दिल्लीवालों ने जलाए उम्मीद के दिए
कोरोना संकट के बीच एकजुटता के लिए मोदी की पहल का दिल्लीवासियों ने भी दिल से स्वागत किया। पीएम ने रविवार को रात 9 बजे 9 मिनट के लिए अपने घर की सभी बत्तियां बंद करके घर के बाहर दरवाजे या खिड़की पर दीये, मोमबत्ती. टॉर्च या मोबाइल की फ्लैश लाइट जलाने की अपील की थी।
नवभारत टाइम्स 6 Apr 2020, 4:11 am
हाइलाइट्स
- पीएम मोदी की अपील पर दिल्लीवालों ने भी जलाए दीये
- रात 9 बजे 9 मिनट के लिए पीएम ने घर की लाइट बंत करने की अपील की थी
- कोरोना संकट के बीच दिल्लीवालों ने भी दिया एकजुटता का संदेश
- बीजेपी के नेताओं ने भई पीएम की अपील पर जलाए दीये
नई दिल्ली
कोरोना के खिलाफ जंग में देशवासियों की भागीदारी को सुनिश्चित करने और संकट के इस समय में साथ मिलकर उम्मीद का दीया जलाने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल का दिल्लीवासियों ने भी दिल से स्वागत किया। पीएम ने रविवार को रात 9 बजे 9 मिनट के लिए अपने घर की सभी बत्तियां बंद करके घर के बाहर दरवाजे या खिड़की पर दीये, मोमबत्ती. टॉर्च या मोबाइल की फ्लैश लाइट जलाने का आह्वान किया था। इसे लेकर दिल्ली लोगों में जबर्दस्त उत्साह देखने को मिला। अपने घरों के बाहर रोशनी करने के लिए लोगों ने सुबह से ही इंतजाम करने शुरू कर दिए थे। कोई दीपावाली के बचे हुए दीपक ढूंढकर निकाल रहा था, तो कोई नए दीयों का जुगाड़ करने में लगा हुआ था। कोई परचून की दुकान पर जाकर कैंडल्स खरीद रहा था, तो कोई दीपक में लगाने के लिए बत्तियां बना रहा था। सोशल मीडिया पर लोगों ने दोपहर से ही अपनी-अपनी तैयारियों से जुड़े फोटोज शेयर करने शुरू कर दिए थे।
दिल्ली में बीजेपी के कई नेताओं और कार्यकर्ताओं ने अपने-अपने इलाके में लोगों के बीच जाकर उन्हें दीए और मोमबत्तियां बांटे और उनसे रात को 9 बजे अपने घरों के बाहर दीपक जलाने का अनुरोध भी किया। वहीं कुछ नेताओं ने अपने घरों पर खास तैयारियां भी कीं। वेस्ट दिल्ली के बीजेपी सांसद प्रवेश वर्मा ने तो अपने घर के अहाते में दीये और मोमबत्तियों से भारत का नक्शा बनाया और उसके बीच में लिखा कि 'हम जीतेंगे'।
वहीं विधानसभा में विपक्ष के नेता रामबीर सिंह बिधूड़ी, दिल्ली बीजेपी के संगठन महामंत्री सिद्धार्थन, युवा मोर्चे के अध्यक्ष सुनील यादव आदि ने लोगों के घरों में जाकर दीये और मोमबत्तियां बांटीं। दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी ने भी एक विडियो संदेश जारी कर लोगों से इस पहल में हिस्सेदार बनने की अपील की।
इस पहल से जुड़ने के लिए लोग इस कदर उत्साहित थे कि कइयों ने प्रधानमंत्री के रात 9 बजे रोशनी जलाने के आह्वान को दरकिनार करते हुए शाम को 7-8 बजे से ही अपने घरों के बाहर दीये और मोमबत्तियां जलाने और उनके फोटोज सोशल मीडिया पर शेयर करने शुरू कर दिए थे।
