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एक वॉर्ड, 40 मरीज और 1 नर्स, कैसे मिलेगा बेहतर इलाज? दिल्ली के इस अस्पताल की नर्सों ने बताया हाल

दिल्ली के हॉस्पिटलों की हालात और ड्यूटी कर रहे डॉक्टरों और नर्सों की हालत कैसी है, इसका इसकी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि प्राइवेट हॉस्पिटलों में जहां 4 मरीजों पर एक नर्स होती है, वहीं सरकारी हॉस्पिटल में 40 मरीजों पर एक नर्स की ड्यूटी लगी है। खाली नर्सों की पोस्ट को भरा नहीं जा रहा है।

Edited byसरोज सिंह | नवभारत टाइम्स 28 Jan 2023, 12:35 pm
विशेष संवाददाता, नई दिल्ली: जब एक वॉर्ड में 40 मरीज पर एक नर्स की ड्यूटी हो तो ऐसे में मरीजों की केयर भगवान भरोसे ही है। जबकि सुपर स्पेशिएलिटी हॉस्पिटल में हर 4 बेड पर एक नर्स होनी चाहिए। जीबी पंत अस्पताल के नर्सिंग यूनियन का आरोप है कि अस्पताल में नाइट ड्यूटी के दौरान 40 मरीजों पर एक नर्स की ड्यूटी होती है। लगभग 200 पोस्ट खाली हैं। अस्पताल प्रशासन रिकंस्ट्रक्शन के नाम पर जनरल बेड्स, आईसीयू बेड्स बढ़ाए जा रही है, लेकिन 20 सालों से कोई नई अपॉइंटमेंट नहीं हुई है। असोसिएशन ने अपने इन आरोपों और परेशानी को लेकर दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग के डिप्टी हेल्थ सेक्रेटरी को पत्र लिखा है।
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जीबी पंत हॉस्पिटल (फाइल फोटो)


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जीबी पंत अस्पताल के नर्सिंग यूनियन की तरफ से डिप्टी हेल्थ सेक्रेटरी को लिखे पत्र में नर्सिंग स्टाफ की कमी के बारे में जानकारी दी गई है। पत्र में बताया गया है कि लगभग 50 नर्सिंग स्टाफ को जीबी पंत अस्पताल से हटाकर दूसरे अस्पताल भेज दिया गया है। यह भी लिखा गया है कि इवनिंग और नाइट ड्यूटी के दौरान हर वॉर्ड में केवल एक ही नर्सिंग स्टाफ की ड्यूटी होती है। स्टाफ की कमी का असर ऑपरेशन थियेटर और आईसीयू पर भी हो रहा है। यह भी लिखा गया है कि अस्पताल प्रशासन बिना जरूरी अप्रूवल के वॉर्ड में बेड और आईसीयू में बेड बढ़ा रही है और इसके लिए नर्सिंग स्टाफ की अपॉइंटमेंट के लिए कोई अप्रूवल नहीं लिया गया है।

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पत्र में स्वास्थ्य विभाग के उस आदेश का भी जिक्र किया गया है, जिसमें सभी अस्पतालों को स्टाफ की कमी का रिव्यू करके बताना था। जबकि अभी तक जीबी पंत अस्पताल में इस दिशा में कोई काम नहीं किया है। अस्पताल के नर्सिंग यूनियन के प्रेसिडेंट लीलाधर रामचंदानी ने कहा कि लगभग 200 बेड खाली हैं। पुराना ऑर्डर था कि स्टाफ सेक्शन के बिना नया डिपार्टमेंट नहीं खोला जाए, लेकिन अभी वॉर्ड का एक्सटेंशन हो रहा है। वॉर्ड 25बी, 28बी और वॉर्ड 35 का एक्सटेंशन किया गया है, लेकिन स्टाफ नहीं बढ़ा रहे हैं। इससे मरीजों को मिलने वाली सुविधा के साथ समझौता हो रहा है। 20 साल से नई पोस्ट नहीं क्रिएट हुई है, जो 20 साल पहले बेड की तुलना में पोस्ट बनाए गए थे, आज भी उसी आधार पर काम हो रहा है।
लेखक के बारे में
सरोज सिंह
सरोज सिंह नवभारटाइम्स.कॉम में असिस्टेंट एडिटर हैं. 20 साल से पत्रकारिता में हैं और इनकी विशेषज्ञता ऑनलाइन मीडिया में है। लाइफस्टाइल और एंटरटेनमेंट जुड़ी खबरों में इनकी रुचि है और ये फ़ीचर टीम को लीड कर चुकी हैं. फिलहाल यह न्यूज टीम का हिस्सा हैं.... और पढ़ें

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