नई दिल्ली
लुटियंस जोन के कनॉट प्लेस, खान मार्केट, सरोजनी नगर और दूसरे प्रमुख स्थानों पर आने वाले लोगों को अब डस्ट से परेशान होना नहीं पड़ेगा। डस्ट कंट्रोल करने के लिए एनडीएमसी ने रोड साइड में जितने भी कच्ची जगह है, वहां पर पौधे लगाने का प्लान बनाया है, ताकि धूल न उड़े। रोड साइड करीब 135 किमी दूरी तक कच्ची जगह को चिह्नित किया गया है। यहां 1.5 करोड़ पौधे लगाए जाएंगे।
एनडीएमसी के हार्टिकल्चर विभाग के एक सिनियर अफसर का कहना है कि लुटियंस जोन की सड़कों पर डस्ट पल्यूशन इसलिए अधिक है, क्योंकि रोड साइड में कई जगह घास नहीं है। इस समस्या को दूर करने के लिए प्लान तैयार किया गया है। रोड साइड 135 किमी दूरी तक कच्चे स्थानों को भरने के लिए करीब 1.5 करोड़ पौधों की जरूरत है, लेकिन इसमें से 75 प्रतिशत स्ट्रेच में पानी की व्यवस्था पर्याप्त नहीं है।
135 किमी के स्ट्रेच में जहां पानी की व्यवस्था अभी है, वहीं पर फर्स्ट फेज में पौधे लगाए जाएंगे। पहले फेज में 8.8 लाख पौधे लगाए जाएंगे। पौधे लगाने के साथ-साथ ही जहां पानी की व्यवस्था नहीं है, वहां पानी सप्लाई की व्यवस्था की जाएगी। उसके बाद बाकी के पौधे लगाए जाएंगे। इस पूरे प्रोजेक्ट पर करीब 35-40 लाख रुपये खर्च होंगे।
लुटियंस जोन के कनॉट प्लेस, खान मार्केट, सरोजनी नगर और दूसरे प्रमुख स्थानों पर आने वाले लोगों को अब डस्ट से परेशान होना नहीं पड़ेगा। डस्ट कंट्रोल करने के लिए एनडीएमसी ने रोड साइड में जितने भी कच्ची जगह है, वहां पर पौधे लगाने का प्लान बनाया है, ताकि धूल न उड़े। रोड साइड करीब 135 किमी दूरी तक कच्ची जगह को चिह्नित किया गया है। यहां 1.5 करोड़ पौधे लगाए जाएंगे।
एनडीएमसी के हार्टिकल्चर विभाग के एक सिनियर अफसर का कहना है कि लुटियंस जोन की सड़कों पर डस्ट पल्यूशन इसलिए अधिक है, क्योंकि रोड साइड में कई जगह घास नहीं है। इस समस्या को दूर करने के लिए प्लान तैयार किया गया है। रोड साइड 135 किमी दूरी तक कच्चे स्थानों को भरने के लिए करीब 1.5 करोड़ पौधों की जरूरत है, लेकिन इसमें से 75 प्रतिशत स्ट्रेच में पानी की व्यवस्था पर्याप्त नहीं है।
135 किमी के स्ट्रेच में जहां पानी की व्यवस्था अभी है, वहीं पर फर्स्ट फेज में पौधे लगाए जाएंगे। पहले फेज में 8.8 लाख पौधे लगाए जाएंगे। पौधे लगाने के साथ-साथ ही जहां पानी की व्यवस्था नहीं है, वहां पानी सप्लाई की व्यवस्था की जाएगी। उसके बाद बाकी के पौधे लगाए जाएंगे। इस पूरे प्रोजेक्ट पर करीब 35-40 लाख रुपये खर्च होंगे।