कई लोगों ने तो अपने घरों के दरवाजे पर बाकायदा आटे या रंगों से दीपावली की तर्ज पर रंगोलियां भी बनाईं, वहीं कुछ महिलाओं ने पारंपरिक तरीके से आटे के दीपक बनाकर दीप जलाए। इन महिलाओं ने बताया कि मार्केट बंद होने की वजह से उन्हें ना दीए मिल पाए और ना मोमबत्तियां, लेकिन फिर भी वे हर हाल में इस पहल का हिस्सा बनना चाहती थीं, इसलिए उन्होंने घर में ही नवरात्रों पर घरों में पूजन के दौरान जोत जलाने के लिए बनाए जाने वाले आटे के 9 दीये बना लिए। कुछ लोगों ने तो दीपावली की तर्ज पर अपने घरों के बाहर बाकायदा झालरें लटकाकर भी रोशनी की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील से लाखों लोगों के जुड़ने की वजह से अप्रैल में चैत्र नवरात्र के बाद ही दीपावली का माहौल भी बन गया। उत्साह में आकर कई लोगों ने दीपावली के बचे-खुचे पटाखे निकाल लिए और सड़क पर आकर खुलेआम आतिशबाजी कर डाली। हैरानी की बात यह थी कि इतना सबकुछ खुलेआम हो रहा था, लेकिन इसके बावजूद पुलिस कहीं नजर नहीं आ रही थी। ऐसे लोगों पर पुलिस कार्रवाई करती भी कहीं नजर नहीं आई। इस दौरान दमकल विभाग भी अलर्ट पर था।
लॉकडाउन की सबसे ज्यादा मार झेल रहे दिल्ली के बुजुर्गों के लिए यह पहल जरूर बेहद खास रही। कई बुजुर्गों ने रात को अपने घर के बाहर दरवाजे और खिड़कियों पर दीप जलाए और हालात के जल्द सुधरने की कामना की। वहीं कई कई बुजुर्ग अपने परिवार के सदस्यों के साथ मिलकर दीप जलाते दिखे। रात 9 बजे अपने घरों के बाहर दीए और मोमबत्तियां जलाने के बाद जब लोग टॉर्च और मोबाइल की फ्लैश लाइटें जलाकर अपने घरों की खिड़कियों, बालकनियों और छतों पर इकट्ठा हुए तो बेहद खूबसूरत नजारा भी देखने को मिला।
इस दौरान बच्चों और महिलाओं का उत्साह भी देखने लायक था। कई लोगों ने मोहल्ले के अन्य लोगों का जोश बढ़ाने के लिए अपने घरों में देशभक्ति के गाने भी बजा दिए, जिनकी आवाज दूर से ही सुनाई दे रही थी। तो वहीं कई लोगें ने गायत्री मंत्र, शंख, थालियां और मंजीरे बजाकर इस मुहिम में अपनी भागीदारी दी। इसके बाद लोगों ने मोबाइल से फोटोज और विडियोज बनाकर सोशल मीडिया पर धड़ाधड़ उन्हें शेयर करना भी शुरू कर दिया। इसके चलते रात 9 से 10 बजे के बीच इंटरनेट की स्पीड पर भी असर पड़ा और नेट स्लो हो गया।
सोशल मीडिया भी पर इस मुहिम के समर्थकों और विरोधियों के बीच जमकर मुकाबला चला। ट्विटर पर '9 बजे 9 मिनट' और 'दीया जलाओ भारत जोड़ो' जैसे हैशटैग जहां ट्विटर पर नंबर वन पर ट्रेंड करते रहे, तो वहीं 'मोदी जी हम दीप नहीं जलाएंगे' और 'दिमाग की बत्ती जलाओ' जैसे हैशटेग भी टॉप 10 में ट्रेंड करते रहे।
कोरोना के खिलाफ जंग में देशवासियों की भागीदारी को सुनिश्चित करने और संकट के इस समय में साथ मिलकर उम्मीद का दीया जलाने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल का दिल्लीवासियों ने भी दिल से स्वागत किया। पीएम ने रविवार को रात 9 बजे 9 मिनट के लिए अपने घर की सभी बत्तियां बंद करके घर के बाहर दरवाजे या खिड़की पर दीये, मोमबत्ती. टॉर्च या मोबाइल की फ्लैश लाइट जलाने का आह्वान किया था।
दिल्ली में बीजेपी के कई नेताओं और कार्यकर्ताओं ने अपने-अपने इलाके में लोगों के बीच जाकर उन्हें दीए और मोमबत्तियां बांटे और उनसे रात को 9 बजे अपने घरों के बाहर दीपक जलाने का अनुरोध भी किया। वहीं कुछ नेताओं ने अपने घरों पर खास तैयारियां भी कीं। वेस्ट दिल्ली के बीजेपी सांसद प्रवेश वर्मा ने तो अपने घर के अहाते में दीये और मोमबत्तियों से भारत का नक्शा बनाया और उसके बीच में लिखा कि 'हम जीतेंगे'।
