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कोरोना काल में क्या प्राइवेट स्कूल ले सकेंगे एनुअल फीस? दिल्ली हाईकोर्ट ने सुनाया यह फैसला

हाईकोर्ट ने शिक्षा निदेशालय के बीते साल 18 अप्रैल और 28 अगस्त को जारी आदेशों में संबंधित हिस्से को अवैध मानते हुए निरस्त किया। कहा कि स्कूलों को एनुअल चार्जिस और डिवेलपमेंट फीस लेने से रोका जाना अवैध और डीएसई ऐक्ट के कानून और नियमों के खिलाफ है।

Authored byप्राची यादव | नवभारत टाइम्स 31 May 2021, 12:01 pm
नई दिल्ली
नवभारतटाइम्स.कॉम delhi hc school fee

दिल्ली हाई कोर्ट ने शिक्षा निदेशालय के उन आदेशों को निरस्त किया जिसमें प्राइवेट स्कूलों को निर्देश दिया गया था कि वे लॉकडाउन खत्म होने के बाद भी एनुअल चार्ज और डिवेलपमेंट फीस नहीं ले सकते जबतक स्कूलों में व्यक्तिगत मौजूदगी के साथ पढ़ाई शुरू नहीं हो जाती। हाई कोर्ट ने कहा कि निदेशालय को कोई अधिकार नहीं बतना कि वे स्कूलों को अनंत काल के लिए ऐसा करने से रोक कर रखे। इससे स्कूलों के साथ पक्षपात होगा और उनके कामकाज में बेतुकी बाधाएं पैदा कर सकता है।

अनएडिड कमिटी की याचिका पर फैसला
हाईकोर्ट ने शिक्षा निदेशालय के बीते साल 18 अप्रैल और 28 अगस्त को जारी आदेशों में संबंधित हिस्से को अवैध मानते हुए निरस्त किया। कहा कि स्कूलों को एनुअल चार्जिस और डिवेलपमेंट फीस लेने से रोका जाला अवैध और डीएसई ऐक्ट के कानून और नियमों के खिलाफ है। हाई कोर्ट ने प्राइवेट स्कूलों की अनएडिड कमिटी की याचिका पर यह फैसला सुनाया। साथ ही कुछ निर्देश भी जारी किए जिए ताकि स्कूल इसकी वसूली के लिए स्टूडेंट्स की पढ़ाई में बाधा न डालें।
लेखक के बारे में
प्राची यादव
प्राची यादव नवभारत टाइम्स में विशेष संवाददाता। दिल्ली हाई कोर्ट, नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल, डिस्ट्रिक्ट और कंज्यूमर कोर्ट की रिपोर्टिंग। 2006 से पत्रकारिता में सक्रिय। कोर्ट रिपोर्टिंग में 15 साल का अनुभव। जनता के हित और जानकारी से जुड़ेी संबंधित खबरों के लिए Prachi.Yadav@timesgroup.com पर संपर्क कर सकते हैं।... और पढ़ें

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