विस, नई दिल्ली: तिहाड़ जेल में बंद बुजुर्ग कैदियों की हर दिन स्वास्थ्य जांच की जा रही है। तमाम कैदियों से कह दिया गया है कि अगर उन्हें जरा सी भी कोई तकलीफ महसूस होती है। वह तुरंत इसकी जानकारी जेल स्टाफ को दें। अभी तक जेल में दो बुजुर्ग कैदियों की मौत हुई है। दोनों की मौत कोरोना होने की वजह से हुई है।
जेल प्रशासन का कहना है कि मौजूदा समय में जेल में 65 और इससे अधिक की उम्र वाले 100 से अधिक कैदी बंद हैं। इनमें 60 साल से 65 साल की उम्र वालों का अभी ब्योरा लिया जा रहा है कि इस उम्र वाले कितने कैदी जेल में बंद हैं। इन तमाम बुजुर्ग कैदियों को कोरोना से बचाने के लिए हर दिन जांच की जा रही है। इसमें इनका बुखार, जुकाम और खांसी आदि जैसी शिकायतों के बारे में भी पूछा जा रहा है।
जेल प्रशासन का कहना है कि ऐसा नहीं है कि तिहाड़, रोहिणी और मंडोली जेलों में बंद केवल बुजुर्ग कैदियों की देखभाल को ही प्राथमिकता दी जा रही है। बल्कि अन्य कैदियों के स्वास्थ्य पर भी ध्यान दिया जा रहा है। लेकिन बुजुर्ग कैदियों में वायरस अटैक का खतरा अधिक हो सकता है। इस लिहाज से उनके स्वास्थ्य पर अधिक ध्यान दिया जा रहा है।
जेल प्रशासन का कहना है कि मौजूदा समय में जेल में 65 और इससे अधिक की उम्र वाले 100 से अधिक कैदी बंद हैं। इनमें 60 साल से 65 साल की उम्र वालों का अभी ब्योरा लिया जा रहा है कि इस उम्र वाले कितने कैदी जेल में बंद हैं। इन तमाम बुजुर्ग कैदियों को कोरोना से बचाने के लिए हर दिन जांच की जा रही है। इसमें इनका बुखार, जुकाम और खांसी आदि जैसी शिकायतों के बारे में भी पूछा जा रहा है।
जेल प्रशासन का कहना है कि ऐसा नहीं है कि तिहाड़, रोहिणी और मंडोली जेलों में बंद केवल बुजुर्ग कैदियों की देखभाल को ही प्राथमिकता दी जा रही है। बल्कि अन्य कैदियों के स्वास्थ्य पर भी ध्यान दिया जा रहा है। लेकिन बुजुर्ग कैदियों में वायरस अटैक का खतरा अधिक हो सकता है। इस लिहाज से उनके स्वास्थ्य पर अधिक ध्यान दिया जा रहा है।