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शरारती बच्चे को मां ने घर से निकाला, 6 महीने रहा पार्क में

14 साल के एक बच्चे को उसकी मां ने कथित रूप से सिर्फ इसलिए घर से निकाल दिया क्योंकि वह उपद्रवी था और ज्यादा शैतानी करता था। चाइल्ड वेलफेअर कमिटी यानी CWC ने इस बच्चे को बचाया। बच्चे ने बताया कि वह अपने घर के पास बने पार्क में रह रहा है और भीख मांगकर अपना गुजारा चला रहा है।

टाइम्स न्यूज नेटवर्क 19 Oct 2016, 9:15 am
नई दिल्ली
नवभारतटाइम्स.कॉम boy abandoned by mother for being a nuisance
शरारती बच्चे को मां ने घर से निकाला, 6 महीने रहा पार्क में


राजधानी दिल्ली में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। 14 साल के एक बच्चे को उसकी मां ने कथित रूप से सिर्फ इसलिए घर से निकाल दिया क्योंकि वह उपद्रवी था और ज्यादा शैतानी करता था। बच्चे की मां केंद्रीय मंत्रालय में काम करती है और लोधी रोड पर एक सरकारी फ्लैट में रहती हैं। चाइल्ड वेलफेअर कमिटी यानी CWC ने इस बच्चे को बचाया जिसके बाद बच्चे ने बताया कि पिछले कुछ महीनों से वह अपने घर के पास बने पार्क में रह रहा है और भीख मांगकर अपना गुजारा चला रहा है।

CWC ने पिछले सप्ताह इस बच्चे को लाजपत नगर स्थित चिल्ड्रेन होम में भेज दिया। अधिकारियों का कहना है कि बच्चे को उसकी मां या फिर किसी रिश्तेदार के पास भेजने का प्रयास किया जा रहा है। पुलिस का कहना है कि इस मामले में CWC के अधिकारियों की शिकायत के आधार पर जूवेनाइल जस्टिस ऐक्ट के तहत केस दर्ज किया गया है। CWC के पास दर्ज कराए गए अपने बयान में पीड़ित बच्चे ने बताया कि घर में जब भी वह शैतानी करता था तो उसकी पिटाई की जाती थी और कमरे में बंद कर दिया जाता था। उसने बताया कि गाजियाबाद के एक निजी स्कूल में उसने कुछ सालों तक पढ़ाई की लेकिन उसके बाद स्कूल छोड़ दिया।

इसके बाद लोधी कॉलोनी के एक स्कूल में उसका दाखिला हुआ लेकिन क्लास 5 के बाद वहां से भी उसे निकाल दिया गया। इसके बाद उसने 2 स्कूल और बदले जहां उसने क्लास 8 तक पढ़ाई की। स्कूल प्रशासन अक्सर उसकी शिकायत उसके माता-पिता से करता था जिसके बाद उसे स्कूल से निकाल दिया गया।

CWC की रिपोर्ट के मुताबिक बच्चे की मां ने इसी साल अप्रैल महीने में नोएडा के एक डे बोर्डिंग ऐकैडमी में बच्चे का दाखिला कराने की कोशिश की थी लेकिन बच्चा एंट्रेंस एग्जाम पास नहीं कर सका। इस घटना के बाद उसका अपनी मां से बहुत बड़ा झगड़ा हुआ और गुस्से में उसने घर छोड़ दिया। उस रात वह अपने दोस्त के घर रहा और दूसरे दिन सुबह अपने घर वापस लौट आया। लेकिन उसकी मां ने उसे घर में रखने से मना कर दिया।

अपने बयान में बच्चे ने कहा, मैं अपने घर के पास ही बने एक पार्क में रहने लगा और मेरे दोस्तों ने मुझे खाना और पानी दिया। वह कुछ महीने तक उसी इलाके में अपने दोस्त के घर में रहा लेकिन उसके मां-बाप ने उससे संपर्क करने की कोशिश नहीं की। उसने बताया कि एक बार वह अपने घर भी गया था ताकि अपना सामान ले सके लेकिन घर पर ताला लगा था।

अक्टूबर के पहले हफ्ते में बच्चे ने अपने दोस्त के मोबाइल फोन से चाइल्ड हेल्पलाइन में फोन किया और अपनी आपबीती बतायी जिसके बाद CWC ने उसे बचाया। जब अधिकारियों ने बच्चे की मां से संपर्क किया तो उसने बताया कि उसे अपने बेटे के ठिकाने के बारे में कोई जानकारी नहीं है। अधिकारियों ने बताया कि जब बच्चा बहुत छोटा था तभी बच्चे के पिता और उसकी मां का तलाक हो गया था जिसके बाद बच्चे की मां ने दूसरी शादी कर ली और उसकी दो बेटियां हैं। हालांकि उसके दूसरे पति की भी 2012 में लिवर खराब होने से मौत हो गई।

बच्चे की मां का कहना है, 'मेरा बेटा गलत संगत में पड़ गया था और अक्सर घर से भाग जाया करता था। मैंने उसे कई स्कूलों में दाखिल कराया लेकिन हर जगह उसके खराब व्यवहार की वजह से उसे निकाल दिया जाता था। जब मैंने उससे बात करने की कोशिश की तो वह मेरे साथ भी दुर्व्यवहार करने लगा। मैंने उसे घर से निकल जाने के लिए कहा जिसके बाद वह अपने दोस्तों के घर पर रहने लगा। मुझे लगता है कि यह एक व्यक्तिगत मामला है जिसे समय के साथ सुलझा लिया जाएगा। मैंने पुलिस और CWC के लोगों को अपना जवाब दे दिया है। कुछ लोग मेरे बेटे की मासूमियत का फायदा उठाकर मेरे खिलाफ झूठा केस करने की कोशिश कर रहे हैं।'

CWC के अधिकारियों का कहना है कि बच्चे ने अपनी मां के पास घर वापस ना जाने का फैसला कर लिया है और वह वेलफेयर होम में ही रहना चाहता है। मेंटल एक्सपर्ट्स का कहना है कि वैसे बच्चे जो बचपन में अपने माता-पिता का तलाक देख चुके होते हैं वह डिप्रेशन में चले जाते हैं और ऐसे बच्चों में इस तरह का व्यवहार आम बात है।

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