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दिल्ली में है कोरोना की ‘तीसरी लहर’, ICU बेड्स के लिए सुप्रीम कोर्ट जाएगी सरकार

कोविड के बढ़ते मामले को लेकर पिछले दिनों दिल्ली सरकार ने 33 बड़े प्राइवेट अस्पतालों को अपने यहां 80 पर्सेंट आईसीयू बेड कोरोना मरीजों के लिए रिजर्व करने का आदेश दिया था, लेकिन दिल्ली सरकार के इस आदेश पर दिल्ली हाई कोर्ट ने रोक लगा दी थी। दिल्ली सरकार के मुताबिक इससे 800 आईसीयू बेड्स की कमी हो गई।

Navbharat Times 5 Nov 2020, 8:31 am
विशेष संवाददाता, नई दिल्ली
नवभारतटाइम्स.कॉम covid test
दिल्ली में कोविड की तीसरी लहर

पिछले कुछ दिनों से दिल्ली में रोजाना कोविड के 5 हजार से अधिक मामले आ रहे हैं। मंगलवार को यह संख्या 6 हजार से भी ऊपर पहुंच गई और जिस तेजी से मामले बढ़ रहे हैं उससे आने वाले दिनों में रोज 12 हजार मामले को लेकर जो भविष्यवाणी की गई थी, उसे बल मिल रहा है। मामले की गंभीरता को देखते हुए दिल्ली सरकार अलर्ट मोड में है और दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने माना ने भी यह मान लिया है कि कोविड की तीसरी लहर है और आने वाले दिनों में मरीज बढ़ने के साथ आईसीयू बेड्स की कमी हो सकती है। सत्येंद्र जैन ने कहा कि प्राइवेट अस्पतालों में आईसीयू बेड्स बढ़ाने के मुद्दे को लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे।

दरअसल, कोविड के बढ़ते मामले को लेकर पिछले दिनों दिल्ली सरकार ने 33 बड़े प्राइवेट अस्पतालों को अपने यहां 80 पर्सेंट आईसीयू बेड कोरोना मरीजों के लिए रिजर्व करने का आदेश दिया था, लेकिन दिल्ली सरकार के इस आदेश पर दिल्ली हाई कोर्ट ने रोक लगा दी थी। दिल्ली सरकार के मुताबिक इससे 800 आईसीयू बेड्स की कमी हो गई। बढ़ते मामले को लेकर सत्येन्द्र जैन ने कहा कि हां, यह तीसरा पीक कहा जा सकता है। लेकिन इसके साथ मेरा यह भी कहना है कि पिछले 15 दिनों में अपनी स्ट्रैटजी के साथ काम किया है। अग्रेसिव कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग कर रहे हैं, कोई भी व्यक्ति पॉजिटिव आता है तो उसके जितने भी कॉन्टैक्ट हैं उन सब के हम टेस्ट कर रहे हैं, उसकी वजह से भी नंबर बढ़ रहे हैं।


जहां तक प्राइवेट अस्पतालों में आईसीयू बेड और वेंटिलेटर की कमी की बात है, तो इस स्वास्थ्य मंत्री का कहना है कि बहुत से लोग प्राइवेट हॉस्पिटल में इलाज के लिए जा रहे हैं। इसके पीछे एक कारण भी है। कारण यह है कि जो दिल्ली से बाहर से आते हैं पहले से ही किसी प्राइवेट हॉस्पिटल का नाम सुनकर आता है और वह सीधा प्राइवेट में ही जाता है और दूसरा इस बार जो लोग पॉजिटिव हो रहे हैं वह अपर मिडिल क्लास और मिडिल क्लास में ज्यादा है, क्योंकि दिल्ली में जब कोरोना सबसे पहले फैला था वह घनी आबादी वाले इलाकों में फैला था, लेकिन अबकी बार थोड़ा अपर मिडिल क्लास सेगमेंट में जा रहा है। क्योंकि वो ज्यादा पैसा चुका सकते हैं इसलिए ज्यादातर लोग प्राइवेट में जा रहे हैं। साथ ही इंश्योरेंस वाले बहुत से लोग हैं। मैं कहूंगा कि सरकारी हो या प्राइवेट हो, हर जगह ट्रीटमेंट प्रोटोकोल एक समान है। सरकारी हॉस्पिटल में बेड और आईसीयू उपलब्ध है।

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