नई दिल्ली
साउथ दिल्ली के मुनीरका, आईआईटी, नेहरू प्लेस और आसपास की जगहों से एयरपोर्ट जाने के लिए अब घंटों ट्रैफिक जाम से जूझने की जरूरत नहीं है। दरअसल साउथ दिल्ली और आईजीआई एयरपोर्ट को कनेक्ट करने के लिए जो राव तुलाराम (आरआरटी) फ्लाइओवर बनाया गया है, उससे ट्रैफिक इसी साल जून में शुरू होने वाला है। फ्लाइओवर का निर्माण कार्य अप्रैल तक पूरा हो जाएगा। पीडब्ल्यूडी विभाग के अफसरों का कहना है कि यहां से ट्रैफिक शुरू होने के बाद मुनीरका से आईजीआई एयरपोर्ट पहुंचने में 20 से 25 मिनट कम लगेंगे।
मुनीरका फ्लाइओवर के एक लेन होने बढ़ा जाम : पीडब्ल्यूडी विभाग के अफसरों के अनुसार अभी साउथ दिल्ली के मुनीरका, बसंत विहार और आसपास के इलाकों से आईजीआई एयरपोर्ट तक पहुंचना असान काम नहीं है। जाम की वजह से कई बार लोग टाइम पर एयरपोर्ट तक नहीं पहुंच पाते हैं। एयरपोर्ट से मुनीरका की ओर आने के लिए एक सिंगल लेन फ्लाइओवर है, जिसकी लंबाई 700 मीटर है। फ्लाइओवर की चौड़ाई 9 मीटर है। लेकिन, इस एरिया में हर साल करीब 5-7 प्रतिशत तक ट्रैफिक बढ़ने के कारण इस फ्लाइओवर से जाम की समस्या खत्म नहीं हो पा रही थी। इसी कारण इसी फ्लाइओवर के बराबर में ही एक दूसरा फ्लाइओवर बनाने का प्लान बनाया गया। नया फ्लाइओवर करीब 2.7 किमी लंबा है। नए फ्लाइओवर को एयरपोर्ट जाने के लिए लोग इस्तेमाल करेंगे।
करीब आधा घंटा बचेगा
एयरपोर्ट से मुनिरिका की ओर आने के लिए वर्तमान में तीन लेन को राव तुलाराम रोड और सिंगल लेन फ्लाइओवर का विकल्प है। लेकिन, जून से तीन लेन की सड़क फ्लाइओवर के नीचे और तीन लेन का फ्लाइओवर का विकल्प मिलेगा, इससे ट्रैफिक जाम बेहद कम होने की संभावना है।
85 प्रतिशत काम पूरा
फ्लाइओवर का निर्माण कार्य 85 प्रतिशत पूरा हो चुका है। फ्लाइओवर निर्माण के लिए करीब 77 स्पैन लगाना था, जिसमें से 65 स्पैन लग चुके हैं। बाकी 12 स्पैन मार्च के अंत तक लग जाएंगे। इस साल अप्रैल तक कंस्ट्रक्शन और फिनिशिंग वर्क भी पूरा हो जाएगा। इसके बाद दो महीने तक सेफ्टी इंस्पेक्शन किया जाएगा और जून से फ्लाइओवर शुरू कर दिया जाएगा।
बॉक्स मैटर
आरआरटी फ्लाईओवर का निर्माण कार्य शुरू हुआ : नवंबर, 2014
निर्माण कार्य पूरा होगा : अप्रैल, 2019
बनाने में खर्च : 211 करोड़
फ्लाईओवर की चौड़ाई : 3 लेन
फ्लाईओवर की लंबाई : 2.7 किमी
शुरू होने के बाद फ्लाईओवर पर ट्रैफिक : करीब एक लाख
कुल स्पैन लगाए जाएंगे : 77
साउथ दिल्ली के मुनीरका, आईआईटी, नेहरू प्लेस और आसपास की जगहों से एयरपोर्ट जाने के लिए अब घंटों ट्रैफिक जाम से जूझने की जरूरत नहीं है। दरअसल साउथ दिल्ली और आईजीआई एयरपोर्ट को कनेक्ट करने के लिए जो राव तुलाराम (आरआरटी) फ्लाइओवर बनाया गया है, उससे ट्रैफिक इसी साल जून में शुरू होने वाला है। फ्लाइओवर का निर्माण कार्य अप्रैल तक पूरा हो जाएगा। पीडब्ल्यूडी विभाग के अफसरों का कहना है कि यहां से ट्रैफिक शुरू होने के बाद मुनीरका से आईजीआई एयरपोर्ट पहुंचने में 20 से 25 मिनट कम लगेंगे।
मुनीरका फ्लाइओवर के एक लेन होने बढ़ा जाम : पीडब्ल्यूडी विभाग के अफसरों के अनुसार अभी साउथ दिल्ली के मुनीरका, बसंत विहार और आसपास के इलाकों से आईजीआई एयरपोर्ट तक पहुंचना असान काम नहीं है। जाम की वजह से कई बार लोग टाइम पर एयरपोर्ट तक नहीं पहुंच पाते हैं। एयरपोर्ट से मुनीरका की ओर आने के लिए एक सिंगल लेन फ्लाइओवर है, जिसकी लंबाई 700 मीटर है। फ्लाइओवर की चौड़ाई 9 मीटर है। लेकिन, इस एरिया में हर साल करीब 5-7 प्रतिशत तक ट्रैफिक बढ़ने के कारण इस फ्लाइओवर से जाम की समस्या खत्म नहीं हो पा रही थी। इसी कारण इसी फ्लाइओवर के बराबर में ही एक दूसरा फ्लाइओवर बनाने का प्लान बनाया गया। नया फ्लाइओवर करीब 2.7 किमी लंबा है। नए फ्लाइओवर को एयरपोर्ट जाने के लिए लोग इस्तेमाल करेंगे।
करीब आधा घंटा बचेगा
एयरपोर्ट से मुनिरिका की ओर आने के लिए वर्तमान में तीन लेन को राव तुलाराम रोड और सिंगल लेन फ्लाइओवर का विकल्प है। लेकिन, जून से तीन लेन की सड़क फ्लाइओवर के नीचे और तीन लेन का फ्लाइओवर का विकल्प मिलेगा, इससे ट्रैफिक जाम बेहद कम होने की संभावना है।
85 प्रतिशत काम पूरा
फ्लाइओवर का निर्माण कार्य 85 प्रतिशत पूरा हो चुका है। फ्लाइओवर निर्माण के लिए करीब 77 स्पैन लगाना था, जिसमें से 65 स्पैन लग चुके हैं। बाकी 12 स्पैन मार्च के अंत तक लग जाएंगे। इस साल अप्रैल तक कंस्ट्रक्शन और फिनिशिंग वर्क भी पूरा हो जाएगा। इसके बाद दो महीने तक सेफ्टी इंस्पेक्शन किया जाएगा और जून से फ्लाइओवर शुरू कर दिया जाएगा।
बॉक्स मैटर
आरआरटी फ्लाईओवर का निर्माण कार्य शुरू हुआ : नवंबर, 2014
निर्माण कार्य पूरा होगा : अप्रैल, 2019
बनाने में खर्च : 211 करोड़
फ्लाईओवर की चौड़ाई : 3 लेन
फ्लाईओवर की लंबाई : 2.7 किमी
शुरू होने के बाद फ्लाईओवर पर ट्रैफिक : करीब एक लाख
कुल स्पैन लगाए जाएंगे : 77