विस, नई दिल्ली : दिल्ली की प्रमुख यूनियन संगठनों ने अपनी मांगों को लेकर दिल्ली सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। काली-पीली टैक्सी, ऑटोरिक्शा, ग्रामीण सेवा, फटफट सेवा, मालवाहक वाहनों के ड्राइवरों ने ऐप बेस्ड टैक्सी सर्विसेज पर रोक लगाने की मांग की। ऑल दिल्ली ऑटो टैक्सी ट्रांसपोर्ट कांग्रेस यूनियन के अध्यक्ष किशन वर्मा और दिल्ली ऑटो रिक्शा संघ के महासचिव राजेंद्र सोनी का कहना है कि दिल्ली में ई-रिक्शाओं की बढ़ती तादाद पर तुरंत रोक लगाई जाए। साथ ही, अन्य स्टेट की टैक्सियों को भी दिल्ली से सवारी उठाने पर रोक लगाई जाए। संगठनों ने मांग की है कि ऑटो -टैक्सी एवं ग्रामीण सेवा व फटफट सेवा, छोटी मिनी बसों समेत सभी यात्री वाहनों का का भी किराया एक साथ बढ़ाया जाए। एसटीए ऑपरेटर्स एकता मंच के महासचिव श्यामलाल गोला का कहना है कि मिनी बसों व आरटीवी बसों का किराया बढ़ाया जाना बहुत जरूरी हो गया है, क्योंकि इन गाड़ियों का किराया पिछले दस साल से नहीं बढ़ा है। जबकि सीएनजी, इंश्योरेंस, सैलरी समेत तमाम खर्चे कई गुना बढ़ गए हैं। उनका कहना है कि सरकार को जल्द से जल्द मिनी बसों, आरटीवी, मेट्रो फीडर बसें, फटफट सेवा, ग्रामीण सेवा, मैक्सी कैब, इको फ्रेंडली गाड़ियों के किराये में बढ़ोतरी पर फैसला करना चाहिए।
ऑटो- टैक्सी संगठनों का प्रदर्शन
दिल्ली की प्रमुख यूनियन संगठनों ने अपनी मांगों को लेकर दिल्ली सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। काली-पीली टैक्सी, ऑटोरिक्शा, ग्रामीण सेवा, फटफट सेवा, ...
Navbharat Times 10 Apr 2019, 8:00 am