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जनता का फीडबैक बताएगा दिल्ली साफ है या गंदी

आपकी दिल्ली साफ है या नहीं इस बात का खुलासा जनता के फीडबैक से ही होगा। स्वच्छता सर्वेक्षण के नए पैरामीटर के अनुसार सर्वेक्षण के दौरान लोगों से कई सवाल पूछे जाएंगे।

नवभारत टाइम्स 4 Jul 2020, 2:23 am
नई दिल्ली
नवभारतटाइम्स.कॉम clean-Delhi

स्वच्छता सर्वेक्षण-2021 नए पैरामीटर के साथ शुक्रवार को लॉन्च किया गया। पिछले सर्वे में तीनों में से किसी भी एमसीडी ने भाग नहीं लिया था, लेकिन इस बार तीनों ही एमसीडी ने सर्वेक्षण में भाग लेने का मन बना लिया है। उसी हिसाब से तैयारियां भी की जा रही हैं। सर्वेक्षण का जो नया पैरामीटर तय किया गया है, उसमें काफी हद तक पब्लिक फीडबैक तय करेगा कि शहर साफ-सुथरा है या गंदा है।

स्वच्छता सर्वेक्षण के नए पैरामीटर के अनुसार सर्वेक्षण के दौरान लोगों से कई सवाल पूछे जाएंगे। इसमें शहर में डोर टु डोर कूड़ा कलेक्शन की स्थिति है? शहर में वास्तव में पॉलिथीन का इस्तेमाल बंद है या लोग अभी भी कर रहे हैं? इन तमाम सवालों का फीडबैक पब्लिक से लिया जाएगा।

प्लास्टिक का इस्तेमाल और गंदगी की शिकायतों के समाधान के लिए जितने मार्क्स तय किए गए हैं, उसमें 100 प्रतिशत नंबर फीडबैंक पर ही आधारित हैं। एमसीडी ने प्लास्टिक इस्तेमाल को रोकने के लिए कागजों में क्या कार्रवाइ की, इस पर कोई मार्क्स नहीं मिलेगा। घर-घर कूड़ा कलेक्शन के लिए जितने मार्क्स तय किए गए हैं, उसमें से 80 प्रतिशत मार्क्स जनता के फीडबैंक के आधार पर एमसीडी को दिए जाएंगे।

सफाई के भी नियम बदले
जिन ऑटो टीप्पर से घर-घर कूड़ा कलेक्शन किया जाता है, उसमें मेडिकल वेस्ट, सैनिटरी नैपकिंस, डायपर्स को कलेक्ट करने के लिए अलग व्यवस्था करनी होगी। ऐसे कूड़े को गीला या सूखा कूड़े के साथ मिक्स नहीं किया जा सकता। सिटिजन फीडबैक में भी 6 कैटिगरी बनाई गई हैं। फीडबैक पार्क में बैठे लोगों, कुल मकान में रहने वाले करीब आधा प्रतिशत लोगों से बातचीत, रेजिडेंट वेलफेयर असोसएिशन, प्राइवेट ऑफिस, व्यापारी संगठनों और एनजीओ से लिया जाएगा।

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