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पटाखों के लाइसेंस कैंसल, अब NGT के फैसले पर टिकी पटाखा निर्माताओं की नजर

एनजीटी अध्यक्ष जस्टिस आदर्श कुमार गोयल की बेंच ने गुरुवार को मामले में अपना आदेश सुरक्षित रखने से पहले संबंधित राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के साथ पटाखे बनाने वालों के संगठन को भी सुना। इंडियन फायरवर्क मैनुफक्चरर्स असोसिएशन की ओर से सीनियर एडवोकेट महेश जेठमलानी ने दलीलें रखीं।

Authored byप्राची यादव | Navbharat Times 9 Nov 2020, 8:39 am
नई दिल्ली: दिल्ली सरकार के फैसले से नाराज पटाखा विक्रेताओं की नजर अब नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल(एनजीटी) पर टिकी है, जो पटाखों पर प्रतिबंध से जुड़ी मांगों पर सोमवार को अपना फैसला सुनाएगा।
नवभारतटाइम्स.कॉम Firecrackers Ban
पटाखों की दुकान (फाइल फोटो)


शुरुआत में यह मांग राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और इसके आसपास के इलाकों में बढ़ते प्रदूषण और इससे कोरोना महामारी के और गंभीर शक्ल लेने की आशंकाओं के चलते उठाई गई थी। दूसरे राज्यों में भी इसी तरह की मांग उठी तो एनजीटी ने मामले का दायरा बढ़ा दिया और इसमें देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को भी शामिल कर लिया। सिर्फ उन राज्यों को छोड़कर जहां हालात के मद्देनजर पहले ही पटाखे जलाए जाने और उनकी बिक्री पर रोक लगा दी गई है। सबसे पहले ओडिशा और राजस्थान से इसकी शुरुआत हुई। बाद में दिल्ली सरकार ने भी यहां 7 नवंबर से लेकर 30 नवंबर के बीच पटाखे जलाए जाने पर बैन लगा दिया। वेस्ट बंगाल में कलकत्ता हाई कोर्ट ने इस संबंध में आदेश जारी किया है।

एनजीटी अध्यक्ष जस्टिस आदर्श कुमार गोयल की बेंच ने गुरुवार को मामले में अपना आदेश सुरक्षित रखने से पहले संबंधित राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के साथ पटाखे बनाने वालों के संगठन को भी सुना। इंडियन फायरवर्क मैनुफक्चरर्स असोसिएशन की ओर से सीनियर एडवोकेट महेश जेठमलानी ने दलीलें रखीं। एमिकस के तौर पर सीनियर एडवोकेट राज पंजवानी, केंद्र और सीपीसीबी की दलीलों पर भी गौर किया। बेंच ने कहा कि सुनवाई संपन्न हुई, आदेश सुरक्षित रखा जाता है। इसे 9 नवंबर की सुबह साढ़े दस बजे वेबसाइट पर अपलोड कर दिया जाएगा।

पटाखा निर्माताओं से कहा गया कि वे यदि अपने समर्थन में और कोई दलील देना चाहते हैं तो शुक्रवार शाम 4 बजे तक दे सकते हैं। इससे पहले अपने आदेश में एनजीटी ने कहा था कि देश के जिन भी शहरों में प्रदूषण का स्तर सीपीसीबी के तय मानकों से अधिक है, वहां पटाखों के इस्तेमाल पर रोक लगाई जा सकती है।
लेखक के बारे में
प्राची यादव
प्राची यादव नवभारत टाइम्स में विशेष संवाददाता। दिल्ली हाई कोर्ट, नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल, डिस्ट्रिक्ट और कंज्यूमर कोर्ट की रिपोर्टिंग। 2006 से पत्रकारिता में सक्रिय। कोर्ट रिपोर्टिंग में 15 साल का अनुभव। जनता के हित और जानकारी से जुड़ेी संबंधित खबरों के लिए Prachi.Yadav@timesgroup.com पर संपर्क कर सकते हैं।... और पढ़ें

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