विस, बदरपुर : सुबह करीब 8:30 बजे पीसीआर स्टाफ को 12 साल का एक लड़का मथुरा रोड पर बैठा मिला। वह स्कूल यूनिफॉर्म में था और काफी परेशान लग रहा था। वह रो भी रहा था, इसलिए मामले की गंभीरता को समझते हुए पीसीआर स्टाफ ने उसे अपनी गाड़ी में बिठा लिया। पूछताछ करने पर उसने अपना नाम बताया और खुद को राजस्थान के करौली जिले के रणोली गांव के होने की जानकारी दी।
डीसीपी (पीसीआर) शरत कुमार सिन्हा ने बताया कि एचसी हरपाल, कॉन्स्टेबल सुदामा और विजय ने पूछताछ की तो वह अपने माता-पिता और रिश्तेदारों के फोन नंबर नहीं बता सका। उसने बताया कि वो 18 नवंबर को दिल्ली आ गया था, जिसके बाद इधर-उधर भटक रहा है। पीसीआर स्टाफ ने बैग की तलाशी ली तो नोटबुक पर एक मोबाइल नंबर मिल गया। यह नंबर एक वेटरनरी हॉस्पिटल स्टाफ का था, जिसने गांव के सरपंच का नंबर दिया। सरपंच के जरिए लड़के के पिता को जानकारी मिल गई तो उसने अपने दिल्ली में रहने वाले भतीजे को पीसीआर टीम से कॉन्टैक्ट करने को कहा। पीसीआर स्टाफ खुद कॉल कर लड़के के कजिन को मौके पर बुलाया, जिसने मौके पर आकर लड़के की पहचान कर ली। बदरपुर थाने की पुलिस की मौजूदगी में उसे लड़के को सौंप दिया गया।