आमिर खान, नई दिल्ली
दिल्ली में एक पिता ने अपने बेटे के हत्यारों को माफ कर दिया। पिता द्वारा माफी दिए जाने के बाद दिल्ली के कोर्ट ने भी उनके बेटे के हत्यारों को रिहा कर दिया। हालांकि कोर्ट ने दोषियों का बैकग्राउंड ध्यान में रखते हुए उन्हें एक तय समयावधि के लिए रिहा किया है।
इन चारों को पार्किंग को लेकर हुए झगड़े में पीड़ित पर हमला करने के मामले में 10 साल की जेल की सजा सुनाई गई थी। कोर्ट ने कहा, 'दोषियों ने मृतक के पिता से माफी की गुहार लगाई थी, जिसके बाद पिता माफी देने के लिए तैयार भी हो गए थे। दोषियों में सुधार की पूरी संभावनाएं हैं।'
राहुल, संजीव दीपक और राजा ग्रामीण सेवा (फटफट सेवा) के ड्राइवर और क्लीनर थे। इन सभी पर पार्किंग के झगड़े को लेकर सनी नाम के युवक को बेरहमी से पीटने का आरोप था। सनी भी ग्रामीन सेवा का ड्राइवर था। 28 अप्रैल 2012 को अपना वाहन गलत तरीके से पार्क करने को लेकर सनी और इन चारों दोषियों के बीच झगड़ा हुआ था।
झगड़ा बढ़ता गया और फिर आरोपियों ने पीड़ित को लात-घूंसे मारने शुरू कर दिए। सनी का भाई जो कि इस घटना का गवाह था, ने दावा किया कि जब उसने चारों को रोकने की कोशिश की तो संजीव ने सनी को पत्थर से मारना शुरू कर दिया, जिससे उसके पेट में चोट लगी। सनी को एम्स ले जाया गया जहां बेड न मिलने की वजह से उसे प्राइवेट हॉस्पिटल में भर्ती कराना पड़ा। इस घटना के 3 दिन बाद सनी की मौत हो गई।
भाई की गवाही को विश्वसनीय मानते हुए कोर्ट ने कहा कि हो सकता है आरोपियों की मंशा पीड़ित की हत्या करना न रही हो लेकिन उन्होंने बिना-सोचे समझे पीड़ित को इतना पीटा की उसकी मौत हो गई। कोर्ट ने सभी दोषियों को मृतक के पिता को 6 लाख रुपये (1.5 लाख रुपये प्रति व्यक्ति) देने और 25 हजार रुपये प्रॉबेशन फंड के तौर पर देने का आदेश देते हुए सभी आरोपियों को एक अच्छे नागरिक के तौर पर व्यवहार करने को कहा है।
कोर्ट ने कहा,'दोषियों को प्रॉबेशन के दौरान शांति बनाए रखने, समाज में अच्छा व्यवहार करने और किसी भी तरह की आपराधिक गतिविधि में शामिल न होने का आदेश दिया गया है।' कोर्ट ने पुलिस को भी दोषियों पर नजर रखने को कहा है।
दिल्ली में एक पिता ने अपने बेटे के हत्यारों को माफ कर दिया। पिता द्वारा माफी दिए जाने के बाद दिल्ली के कोर्ट ने भी उनके बेटे के हत्यारों को रिहा कर दिया। हालांकि कोर्ट ने दोषियों का बैकग्राउंड ध्यान में रखते हुए उन्हें एक तय समयावधि के लिए रिहा किया है।
इन चारों को पार्किंग को लेकर हुए झगड़े में पीड़ित पर हमला करने के मामले में 10 साल की जेल की सजा सुनाई गई थी। कोर्ट ने कहा, 'दोषियों ने मृतक के पिता से माफी की गुहार लगाई थी, जिसके बाद पिता माफी देने के लिए तैयार भी हो गए थे। दोषियों में सुधार की पूरी संभावनाएं हैं।'
राहुल, संजीव दीपक और राजा ग्रामीण सेवा (फटफट सेवा) के ड्राइवर और क्लीनर थे। इन सभी पर पार्किंग के झगड़े को लेकर सनी नाम के युवक को बेरहमी से पीटने का आरोप था। सनी भी ग्रामीन सेवा का ड्राइवर था। 28 अप्रैल 2012 को अपना वाहन गलत तरीके से पार्क करने को लेकर सनी और इन चारों दोषियों के बीच झगड़ा हुआ था।
झगड़ा बढ़ता गया और फिर आरोपियों ने पीड़ित को लात-घूंसे मारने शुरू कर दिए। सनी का भाई जो कि इस घटना का गवाह था, ने दावा किया कि जब उसने चारों को रोकने की कोशिश की तो संजीव ने सनी को पत्थर से मारना शुरू कर दिया, जिससे उसके पेट में चोट लगी। सनी को एम्स ले जाया गया जहां बेड न मिलने की वजह से उसे प्राइवेट हॉस्पिटल में भर्ती कराना पड़ा। इस घटना के 3 दिन बाद सनी की मौत हो गई।
भाई की गवाही को विश्वसनीय मानते हुए कोर्ट ने कहा कि हो सकता है आरोपियों की मंशा पीड़ित की हत्या करना न रही हो लेकिन उन्होंने बिना-सोचे समझे पीड़ित को इतना पीटा की उसकी मौत हो गई। कोर्ट ने सभी दोषियों को मृतक के पिता को 6 लाख रुपये (1.5 लाख रुपये प्रति व्यक्ति) देने और 25 हजार रुपये प्रॉबेशन फंड के तौर पर देने का आदेश देते हुए सभी आरोपियों को एक अच्छे नागरिक के तौर पर व्यवहार करने को कहा है।
कोर्ट ने कहा,'दोषियों को प्रॉबेशन के दौरान शांति बनाए रखने, समाज में अच्छा व्यवहार करने और किसी भी तरह की आपराधिक गतिविधि में शामिल न होने का आदेश दिया गया है।' कोर्ट ने पुलिस को भी दोषियों पर नजर रखने को कहा है।