नई दिल्ली
जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी प्रशासन ने हॉस्टल फीस बढ़ोतरी के विवाद को सुलझाने के लिए एक ऑनलाइन हाई लेवल कमिटी तैयार की है। जेएनयू रजिस्ट्रार डॉ. प्रमोद कुमार ने रविवार को इस सिलसिले में एक सर्कुलर जारी किया। सर्कुलर में कहा गया है कि यूनिवर्सिटी की कॉम्पिटेंट अथॉरिटी (सक्षम अधिकारी) ने हाई लेवल कमिटी बनाई है, जो कि जेएनयू हॉस्टल फीस के मसलों का हल निकालने के लिए स्टूडेंट्स के प्रतिनिधियों से सुझाव लेगी। हालांकि सर्कुलर के हिसाब से सुझाव देने के लिए स्टूडेंट्स को रविवार शाम यानी 24 नवंबर, शाम 5.30 बजे तक का वक्त दिया गया है।
जेएनयू के रेक्टर 3 डॉ. राणा पी सिंह को इस कमिटी का चेयरमैन बनाया गया है। इसके अलावा इस कमिटी में स्कूल ऑफ इंटरनैशनल स्टडीज के डीन प्रफेसर अश्वनी महापात्रा, स्कूल ऑफ संस्कृत ऐंड इंडिक स्टडीज के डीन प्रफेसर गिरीश नाथ झा, स्कूल ऑफ बायोटेक्नॉलजी के डीन प्रफेसर पवन कुमार धर, डीन ऑफ स्टूडेंट्स प्रोफेसर उमेश कदम, असोसिएट डीन स्टूडेंट्स डॉ. वंदना मिश्रा और प्रोवोस्ट नीरजा समजदार शामिल हैं।
इस कमिटी पर जेएनयू स्टूडेंट्स यूनियन ने नाराजगी जाहिर करते हुए इसे प्रशासन का ड्रामा बताया है। यूनियन की प्रेजिडेंट आईसी घोष ने कहा कि इस कमिटी के सभी मेंबर्स जेएनयू वीसी की सोच वाले उनकी टीम के मेंबर हैं। कमिटी में जेएनयू स्टूडेंट्स यूनियन को जगह नहीं दी गई है। हैरानी की बात यह है कि रविवार सुबह कमिटी बनाई गई और रविवार शाम को ही स्टूडेंट्स से सुझाव मांगे जा रहे हैं। यूनियन का कहना है कि एचआरडी मिनिस्ट्री की हाई लेवल कमिटी जब जांच कर रही है, तो इसी बीच प्रशासन की हाई लेवल कमिटी बनाने का नाटक शर्मनाक है। यूनिवर्सिटी के संविधान के हिसाब से इस के लिए इंटर हॉल ऐडमिनिस्ट्रेशन है, ना कि इस तरह की कमिटी।
जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी प्रशासन ने हॉस्टल फीस बढ़ोतरी के विवाद को सुलझाने के लिए एक ऑनलाइन हाई लेवल कमिटी तैयार की है। जेएनयू रजिस्ट्रार डॉ. प्रमोद कुमार ने रविवार को इस सिलसिले में एक सर्कुलर जारी किया। सर्कुलर में कहा गया है कि यूनिवर्सिटी की कॉम्पिटेंट अथॉरिटी (सक्षम अधिकारी) ने हाई लेवल कमिटी बनाई है, जो कि जेएनयू हॉस्टल फीस के मसलों का हल निकालने के लिए स्टूडेंट्स के प्रतिनिधियों से सुझाव लेगी। हालांकि सर्कुलर के हिसाब से सुझाव देने के लिए स्टूडेंट्स को रविवार शाम यानी 24 नवंबर, शाम 5.30 बजे तक का वक्त दिया गया है।
जेएनयू के रेक्टर 3 डॉ. राणा पी सिंह को इस कमिटी का चेयरमैन बनाया गया है। इसके अलावा इस कमिटी में स्कूल ऑफ इंटरनैशनल स्टडीज के डीन प्रफेसर अश्वनी महापात्रा, स्कूल ऑफ संस्कृत ऐंड इंडिक स्टडीज के डीन प्रफेसर गिरीश नाथ झा, स्कूल ऑफ बायोटेक्नॉलजी के डीन प्रफेसर पवन कुमार धर, डीन ऑफ स्टूडेंट्स प्रोफेसर उमेश कदम, असोसिएट डीन स्टूडेंट्स डॉ. वंदना मिश्रा और प्रोवोस्ट नीरजा समजदार शामिल हैं।
इस कमिटी पर जेएनयू स्टूडेंट्स यूनियन ने नाराजगी जाहिर करते हुए इसे प्रशासन का ड्रामा बताया है। यूनियन की प्रेजिडेंट आईसी घोष ने कहा कि इस कमिटी के सभी मेंबर्स जेएनयू वीसी की सोच वाले उनकी टीम के मेंबर हैं। कमिटी में जेएनयू स्टूडेंट्स यूनियन को जगह नहीं दी गई है। हैरानी की बात यह है कि रविवार सुबह कमिटी बनाई गई और रविवार शाम को ही स्टूडेंट्स से सुझाव मांगे जा रहे हैं। यूनियन का कहना है कि एचआरडी मिनिस्ट्री की हाई लेवल कमिटी जब जांच कर रही है, तो इसी बीच प्रशासन की हाई लेवल कमिटी बनाने का नाटक शर्मनाक है। यूनिवर्सिटी के संविधान के हिसाब से इस के लिए इंटर हॉल ऐडमिनिस्ट्रेशन है, ना कि इस तरह की कमिटी।