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दिल्ली की 10% आबादी को भी नहीं लगी कोविड वैक्सीन की दोनों डोज, कोरोना की तीसरी लहर आई तो क्या होगा

Corona Vaccine Updates in Delhi : राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कोरोना वायरस की दूसरी लहर में हाहाकार मच गया था। ऑक्सिजन और बेड की कमी के कारण चारों तरफ अफरा-तफरी का आलम हो गया था।

Reported byसिमरनजीत सिंह | Edited byनवीन कुमार पाण्डेय | सांध्य टाइम्स 6 Jul 2021, 12:47 pm

हाइलाइट्स

  • सेकंड वेव से बनी एंटीबॉडीज कर सकती हैं तीसरी लहर से लड़ने में मदद
  • वैक्सीन लगवाने वालों को शायद डेल्टा प्लस दे दे कुछ परेशानी
  • हालांकि, अब तक दिल्ली की बड़ी आबादी में बन चुकी है एंटीबॉडीज
  • वैक्सीनेशन में तेजी लाने की है जरूरत
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नई दिल्ली
दिल्ली सहित पूरे देश में सेकंड वेव अब खत्म होती नजर आ रही है लेकिन इस बीच तीसरी वेव आने की संभावनाएं गहरा रही हैं। अब एसबीआई ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि अगले महीने ही तीसरी लहर आ सकती है। ऐसे में दिल्ली पर इसका क्या असर होगा क्योंकि दिल्ली की आबादी के हिसाब से अभी 10 प्रतिशत जनता भी पूरी तरह से वैक्सीनेटेड नहीं हो पाई है। केवल 9.67 प्रतिशत लोगों को ही दोनों डोज लगी हैं।

ऐसे तीसरी लहर से बच सकती है दिल्ली

सफदरजंग अस्पताल में मेडिसिन डिपार्टमेंट के हेड डॉ. जुगल किशोर का कहना है कि भले ही दिल्ली में अभी कम लोगों को दोनों डोज लगी हैं लेकिन एक बड़ी आबादी ऐसी है जो सेकंड वेव में या उससे पहले कोरोना संक्रमण का शिकार हो चुकी है। ऐसे में उन लोगों में भी एंटीबॉडीज हैं जो तीसरी लहर आने पर कोरोना वायरस से लड़ सकती हैं। जिन लोगों को कोरोना संक्रमण नहीं हुआ है, उनके लिए वैक्सीन लेना बेहद जरूरी है।
इसके अलावा जिन्हें संक्रमित हुए छह महीने से ज्यादा समय हो गया है, उन्हें भी वैक्सीन ले लेनी चाहिए। यदि इन लोगों को वैक्सीन लग जाए तो तीसरी वेव का दिल्ली पर वैसा असर नहीं पड़ेगा, जैसा सेकंड वेव में पड़ा था। साथ ही मृत्युदर भी सेकंड वेव के मुकाबले कम रहने की उम्मीद है। तीसरी लहर में केस वहां बढ़ेंगे जहां पहली या दूसरी लहर में ज्यादा केस नहीं आए हैं। यह कोई डिस्ट्रिक्ट भी हो सकता है और कोई राज्य भी।

डेल्टा वैरियेंट का खतरा

हालांकि, एक खतरा यह हो सकता है कि शायद डेल्टा प्लस वैरियंट उन लोगों को भी थोड़ा ज्यादा संक्रमित कर दे जिन्हें वैक्सीन लगी है। इनकी स्थिति माइल्ड से मॉडरेट तक हो सकती है और कुछ में गंभीर भी। जनवरी में हुए सीरो सर्वे में 50 प्रतिशत के करीब लोगों में एंटीबॉडीज मिली थीं और सेकंड वेव से पहले के सैंपल के आधार पर एम्स के सीरो सर्वे में 70 प्रतिशत से ज्यादा लोगों में एंटीबॉडीज मिली थीं।

ऐसे में सेकंड वेव के बाद एंटीबॉडीज वाले लोगों की संख्या में बेहद इजाफा हुआ होगा जिसकी वजह से तीसरी लहर से बचने में मदद मिल सकती है। तीसरी लहर यदि आती है तो उन लोगों के ही संक्रमित होने के चांस हैं जिन्हें अभी तक संक्रमण नहीं हुआ है या फिर वैक्सीन नहीं ली है। ऐसे में जरूरी है कि इस वक्त ज्यादा से ज्यादा वह लोग वैक्सीन लगवा लें जो इससे बचे हुए हैं।


दिल्ली में टीकाकरण का हाल

बता दें कि दिल्ली में अभी तक 84,63,689 लोगों को वैक्सीन दी गई है। इनमें पहली डोज लेने वालों की संख्या 65,23,882 है तो वहीं दूसरी डोज लेने वालों की संख्या 19,39,807 है। वैसे तो दिल्ली में पिछले कई दिनों से रोजाना एक से डेढ़ लाख लोगों को वैक्सीन लगाई जा रही है लेकिन रविवार को महज 9,503 लोगों को ही वैक्सीन लगी है तो वहीं सोमवार को केवल 80,842 वैक्सीन की डोज ही लग पाई हैं।

दिल्ली में सबसे ज्यादा वैक्सीनेशन 18 से 44 साल की उम्र के लोगों की हुई है। इस उम्र के 39,91,391 लोगों को वैक्सीन लगी है। वहीं 45 से 60 उम्र वाले करीब 27,36,533 लोगों को वैक्सीन लग चुकी है। 60 साल से ज्यादा उम्र के वैक्सीन लगवाने वाले लोगों का आंकड़ा 17,35,765 है। महिलाओं और पुरुषों की बात करें तो अभी तक दिल्ली में 48,97,041 पुरुषों और 35,64,896 महिलाओं को वैक्सीन लग चुकी है।
लेखक के बारे में
सिमरनजीत सिंह
पत्रकार हूं और सान्ध्य टाइम्स व नवभारत टाइम्स के लिए आर्टिकल लिखता हूं। दिल्ली में स्वास्थ्य, मेट्रो से जुडी चीजें, दिल्ली गुरुद्वारा कमिटी, एनडीएमसी आदि बीट कवर करता हूं। पत्रकारिता में पांच साल का अनुभव है और लगातार सीखने का प्रयास करता रहता हूं। यही कोशिश रहती है कि पाठकों तक तथ्यों के साथ सही जानकारी जल्द से जल्द पहुंचा सकूं।... और पढ़ें

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