सुनाक्षी गुप्ता, छतरपुर एक्सटेंशन
यहां रहने वालों के लिए सड़क, पानी व स्थायी सीवेज सिस्टम जैसी मूल सुविधआएं होना सपने जैसा है। अनधिकृत कॉलोनी होने की वजह से लोगों को बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। छतरपुर एक्सटेंशन में कुल सात ब्लॉक हैं, जिसमें करीब 6000 घरों में 60,000 लोग रहत हैं। इतनी बड़ी आबादी के लिए यहां सीवेज सिस्टम तक नहीं है।
घरों के नीचे पानी का टैंक : यहां के लोगों ने अपने घरों के नीचे टैंक बना रखा है, जिसमें वह पानी स्टोर करते हैं। हर दूसरे दिन यहां प्राइवेट टैंकर बुलाकर उसमें गंदा पानी खाली किया जाता है। जी-ब्लॉक के रहने वाले और आरडब्ल्यूए के महासचिव संतोष मिश्रा ने बताया कि इस कॉलोनी को 20 साल से ज्यादा समय हो चुका है। पहले कम लोग रहते थे, लेकिन आज की आबादी देखते हुए यहां मूलभूत सुविधाएं भी नहीं हैं। हम इसकी लंबे समय से मांग कर रहे हैं, जुलाई 2017 में विधायक करतार सिंह तंवर को लेटर लिखकर क्षेत्र में पानी की समस्या सामने रखी थी। इससे पहले भी हम संबंधित विभाग व विधायकों को पत्र लिख चुके हैं। इस सब के बावजूद आजतक किसी ने इस ओर ध्यान नहीं दिया।
घरों के अंदर आ जाता है पानी : पानी निकलने का कोई भी इंतजाम न होने के कारण बारिश के दिनों में इलाके में घुस पाना नामुमकिन हो जाता है। सी-ब्लॉक के रहनेवाले और जलवायु थलसेना गार्डन आरडब्ल्यूए अध्यक्ष एसके. तोमर ने बताया कि बारिश का पानी घरों तक आ जाता है, ऐसे में घर से बाहर निकलना मुश्किल हो जाता है। वहीं सड़क पर भी घुटने तक पानी भरा रहता है। लोग अपने घरों में कैद होने को मजबूर हो जाते हैं।
पानी के बाद यहां की दूसरी सबसे बड़ी समस्या है सड़क। बी-ब्लॉक में रहनेवाले पवन कुमार ने बताया कि कॉलोनी की सड़के इतनी छोटी हैं कि इमरजेंसी में यहां से फायर ब्रिगेड व एम्बुलेंस की गाड़ी तक नहीं निकल सकती। पार्किंग न होने के कारण, लोगों ने अपनी गाड़ियां सड़कों पर खड़ी कर रखी हैं, जिसकी वजह से सड़क का काफी हिस्सा घिर जाता है।