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दिल्ली में महीने भर रहेगी पानी की दिक्कत, पानी न मिलने से आ सकती है मारपीट की नौबत

दिल्ली जल बोर्ड के वाइस चेयरमैन राघव चड्ढा ने कहा कि इसकी वजह से राजधानी में भयंकर जल संकट पैदा होगा। उन्होंने बताया कि केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय की एजेंसी भाखड़ा नांगल मैनेजमेंट बोर्ड रिपेयर-मेंटनेंस के बहाने व्यास हाइडल चैनल को बंद कर रही है। जल संकट बढ़ने से कानून व्यवस्था भी बिगड़ सकती है।

Authored byएनबीटी डेस्क | नवभारत टाइम्स 26 Feb 2021, 10:32 am

हाइलाइट्स

  • डीजेबी वाइस चेरयमैन राघव चड्ढा ने इस बारे में जानकारी दी
  • 23 मार्च से 24 अप्रैल तक हाइडल चैनल को बंद करने की योजना
  • दिल्ली अपने 25 प्रतिशत पानी के लिए व्यास नदी पर ही है निर्भर
  • डीजेबी अध्यक्ष राघव चड्ढा ने किया इसका कड़ा विरोध, लिखा लेटर
  • उन्होंने पानी के चलते कानून व्यवस्था बिगड़ने की आशंका जताई
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मेंनटेंस के चलते बंद रहेगा व्यास हाइडल चैनल
विशेष संवाददाता, नई दिल्ली
देश की राजधानी एक बड़े जल संकट के मुहाने पर खड़ी है। 23 मार्च से 24 अप्रैल तक व्यास हाइडल चैनल के मेंटनेंस कार्य के चलते इसे बंद किया जा रहा है। इसकी वजह से व्यास नदी से राजधानी को मिल रहा 232 एमजीडी पानी कम हो जाएगा। यह राजधानी में सप्लाई हो रहे पानी का 25 प्रतिशत है।
दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) के वाइस चेयरमैन राघव चड्ढा ने कहा कि इसकी वजह से राजधानी में भयंकर जल संकट पैदा होगा। उन्होंने बताया कि केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय की एजेंसी भाखड़ा नांगल मैनेजमेंट बोर्ड रिपेयर-मेंटनेंस के बहाने व्यास हाइडल चैनल को बंद कर रही है। जल संकट बढ़ने से कानून व्यवस्था भी बिगड़ सकती है। इसलिए उन्होंने केंद्र और हरियाणा सरकार के साथ भाखड़ा नांगल मैनेजमेंट बोर्ड को चिट्ठी लिखकर इस मेंटनेंस का कार्य स्थगित करने को कहा है। उन्होंने कहा कि पानी की आपूर्ति प्रभावित होने से राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री आवास समेत राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय महत्व के कई बड़े संस्थानों पर भी इसका प्रभाव पड़ सकता है। इस मसले को हल करने के लिए सभी संबंधित संस्थानों की एक बैठक बुलाने की मांग भी राघव ने की है। उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ने पर पानी की सप्लाई को जारी रखने के लिए केजरीवाल सरकार हर दरवाजा खटखटाएगी।

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उन्होंने कहा कि राजधानी के चारों तरफ राज्य और जमीन है। इसकी अपनी कोई वॉटर बॉडी नहीं है। इसी वजह से राजधानी अपनी जलापूर्ति के लिए चार स्रोतों पर निर्भर है। इनमें यमुना नदी, गंगा नदी, रावी-व्यास नदी और भूमिगत पानी शामिल है। उन्होंने कहा कि गर्मियों में पानी की डिमांड पीक पर पहुंच जाती है। व्यास नदी से जो पानी मिलता है वह दिल्ली के कुल पानी का 25 प्रतिशत हिस्सा है। डीजेबी को बताया गया है कि केंद्र सरकार दिल्ली में व्यास नदी से आने वाले पानी को एक महीने के लिए रोकने जा रही है। रिपेयर और मेंटनेंस का कार्य ऐसे समय में हो रहा है जब गर्मी बढ़ रही है और पूरी तरह से नांगल हाइडल चैनल को बंद किया जा रहा है।

डीजेबी ने इस संबंध में 19 फरवरी को एक पत्र लिखा है। इसमें साफ तौर से केंद्र सरकार, हरियाणा सरकार और भांखड़ा व्यास मैनेजमेंट बोर्ड से अनुरोध किया गया है कि वे किसी और समय मेंटनेंस का काम करें। यह काम ऐसे समय में करें जब दिल्ली में जलापूर्ति प्रभावित न हो। गर्मियों के मौसम में नांगल हाइडल चैनल को बंद करना राजधानी के साथ अन्याय है। इस चैनल के प्रभावित होने से राष्ट्रपति कार्यालय, निवास और राष्ट्रपति भवन, प्रधानमंत्री कार्यालय और निवास, सुप्रीम कोर्ट, हाई कोर्ट, एनजीटी और सारे अंतरराष्ट्रीय दूतावास पर असर पड़ेगा।

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चड्ढा ने बताया कि हमने एक बैठक बुलाने की मांग की है और केंद्रीय जल शक्ति मंत्री से अनुरोध किया है कि उसमें सारे हितधारकों को बुलाया जाए। उन्होंने कहा कि व्यास नदी का दिल्ली में कुल 496 क्यूसेक पानी आता है। यह पानी मुनक कैनाल के जरिए आता है और 496 क्यूसेक पानी दिल्ली पहुंचते-पहुंचते ट्रांसमिशन और डिस्ट्रीब्यूशन हानि के चलते घटकर 432 क्यूसेक रह जाता है जिसे हम ट्रीट कर दिल्ली के घर-घर तक पहुंचाते हैं। यह 432 क्यूसेक 232 एमजीडी के बराबर होता है।
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