वहीं विधानसभा में विपक्ष के नेता रामबीर सिंह बिधूड़ी, दिल्ली बीजेपी के संगठन महामंत्री सिद्धार्थन, युवा मोर्चे के अध्यक्ष सुनील यादव आदि ने लोगों के घरों में जाकर दीये और मोमबत्तियां बांटीं। दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी ने भी एक विडियो संदेश जारी कर लोगों से इस पहल में हिस्सेदार बनने की अपील की।
इस पहल से जुड़ने के लिए लोग इस कदर उत्साहित थे कि कइयों ने प्रधानमंत्री के रात 9 बजे रोशनी जलाने के आह्वान को दरकिनार करते हुए शाम को 7-8 बजे से ही अपने घरों के बाहर दीये और मोमबत्तियां जलाने और उनके फोटोज सोशल मीडिया पर शेयर करने शुरू कर दिए थे।
कई लोगों ने तो अपने घरों के दरवाजे पर बाकायदा आटे या रंगों से दीपावली की तर्ज पर रंगोलियां भी बनाईं, वहीं कुछ महिलाओं ने पारंपरिक तरीके से आटे के दीपक बनाकर दीप जलाए। इन महिलाओं ने बताया कि मार्केट बंद होने की वजह से उन्हें ना दीए मिल पाए और ना मोमबत्तियां, लेकिन फिर भी वे हर हाल में इस पहल का हिस्सा बनना चाहती थीं, इसलिए उन्होंने घर में ही नवरात्रों पर घरों में पूजन के दौरान जोत जलाने के लिए बनाए जाने वाले आटे के 9 दीये बना लिए। कुछ लोगों ने तो दीपावली की तर्ज पर अपने घरों के बाहर बाकायदा झालरें लटकाकर भी रोशनी की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील से लाखों लोगों के जुड़ने की वजह से अप्रैल में चैत्र नवरात्र के बाद ही दीपावली का माहौल भी बन गया। उत्साह में आकर कई लोगों ने दीपावली के बचे-खुचे पटाखे निकाल लिए और सड़क पर आकर खुलेआम आतिशबाजी कर डाली। हैरानी की बात यह थी कि इतना सबकुछ खुलेआम हो रहा था, लेकिन इसके बावजूद पुलिस कहीं नजर नहीं आ रही थी। ऐसे लोगों पर पुलिस कार्रवाई करती भी कहीं नजर नहीं आई। इस दौरान दमकल विभाग भी अलर्ट पर था।
लॉकडाउन की सबसे ज्यादा मार झेल रहे दिल्ली के बुजुर्गों के लिए यह पहल जरूर बेहद खास रही। कई बुजुर्गों ने रात को अपने घर के बाहर दरवाजे और खिड़कियों पर दीप जलाए और हालात के जल्द सुधरने की कामना की। वहीं कई कई बुजुर्ग अपने परिवार के सदस्यों के साथ मिलकर दीप जलाते दिखे। रात 9 बजे अपने घरों के बाहर दीए और मोमबत्तियां जलाने के बाद जब लोग टॉर्च और मोबाइल की फ्लैश लाइटें जलाकर अपने घरों की खिड़कियों, बालकनियों और छतों पर इकट्ठा हुए तो बेहद खूबसूरत नजारा भी देखने को मिला।
इस दौरान बच्चों और महिलाओं का उत्साह भी देखने लायक था। कई लोगों ने मोहल्ले के अन्य लोगों का जोश बढ़ाने के लिए अपने घरों में देशभक्ति के गाने भी बजा दिए, जिनकी आवाज दूर से ही सुनाई दे रही थी। तो वहीं कई लोगें ने गायत्री मंत्र, शंख, थालियां और मंजीरे बजाकर इस मुहिम में अपनी भागीदारी दी। इसके बाद लोगों ने मोबाइल से फोटोज और विडियोज बनाकर सोशल मीडिया पर धड़ाधड़ उन्हें शेयर करना भी शुरू कर दिया। इसके चलते रात 9 से 10 बजे के बीच इंटरनेट की स्पीड पर भी असर पड़ा और नेट स्लो हो गया।
सोशल मीडिया भी पर इस मुहिम के समर्थकों और विरोधियों के बीच जमकर मुकाबला चला। ट्विटर पर '9 बजे 9 मिनट' और 'दीया जलाओ भारत जोड़ो' जैसे हैशटैग जहां ट्विटर पर नंबर वन पर ट्रेंड करते रहे, तो वहीं 'मोदी जी हम दीप नहीं जलाएंगे' और 'दिमाग की बत्ती जलाओ' जैसे हैशटेग भी टॉप 10 में ट्रेंड करते रहे।