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संसद तक कैसे पहुंचा राहुल गांधी का ट्रैक्‍टर? दिल्‍ली पुलिस के पास कोई जवाब नहीं

Rahul Gandhi Latest News: राहुल गांधी पिछले दिनों ट्रैक्‍टर चलाकर संसद पहुंचे थे। 15 अगस्त के समय आतंकी हमलों के खुफिया अलर्ट के बीच इस तरह की घटना को सुरक्षा में गंभीर चूक की तरह देखा जा रहा है और इसलिए सीनियर अधिकारी भी इस मामले को लेकर चुप्पी साधे बैठे हैं।

Edited byदीपक वर्मा | नवभारत टाइम्स 28 Jul 2021, 10:24 am

हाइलाइट्स

  • कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने चलाया बिना नंबर प्‍लेट वाला ट्रैक्‍टर
  • संसद के पास तक चलाकर आए, सुरक्षा पर खड़े हो रहे सवाल
  • कंटेनर में रखकर दिल्‍ली लाया गया था ट्रैक्‍टर, सुबह उतारा गया
  • किराए पर लिया गया, मालिक को पता नहीं था क्‍या होने वाला है
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नई दिल्ली
दिल्ली में एक तरफ संसद का मॉनसून सत्र चल रहा है, दूसरी तरफ आंदोलनकारी किसान दिल्ली की सीमाओं से चलकर रोज जंतर मंतर पर पहुंचकर प्रोटेस्ट कर रहे हैं। इस बीच 15 अगस्त की तैयारियां भी चल रहीं हैं। इस बार ड्रोन हमले के खतरे ने पहले ही दिल्ली पुलिस की नींद उड़ा रखी है। ऊपर से एक चिंता यह भी है कि कहीं 26 जनवरी पर किसानों ने लाल किले पर जो ट्रेलर दिखाया था, 15 अगस्त पर वह पूरी पिक्चर ना दिखा दें। इसे देखते हुए दिल्ली में सुरक्षा के कड़े इंतजाम करने का दावा दिल्ली पुलिस की तरफ से किया जा रहा था, लेकिन सोमवार को राहुल गांधी समेत कांग्रेस के अन्य नेताओं ने जिस तरह पुलिस को चकमा देकर संसद के पास ट्रैक्टर चलाकर विरोध प्रदर्शन किया, उसने पुलिस के दावों की पोल खोलकर रख दी है। इस प्रदर्शन के दौरान बिना नंबर प्लेट वाले ट्रैक्टर को जिस तरह से पहले नई दिल्ली में और फिर संसद के पास तक चलाकर लाया गया, उससे सुरक्षा इंतजामों को लेकर कई सवाल खड़े हो गए हैं।
कंटेनर में रखकर दिल्‍ली लाया गया था ट्रैक्‍टर
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, हरियाणा के सोनीपत से एक कंटेनर में रखकर उस ट्रैक्टर को दिल्ली लाया गया था, जिस पर सवार होकर राहुल गांधी सोमवार को संसद के पास पहुंचे थे। कंटेनर के चालक सुनील कुमार ने पूछताछ में पुलिस को बताया है कि वह धौला कुंआ के रास्ते मोतीलाल नेहरू मार्ग पर रहने वाले एक सांसद के आवास पर पहुंचा था। ट्रैक्टर को सोमवार की सुबह ही कंटेनर से उतारा गया और उसके बाद कांग्रेस नेता सीधे उसे लेकर मोतीलाल नेहरू मार्ग से होते हुए संसद के गेट नंबर 2 तक पहुंच गए। रास्ते में ट्रैक्टर को न तो कहीं रोका गया और ना संसद पहुंचने के पहले उसके मूवमेंट के बारे में सीनियर अधिकारियों को कोई जानकारी दी गई।


सुरक्षा में इतनी बड़ी चूक कैसे
ट्रैक्टर किराए पर मंगाया गया था और उसके मालिक को भी इस बारे में अधिक जानकारी नहीं थी कि ट्रैक्टर का आगे क्या इस्तेमाल किया जाने वाला है। यही वजह है कि इस घटना को अब दिल्ली और संसद की सुरक्षा में एक बड़ी सेंध की तरह देखा जा रहा है, लेकिन मामला राजनीतिक होने की वजह से दिल्ली पुलिस कांग्रेस के बड़े नेताओं पर हाथ डालने से भी कतरा रही है और दूसरी तरफ उसे जवाब देना भारी पड़ रहा है कि आखिर तमाम पाबंदियों और सुरक्षा इंतजामों के बावजूद ट्रैक्टर संसद के इतने नजदीक तक कैसे पहुंच गया। वह भी तब, जबकि पूरी नई दिल्ली में धारा 144 लगी हुई है और यहां की सड़कों पर बिना पूर्व अनुमति के ट्रैक्टर चलाने पर भी पाबंदी लगी हुई है। यही वजह है कि अब इस मामले में बलि के बकरे तलाशे जा रहे हैं, जिन पर गाज गिराकर मामले को रफा-दफा किया जा सके और सीनियर अधिकारियों तक इसकी आंच न पहुंचे।

इस घटना के बाद दिल्ली पुलिस ने सोमवार की सुबह कांग्रेस महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाल और यूथ कांग्रेस अध्यक्ष श्रीनिवास समेत 10 लोगों को हिरासत में लिया था, लेकिन शाम को उन सभी को छोड़ दिया गया। पुलिस अभी तक इस मामले में केस भी दर्ज नहीं कर पाई है, क्योंकि खुद पुलिस की भूमिका सवालों के घेरे में है।
लेखक के बारे में
दीपक वर्मा
दीपक वर्मा हिंदी बेल्‍ट में पले-बढ़े पत्रकार हैं। वह फिलहाल नवभारत टाइम्‍स ऑनलाइन में प्रिंसिपल डिजिटल कंटेंट प्रोड्यूसर हैं। प्रिंट मीडिया में आई नेक्‍स्‍ट-दैनिक जागरण से शुरुआत की। फिर डिजिटल जर्नलिज्म में आए। दीपक मूल रूप से लखनऊ के रहने वाले हैं। राजनीति, खेल, विज्ञान, अपराध समेत तमाम रोचक विषयों पर लिखते हैं।... और पढ़ें

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