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वीके सिंह के खिलाफ शिकायत पर 30 को आदेश

अदालत ने विदेश राज्यमंत्री जनरल वीके सिंह की कथित 'कुत्ता' टिप्पणी के खिलाफ एफआईआर की मांग कर रहे वकील की रिविजन पिटिशन पर अपना आदेश 30 अप्रैल तक के लिए सुरक्षित रख लिया है।

नवभारतटाइम्स.कॉम 18 Apr 2016, 10:27 pm
वस, कड़कड़डूमा कोर्ट
नवभारतटाइम्स.कॉम 30 order on the complaint against vk singh
वीके सिंह के खिलाफ शिकायत पर 30 को आदेश


अदालत ने विदेश राज्यमंत्री जनरल वीके सिंह की कथित 'कुत्ता' टिप्पणी के खिलाफ एफआईआर की मांग कर रहे वकील की रिविजन पिटिशन पर अपना आदेश 30 अप्रैल तक के लिए सुरक्षित रख लिया है। अडिशनल सेशन जज अजय गुप्ता ने मामले में दोनों पक्षों की पूरी दलीलें सुनने के बाद अपना आदेश सुरक्षित रखा। एडवोकेट सत्य प्रकाश गौतम ने मामले में याचिका दायर करते हुए सेशन जज से मैजिस्ट्रेट के उस आदेश पर दोबारा विचार (रिविजन पिटिशन) की मांग की, जिसमें सिंह को इस बयान के लिए क्लीन चिट दे दी गई थी। याचिकाकर्ता का कहना है कि मैजिस्ट्रेट ने ऐसे-ऐसे तर्क देकर कथित आरोपी का बचाव किया, जिनका जिक्र रेकॉर्ड में भी मौजूद नहीं हैं, जैसे कि आरोपी का कथित विवादित बयान देते हुए क्या इरादा रहा होगा, जिसके आधार पर शिकायत दायर की गई। शिकायती वकील ने कहा कि मैजिस्ट्रेट ने कथित आरोपी का वकील बनकर उसे बचाने की कोशिश की और महज इसी आधार पर संबंधित आदेश को खारिज कर दिया जाना चाहिए। मैजिस्ट्रेट ने पिछले साल 7 दिसंबर को शिकायतकर्ता की याचिका खारिज करते हुए कहा था कि पहली नजर में ऐसा कुछ नहीं दिखा कि वीके सिंह का मतलब पीड़ितों को 'कुत्ते' के बराबर बताना या उसके जैसा बर्ताव किए जाने से रहा हो। मैजिस्ट्रेट के आदेश के मुताबिक, उन्होंने (सिंह ने) घटना की जिम्मेदारी से केंद्र सरकार को अलग रखने के मकसद से हिंट दिया कि ऐसी हरकतों के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता, जिससे उसका कुछ लेना-देना न हो और वह लोकल नेचर की हो। उस दुखद घटना की वजह कुछ और हो सकती है। मैजिस्ट्रेट ने आदेश में यह भी कहा कि महज इसलिए कि वे दोनों पीड़ित दलित समुदाय से ताल्लुक रखती थीं, इस टिप्पणी को इस तरह से बढ़ा-चढ़ा कर पेश नहीं किया जाना चाहिए था कि सिंह का इरादा विक्टिम्स को 'कुत्ते' कहकर बुलाना था। शिकायती एडवोकेट ने अदालत से कथित आरोपी (जनरल सिंह) को एससी/एसटी (प्रिवेंशन ऑफ एट्रोसिटीज) एक्ट, आईटी एक्ट और आईपीसी के प्रावधानों के तहत समन करने और उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का निर्देश देने की मांग की।

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