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पराली नहीं अपने ही प्रदूषण से घुट रहा दिल्ली का दम

पिछले दो सालों से दिल्ली का दम घुटने का दोष पराली को दिया जा रहा था, लेकिन सोमवार को बिना पराली के ही दिल्ली का दम घुट गया। दिल्ली का दम अपने ही ...

पूनम गौड़ | नवभारत टाइम्स 5 Dec 2017, 1:21 am
नई दिल्ली
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पिछले 2 सालों से दिल्ली का दम घुटने का दोष पराली को दिया जा रहा था लेकिन सोमवार को बिना पराली के ही दिल्ली का दम घुट गया। दिल्ली का दम अपने ही प्रदूषण से घुट रहा है। हफ्ते के पहले ही दिन दिल्ली के गैस चैंबर बन जाने से लोगों को परेशानियां भी महसूस हुई।

सोमवार को स्मॉग की परत काफी गहरी नजर आ रही थी। लोग आंखों और सीने में जलन, सिरदर्द और सांस लेने में तकलीफ का अहसास कर रहे थे। एक्सपर्ट के अनुसार मंगलवार शाम तक स्थिति के सामान्य होने की संभावना नहीं है। लोगों को इसी तरह घुटन भरी सांसें लेनी होगी। मंगलवार शाम से हवा थोड़ी सी तेज हो सकती है जिसके बाद प्रदूषण में मामूली कमी आएगी।

एक्सपर्ट के अनुसार इस बार दिल्ली का दम घुटने की वजह हवा की स्पीड का गिरना और हवा में नमी का स्तर बढ़ना है। तापमान में तेजी से आ रही कमी ने आग में घी का काम किया है। स्काईमेट के चीफ मेट्रोलॉजिस्ट डॉक्टर महेश पलावत के अनुसार मंगलवार शाम तक प्रदूषण से राहत मिलने की संभावना नहीं है। बादल छाए रहेंगे, हवा और तापमान में कमी जारी रहेगी।

ईपीसीए के अनुसार पराली का धुआं इस बार नहीं है। इस बार दिल्ली की अपनी वजहों से प्रदूषण में बढ़ोतरी हुई है। दिल्ली में सोमवार को सड़कों पर ट्रैफिक, फैक्ट्रियों से निकल रहा धुआं, ट्रकों के धुएं आदि की वजह से प्रदूषण इस स्तर तक पहुंच गया है। यह पहला मौका है जब बिना पराली के धुएं के दिल्ली में प्रदूषण का स्तर इतना अधिक बढ़ा है। आमतौर पर दिसंबर में दिल्ली की स्थिति बेहद खराब श्रेणी में ही रहती है।
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पूनम गौड़

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