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दक्षिणी पश्चिमी जिले में सबसे तेजी से पैर फैला रहा है कोरोना

घनी आबादी वाली कॉलोनियों में कंटेनमेंट जोन की संख्या अधिक है। पालम कॉलोनी, मंगलापुरी, कैलाशपुरी, सागरपुर, सहयोग विहार, नजफगढ़ की कॉलोनियों, में कंटेनमेंट जोन बनाए जा रहे हैं।

Navbharat Times 30 Jun 2020, 11:44 am
नई दिल्ली: दिल्ली के दक्षिणी पश्चिमी जिले में कोरोना सबसे तेजी से पैर फैला रहा है। यहां पर अब तक कुल 87 कनटेनमेंट जोन बन चुके हैं। इनमें से 80 अभी एक्टिव हैं। इतना ही नहीं 21 जून से अब तक यहां 41 कनटेनमेंट जोन बन चुके हैं। बिगड़ते हालात को लेकर सोमवार को यहां एमएचए के जॉइंट सेक्रेटरी ने भी डीएम राहुल सिंह के साथ कनटेनमेंट जोन का निरीक्षण किया।
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दक्षिणी पश्चिमी जिले की बात करें तो यहां घनी आबादी वाला क्षेत्र कापसहेड़ा, पालम, डाबड़ी, मधु विहार, हस्तसल हैं। इसके अलावा दिल्ली की पहली प्लांड सब सिटी द्वारका भी है। इसके अलावा जनकपुरी, विकासपुरी जैसे पॉश एरिया भी यहां शामिल हैं। इसके अलावा यहां कई गांव भी आते हैं, लेकिन अगर कंनटेनमेंट जोन की बात की जाए तो कम ही सोसायटियों में कंटेनमेंट जोन सामने आए हैं। घनी आबादी वाली कॉलोनियों में कंटेनमेंट जोन की संख्या अधिक है। पालम कॉलोनी, मंगलापुरी, कैलाशपुरी, सागरपुर, सहयोग विहार, नजफगढ़ की कॉलोनियों, में कंटेनमेंट जोन बनाए जा रहे हैं। अधिकारियों के अनुसार कंटेनमेंट जोन इसलिए ज्यादा बन रहे हैं, क्योंकि इन कॉलोनियों में लोग पास-पास रहते हैं। ऐसे में संक्रमण फैलने का खतरा सबसे अधिक बना हुआ है।

हालांकि द्वारका की करीब 8 सोसायटियों में कंटेनमेंट जोन बनाए गए हैं। अधिकारियों के अनुसार जैसे-जैसे कंटेनमेंट जोन बढ़ रहे हैं समस्याएं भी बढ़ रही हैं। कंटेनमेंट जोन में लोगों को तमाम तरह की सुविधाएं उपलब्ध करवाने का जिम्मा प्रशासन का होता है। यहां पर पुलिस, प्रशासनिक और स्वास्थ्य विभाग की टीमें अपनी अपनी जिम्मेदारी के लिए रहती हैं। ताकि लोगों को किसी तरह की परेशानी न हो।

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दक्षिणी पश्चिमी जिले के बिगड़ते हालात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि नॉर्थ दिल्ली कंटेनमेंट जोन की संख्या में दूसरे नंबर पर है, जहां 59 कंटेनमेंट जोन हैं। अधिकारियों के अनुसार कोरोना संक्रमण के पहले चरण में यहां कोरोना के मामले तेजी से सामने आए। यहां से एयरपोर्ट नजदीक है और एयरलाइंस और एयरपोर्ट में काम करने वाले कर्मचारी इन्हीं एरिया में ज्यादातर रहते हैं। जिन्हें कोरोना के पहले चरण में ही क्वारंटीन किया गया। शुरुआत में स्थिति काबू में रही। इसके बाद शाहजहानबाद सोसायटी में जमात से जुड़े मामले सामने आए। इसके बाद कापसहेड़ा के एक मकान में 100 से अधिक मामले सामने आने के बाद स्थिति और बिगड़ी। यहां के गांव में भी कंटेनमेंट जोन सामने आए हैं। इस लिस्ट में कांगनहेड़ी से लेकर घुमनहेड़ा जैसे कुछ नाम शामिल हैं।

फेडरेशन ऑफ द्वारका सीजीएसएच की प्रेजिडेंट सुधा सिन्हा के अनुसार अनलॉक होने के बाद लोग काम पर जा रहे हैं। ऐसे में इनफेक्शन भी बढ़ रहा है। प्रशासन अपना काम कर रहा है। लोगों में भी कुछ लापरवाहियां नजर आ रही हैं। सभी को मिलकर काम करना होगा और समझना होगा।

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