसे अधिक चालान वन वे नियमों के उल्लंघन से जुड़े हैं। ऐसे एक लाख 23 हजार से अधिक चालान हुए हैं। तीसरी सबसे बड़ी संख्या पॉल्यूशन से जुड़े नियमों के उल्लंघन की हैं।

Written byएनबीटी डेस्क | Edited byदीपक वर्मा | नवभारत टाइम्स 17 Sep 2022, 10:32 am
नई दिल्ली: नॉन पार्किंग एरिया में या फिर गलत तरीके से की गई पार्किंग दिल्ली में न सिर्फ आने जाने वालों के लिए बल्कि ट्रैफिक पुलिस के लिए भी सरदर्द बनी हुई है। यही वजह है कि ट्रैफिक पुलिस ने पिछले साल सबसे अधिक चालान पार्किंग को लेकर ही किए हैं जबकि दूसरे नंबर पर वन वे पर नियमों के उल्लंघन से जुड़े हैं। यही नहीं, पॉल्यूशन जांच सर्टिफिकेट के लिए अभियान चलाए जाने के बावजूद बड़ी संख्या में ऐसी गाड़ियां पकड़ी गईं, जिनकी पॉल्यूशन जांच ही नहीं कराई गई थी। ये सभी चालान मौके पर ही किए गए। ट्रैफिक पुलिस के आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली में पिछले साल पुलिस ने चार लाख 63 हजार 732 ऐसी गाड़ियों के चालान किए, जो या तो नॉन पार्किंग एरिया में खड़ी थीं या फिर इस तरह से खड़ी की गई थीं, जिससे आवाजाही बाधित हो रही थी।
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गलत तरीके से की गई पार्किंग से अक्‍सर सड़कों पर लगता है जाम


ट्रैफिक पुलिस के सूत्रों का कहना है कि दरअसल, दिल्ली में सुचारु ट्रैफिक में यही सबसे बड़ी बाधा है। हालांकि 2020 में पार्किंग को लेकर दो लाख 79 हजार चालान ही हुए थे लेकिन उस वक्त कोविड की वजह से अधिकांश इलाकों में लॉकडाउन था और बेहद कम संख्या में गाड़ियां सड़कों पर थीं। अधिकारियों का कहना है कि अगर 2019 से तुलना की जाए तो पार्किंग के चालानों की संख्या लगभग आधी हुई है।

महत्वपूर्ण है कि पार्किंग के बाद सबसे अधिक चालान वन वे नियमों के उल्लंघन से जुड़े हैं। ऐसे एक लाख 23 हजार से अधिक चालान हुए हैं। ट्रैफिक पुलिस का कहना है कि ये नियम सबसे अधिक खतरनाक है, क्योंकि कई जगह पर मुख्य सड़कों पर ही लोग विपरीत दिशा में गाड़ी चलाते हैं। जिससे उनकी जान तो खतरे में होती ही है, दूसरों की भी जान खतरे में डालते हैं। चालानों की संख्या के मामले में तीसरी सबसे बड़ी संख्या पॉल्यूशन से जुड़े नियमों के उल्लंघन की हैं। दिलचस्प है कि दिल्ली में पॉल्यूशन को लेकर लगातार अभियान चलाए जाते रहे हैं। लेकिन इसके बावजूद ट्रैफिक पुलिस ने खुद जांच पड़ताल के दौरान सड़कों पर एक लाख चार हजार से अधिक ऐसी गाड़ियां पकड़ीं, जिनकी पॉल्यूशन जांच ही नहीं कराई गई थी।

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फुटबोर्ड पर सफर में सिर्फ 3 चालानसकसे कम चालान फुटबोर्ड पर खड़़े होकर यात्रा करने के मामले में हुए हैं। ऐसे सिर्फ तीन चालान किए गए हैं। इसकी वजह शायद यही है कि यात्री बसों में गेट लग गए हैं। ऐसे में बस में यात्री के सवार होने के बाद बस के गेट बंद हो जाते हैं।
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