n प्रमुख संवाददाता, नई दिल्ली आग लगने के चौथे दिन भी एम्स के टीचिंग ब्लॉक में सांस लेना दूभर हो रहा है। आंखों में जलन, खांसी और सांस लेने में दिक्कत महसूस हो रही है। पांच फ्लोर के इस ब्लॉक में सैकड़ों फैकल्टी के ऑफिस हैं, लेकिन उनको बैठने तक की जगह नहीं मिल पा रही है। कुछ डॉक्टर ओपीडी खत्म होने के बाद भी अपना ऑफिस वाला काम भी ओपीडी वाले कमरे से ही कर रहे हैं। लेकिन उनके स्टाफ के लिए बिल्कुल जगह नहीं है। एम्स सूत्रों का कहना है कि माइक्रोबायोलॉजी के लैब में आग लगने की वजह से कई तरह की परेशानियां हो रही हैं। आग में लैब में रखे कई प्रकार के केमिकल्स भी जल गए हैं, इससे वहां पर बने कचरे का निपटारा करना भी आसान काम नहीं है और यह असुरक्षित भी हो सकता है। इस कचरे में कांच, लकड़ी, केमिकल्स, कई प्रकार के सैंपल, प्लास्टिक के अलावा ई-कचरा भी शामिल है। इसलिए इस कचरे को जल्द से जल्द निपटाने की का मांग उठाई जा रही है। अभी तक चार दिन बीत चुके हैं, यह कचरा कुछ दिन में सड़ने लगते हैं। चार दिन बाद भी उस बिल्डिंग में जलने की बदबू आ रही है, आंखों में जलन भी हो रही है। इसलिए ऊपर की मंजिल पर लोग ज्यादा देर तक नहीं रुक पा रहे हैं। एम्स के सीनियर फैकल्टी का कहना है कि पहले से ही कई विभागों के डॉक्टरों के पास अपने ऑफिस नहीं थे। जिनके पास थे उसमें से भी दर्जनों बिना ऑफिस के हो गए हैं। तीन चार दिनों से बिना दफ्तर के काम कर रहे हैं। वहीं सूत्रों का कहना है कि एम्स प्रबंधन ने एक सर्कुलर जारी कर कहा है कि सुबह साढ़े 9 से शाम 7 बजे तक उस आग वाली ब्लॉक में जाएं और इस दौरान हेलमेट जरूर पहन कर रहें। साथ ही जिनके पास ऑफिस नहीं है वो एम्स ट्रामा सेंटर जा सकते हैं। लेकिन फैकल्टियों का कहना है कि बार बार यहां वहां आना-जाना संभव नहीं है।
एम्स : आग के बाद कचरा बना मुसीबत, ब्लड सैंपल की जांच होगी हरियाणा में
n प्रमुख संवाददाता, नई दिल्लीआग लगने के चौथे दिन भी एम्स के टीचिंग ब्लॉक में सांस लेना दूभर हो रहा है। आंखों में जलन, खांसी और सांस लेने में ...
Navbharat Times 22 Aug 2019, 8:00 am