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JNU Ragging: JNU में रैगिंग की शिकायत पर जांच शुरू, फर्स्ट ईयर की स्टूडेंट ने कहा- कैंपस में उनकी जिंदगी असहनीय होती जा रही है

जेएनयू प्रशासन की ओर कहा गया है कि कैंपस में किसी भी तरह की रैगिंग बर्दाश्त नहीं की जा सकती। यूनिवर्सिटी प्रशासन ने सभी स्टूडेंट्स से कहा है कि वे किसी भी स्टूडेंट के साथ किसी भी तरह की रैगिंग ना करें, वरना यूनिवर्सिटी के नियमों के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी।

Edited byसरोज सिंह | नवभारत टाइम्स 3 Jun 2022, 12:21 pm
विशेष संवाददाता, नई दिल्लीः जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) में रैगिंग की शिकायत पर यूनिवर्सिटी ने जांच बैठा दी है। जेएनयू में बीए फर्स्ट ईयर की स्टूडेंट ने अपने दो सीनियर स्टूडेंट्स पर पिछले तीन महीने से हैरेसमेंट करने का आरोप लगाया है। जेएनयू की एंट्री रैगिंग स्क्वॉड के पास यह मामला पहुंच गया है। एंटी रैगिंग स्क्वॉड के चेयरपर्सन प्रो. शरद के. सोनी ने गुरुवार को बताया कि एक स्टूडेंट ने चीफ प्रॉक्टर ऑफिस में 30 मई को रैगिंग की शिकायत दी थी। यह शिकायत एंटी रैगिंग स्क्वॉड को 31 मई को भेजी गई। इस मामले की जांच चल रही है और जो भी दोषी पाया जाएगा उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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बीए फर्स्ट ईयर की स्टूडेंट ने अपनी शिकायत में कहा है कि दो सीनियर स्टूडेंट्स उन्हें तब से है परेशान कर रहे हैं, जब से (फरवरी) वह कैंपस आई हैं। नगालैंड की इस स्टूडेंट का आरोप है कि दोनों सीनियर स्टूडेंट्स उनके बारे में अफवाह फैला रहे हैं, उनके बारे में गलत बातें करते हुए उन्हें बदनाम कर रहे हैं। दोनों सीनियर्स के खिलाफ नस्ली और आपत्तिजनक टिप्पणी करने का भी आरोप है। बीए फाइनल ईयर चाइनीज और स्पेनिश सेंटर से एक छात्र और एक छात्रा का नाम भी उन्होंने अपनी शिकायत में देते हुए कहा है कि कैंपस में उनकी जिंदगी असहनीय होती जा रही है।

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स्टूडेंट की शिकायत में 27 मई की तारीख है। हालांकि, एंटी रैगिंग स्क्वॉड का कहना है कि उन तक शिकायत 31 मई को पहुंची है। इस मामले को लेकर स्कूल ऑफ लैंग्वेज लिटरेचर एंड कल्चर स्टडीज के स्टूडेंट्स की ओर से एक पर्चा भी सामने आया है। इसमें किसी के साइन और नाम नहीं हैं। इसमें कहा गया है कि जेएनयू प्रशासन, इंटरनल कंप्लेंट्स कमिटी, जेएनयू स्टूडेंट यूनियन और सिक्योरिटी एजेंसी कैंपस में होने वाले यौन शोषण और छेड़छाड़ के मामलों को लेकर असंवेदनशील हैं। जेएनयू में जेंडर सेंसटाइजेशन कमिटी अगेंस्ट सेक्सुअल हैरेसमेंट (GSCASH) फिर से बनाने की जरूरत है।
लेखक के बारे में
सरोज सिंह
सरोज सिंह नवभारटाइम्स.कॉम में असिस्टेंट एडिटर हैं. 20 साल से पत्रकारिता में हैं और इनकी विशेषज्ञता ऑनलाइन मीडिया में है। लाइफस्टाइल और एंटरटेनमेंट जुड़ी खबरों में इनकी रुचि है और ये फ़ीचर टीम को लीड कर चुकी हैं. फिलहाल यह न्यूज टीम का हिस्सा हैं.... और पढ़ें

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