प्रमुख संवाददाता, नई दिल्ली
साउथ एमसीडी एरिया में एमसीडी के जितने भी पार्क हैं, उन पार्कों तक पहुंचने के लिए अब लोगों को अधिक मशक्कत करने की जरूरत नहीं है। ऐसा इसलिए कि एमसीडी ने जिस तरह से दिल्ली में प्रत्येक प्रॉपर्टी की एक अलग यूनिक आईडी तैयार की है, उसी तरह से अपने पार्कों की भी आईडी तैयार कर रही है। प्रत्येक पार्क की पहचान अब यूनिक आईडी से ही की जाएगी।
इतना ही नहीं, पार्कों का लोकेशन भी उसी यूनिक आईडी से गूगल मैप पर ढूंढा जा सकता है। इसके अलावा पार्क में कितने झूले हैं और पार्क का दायरा कितना है, इसका भी पता यूनिक आईडी से लगाया जा सकता है। साउथ एमसीडी के हॉर्टिकल्चर विभाग के अफसरों के अनुसार एमसीडी के पार्कों पर अतिक्रमण की समस्या दिन पर दिन बढ़ती जा रही है। पार्कों के ठीक समय पर मेंटेनेंस व देखरेख में भी दिक्कतें होती हैं।
ऐसा प्लान बनाया गया कि जितने भी पार्क हैं, उनका जिओ टैगिंग किया जाए। ताकि पार्कों के मेंटिनेंस पर ऑफिस में बैठे ही अधिकारी नजर रख सकें। साउथ एमसीडी में छोटे - बड़े करीब 6807 पार्क हैं, जिनका जिओ टैगिंग का काम तो पूरा हो चुका है। लेकिन, अब उन पार्कों की अलग पहचान देने के लिए उनका यूनिक आईडी तैयार किया जा रहा है। यह काम आईटी विभाग के साथ मिलकर किया जा रहा है।
साउथ एमसीडी एरिया में एमसीडी के जितने भी पार्क हैं, उन पार्कों तक पहुंचने के लिए अब लोगों को अधिक मशक्कत करने की जरूरत नहीं है। ऐसा इसलिए कि एमसीडी ने जिस तरह से दिल्ली में प्रत्येक प्रॉपर्टी की एक अलग यूनिक आईडी तैयार की है, उसी तरह से अपने पार्कों की भी आईडी तैयार कर रही है। प्रत्येक पार्क की पहचान अब यूनिक आईडी से ही की जाएगी।
इतना ही नहीं, पार्कों का लोकेशन भी उसी यूनिक आईडी से गूगल मैप पर ढूंढा जा सकता है। इसके अलावा पार्क में कितने झूले हैं और पार्क का दायरा कितना है, इसका भी पता यूनिक आईडी से लगाया जा सकता है। साउथ एमसीडी के हॉर्टिकल्चर विभाग के अफसरों के अनुसार एमसीडी के पार्कों पर अतिक्रमण की समस्या दिन पर दिन बढ़ती जा रही है। पार्कों के ठीक समय पर मेंटेनेंस व देखरेख में भी दिक्कतें होती हैं।
ऐसा प्लान बनाया गया कि जितने भी पार्क हैं, उनका जिओ टैगिंग किया जाए। ताकि पार्कों के मेंटिनेंस पर ऑफिस में बैठे ही अधिकारी नजर रख सकें। साउथ एमसीडी में छोटे - बड़े करीब 6807 पार्क हैं, जिनका जिओ टैगिंग का काम तो पूरा हो चुका है। लेकिन, अब उन पार्कों की अलग पहचान देने के लिए उनका यूनिक आईडी तैयार किया जा रहा है। यह काम आईटी विभाग के साथ मिलकर किया जा रहा है।