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दिल्ली दंगे: पिता से मिलकर लौट रहे मोनिस की हत्या ने अदालत को भी किया भावुक

अदालत में नॉर्थ-ईस्ट दिल्ली दंगों से जुड़े मामलों की सुनवाई के दौरान रोजाना दर्दनाक कहानी सामने आ रही है। शनिवार को समयपुर बादली के रहने वाले मोनिस नाम के एक शख्स की कथित हत्या से जुड़ी कहानी ने अदालत को भी भावुक कर दिया।

Authored byप्राची यादव | नवभारत टाइम्स 19 Jul 2020, 1:01 pm
नई दिल्ली
नवभारतटाइम्स.कॉम delhi-riots

अदालत में नॉर्थ-ईस्ट दिल्ली दंगों से जुड़े मामलों की सुनवाई के दौरान रोजाना दर्दनाक कहानी सामने आ रही है। शनिवार को समयपुर बादली के रहने वाले मोनिस नाम के एक शख्स की कथित हत्या से जुड़ी कहानी ने अदालत को भी भावुक कर दिया। अदालत ने केस को संवेदनशील और आरोपों को गंभीर मानते हुए आरोपी टैक्सी ड्राइवर को जमानत देने से इनकार कर दिया।

अडिशनल सेशन जज विनोद यादव ने प्रदीप राय की जमानत अर्जी खारिज करते हुए कहा कि आवेदक पर बेहद संगीन आरोप हैं। केस बहुत ही संवेदनशील प्रकृति का है। वह मामले में आम गवाहों को धमकाने की कोशिश कर सकता है, जो उसी के इलाके के रहने वाले हैं और उनका अदालत के सामने परीक्षण होना बाकी है। राय की ओर से एडवोकेट आकाश वर्मा ने यह अर्जी दाखिल की थी। दलील दी कि उसे झूठे केस में फंसाया गया है। मृतक की कॉल डिटेल रिकॉर्ड(सीडीआर) की लोकेशन पर सवाल उठाया और तर्क दिया कि उस पर भरोसा करके नहीं चला जा सकता, क्योंकि वह उसी इलाके का रहने वाला है, जहां कथित घटना हुई।

पिता से मिलकर लौट रहा था मोनिस
मामले में अभियोजन के दो अहम आम गवाहों के प्लांटिड होने का भी दावा किया। जवाब में अभियोजन ने जो कहानी बयां की, वह अंदर तक हिलाकर रख देने वाली है। सरकारी वकील मनोज चौधरी ने कोर्ट को दंगों के दौरान मोनिस की हत्या से जुड़े पूरे घटनाक्रम से अवगत कराया। उनके मुताबिक, 25 फरवरी को मोनिस को उस वक्त दंगाइयों ने लाठी, डंडे, तलवार और पत्थरों से पीट पीट कर मौत के घाट उतार दिया, जब वह समयपुर बादली में रहने वाले अपने पिता से मिलकर लौट रहे थे। हाथ में मिठाई लेकर यमुना विहार बस स्टैंड पर उतरे मोनिस ने बृजपुरी इलाके में दंगा भड़कते हुए देखा तो पास में रहने वाले अपने एक रिश्तेदार के पास जाने की कोशिश करने लगे। उससे पहले ही वह दंगाइयों के हत्थे चढ़ गए, जिसमें कथित तौर पर प्रदीप राय भी शामिल था। इस मामले में पुलिस मृतक की सीडीआर लोकेशन और पीसीआर कॉल के आकलन के आधार पर केस से जुड़े अहम गवाहों तक पहुंची। उन्होंने आरोपी की पहचान उस दंगाई के रूप में की है जिन्होंने मोनिस पर कथित तौर पर हमला बोला और बाद में उनका फोन लूटकर भाग गए। जख्मी हालत में अस्पताल पहुंचाए गए पीड़ित की वहां मौत हो गई। पांच पुलिसवालों ने भी राय की पहचान मोनिस को मारने वालों में से एक शख्स के तौर पर की है।
लेखक के बारे में
प्राची यादव
प्राची यादव नवभारत टाइम्स में विशेष संवाददाता। दिल्ली हाई कोर्ट, नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल, डिस्ट्रिक्ट और कंज्यूमर कोर्ट की रिपोर्टिंग। 2006 से पत्रकारिता में सक्रिय। कोर्ट रिपोर्टिंग में 15 साल का अनुभव। जनता के हित और जानकारी से जुड़ेी संबंधित खबरों के लिए Prachi.Yadav@timesgroup.com पर संपर्क कर सकते हैं।... और पढ़ें

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