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\Bनई दिल्ली \B: ग्रेटर नोएडा में अपना आलीशान फ्लैट्स और विला होने का सपना देखा था। जिंदगी की गाढ़ी कमाई लगा दी थी, लेकिन पेमेंट देने के बावजूद ख्वाब हकीकत में नहीं बदल सका। करीब 8 से 9 साल हो चुके हैं, जब बुकिंग कराई थी। रकम दिए हुए भी तीन से चार साल बीत चुके हैं, लेकिन ना तो बिल्डिंग दिख रही है और ना ही उसके बनने के आसार दिख रहे हैं। इसे देखते हुए 11 बायर्स ने दिल्ली पुलिस के इकनॉमिक्स ऑफेंस विंग (EOW) पर अपने साथ ठगी होने की शिकायत दी। शुरुआती जांच के बाद सुपरटेक के चेयरमैन और डायरेक्टरों के खिलाफ चीटिंग और अमानत में खयानत का केस दर्ज कर लिया गया है।
बायर्स में अपनी शिकायत में दावा किया है कि प्रोजेक्ट का प्रचार करते हुए कंपनी की तरफ से काफी सब्जबाग दिखाए गए थे। इसी से प्रभावित होकर उन्होंने अपना नया आशियाना बनाने का फैसला किया था। कस्टमर पैसा लगाने को भरोसे में लेने के लिए प्रोजेक्ट की तस्वीर दिखाई गई। इनमें से कुछ ने जनवरी 2010 में बुकिंग कर ली थी। सभी ने अलग-अलग साइज के फ्लैट बुक कराए थे। इस दौरान अलॉटमेंट लेटर समेत कई दस्तावेज बायर्स को सौंपे गए। इनसे अलग-अलग मद में लगातार पैसे लिए जाते रहे। इन ग्यारह बायर्स ने 14 लाख से लेकर 65 लाख तक जमा करा दिए हैं। इनमें से कई ने फुल पेमेंट कर दी है, लेकिन उन्हें अब तक पजेशन लेटर नहीं मिला है। इन सभी की तरफ से अब तक 2 करोड़ 76 लाख 25 हजार 932 रुपये कंपनी को दिए जा चुके हैं।
बायर्स का दावा है कि उन्होंने प्रस्तावित प्रोजेक्ट की साइट का दौरा किया तो पाया कि वह प्लान के मुताबिक नहीं बन रहा है। यही नहीं, यूपी सरकार की सक्षम अथॉरिटी से किसी भी तरह की अप्रूवल नहीं ली गई हैं। प्रोजेक्ट का प्रचार करते समय दावा किया गया था कि उनके पास सभी तरह की सरकारी मंजूरियां हैं। इस तरह के कई दस्तावेज हमें दिखाए गए थे। लेकिन अब कंपनी की तरफ से अब शिकायतों को नहीं सुना जा रहा है और कॉल्स भी अटेंड नहीं किए जा रहे हैं। इस तरह की जालसाजी काफी लोगों के साथ होने की बात सामने आ रही है। ईओडब्ल्यू ने इन शिकायतों की शुरुआती जांच कराई और फिर सबको एक साथ मिलाकर आईपीसी की धारा 420, 406 और 409 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है।