ऐपशहर

Auto Fare : ऊबर, ओला, ऑटो... किराया 20 से अब सीधे 30... दिल्ली-नोएडा में पैदलवालों का दर्द समझे कौन

ऊबर-ओला हो या शेयरिंग ऑटो आपका घर से बाहर जाना महंगा हो गया है। दिल्ली-एनसीआर में ऑटो का किराया सीधे 10-15 रुपये बढ़ने पर यात्रियों ने नाराजगी जाहिर की है। जहां लोगों को 20 रुपये देना पड़ता था, वहां अब उन्हें 30 रुपये देने होंगे। यात्रियों और ड्राइवरों के अपने-अपने तर्क हैं।

Compiled byअनुराग मिश्र | नवभारतटाइम्स.कॉम 12 Apr 2022, 9:24 am

हाइलाइट्स

  • नोएडा, गाजियाबाद, फरीदाबाद में ऑटोवालों ने बढ़ाया किराया
  • नोएडा सेक्टर 52 से चार मूर्ति और एक मूर्ति चौक के लिए 10 रुपया बढ़ा किराया
  • लोगों ने जताई नाराजगी, रेट घटेंगे तो क्या ऑटोवाले किराया कम करेंगे?
सारी खबरें हाइलाइट्स में पढ़ने के लिए ऐप डाउनलोड करें
नई दिल्ली/नोएडा : दीपक कुमार रोज नोएडा एक्सटेंशन (Noida Extension) में अपने घर से नोएडा सेक्टर-18 में अपने ऑफिस आते हैं। अप्रैल के पहले हफ्ते तक उनका एक तरफ का किराया 54 रुपये बैठता था, लेकिन अब यह 64 रुपये हो गया है। वो भी तब जब दिल्ली मेट्रो का किराया नहीं बढ़ा है। वह कहते हैं कि किराया बढ़ गया है, सबको पता है लेकिन सीएनजी के रेट (CNG Rate) कम होंगे तो क्या ऑटोवाले रेट घटाएंगे? वह नाराजगी जाहिर करते हैं कि सेक्टर 52 में जब अंडरपास बनना शुरू हुआ तो ऑटोवालों को थोड़ा घूमकर बगल के इलाके से होकर जाना पड़ता था। उन्होंने रेट बढ़ा दिया। तब तक सेक्टर 52 से ऑटो का किराया चार मूर्ति के लिए 15 रुपये हुआ करता था। रेट बढ़ाकर 20 हुआ। दीपिका भी रोज इसी रूट पर आती जाती हैं। वह कहती हैं कि यह करीब साढ़े तीन साल पहले की बात है। 20 होने के बाद किराया सालभर बाद ही बढ़कर तीस रुपये हो गया और अब सीधे 10 रुपये किराया बढ़ाकर 40 रुपये कर दिया गया। उन्होंने कहा कि सीएनजी (CNG Price) अगर मोटे तौर पर 10 रुपये महंगी हुई तो क्या हर शख्स से 10 रुपये ज्यादा लेना जायज है? वैसे भी 10 रुपये की बढ़ोतरी यह बताती है कि आराम से फुटकर हो सके इसके लिए सीधे इतना बढ़ाया गया है। अब 2-4 रुपये सीएनजी सस्ती होगी तो भी रेट नहीं घटेंगे। ऐसे में तो यह रेट बढ़ाने का गलत तरीका है। नोएडा सेक्टर 52 मेट्रो स्टेशन ब्लू लाइन के सबसे व्यस्त मेट्रो स्टेशनों में से एक है। पिछले दो दिनों से यहां से चार मूर्ति, एक मूर्ति, सूरजपुर की तरफ सभी रूट पर किराये में कम से कम 10 रुपये की बढ़ोतरी हो गई है।
10 रुपये से ज्यादा महंगी हुई सीएनजी
यह तो एक इलाके की बात है। ऐसा ही गाजियाबाद और फरीदाबाद में भी हुआ है। 22 मार्च से 6 अप्रैल के बीच 14 किस्तों में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में 10 रुपये से ज्यादा का इजाफा हुआ। सीएनजी के दाम भी 13 दिनों के भीतर 9 रुपये बढ़ गए। अलग-अलग राज्यों में टैक्स के कारण कीमतें कम ज्यादा हो सकती हैं। ऑटो वालों का कहना है कि तेल-गैस के दाम बढ़ने से किराये में 50 फीसदी की बढ़ोतरी होनी चाहिए। पुराने किराये पर सवारी ढोने में नुकसान हो रहा है। कैबवालों ने तो खर्चा कम करने के लिए एसी भी चलाना बंद कर दिया था।

Uber Fare Hike: महंगा पड़ेगा उबर का सफर, हर ट्रिप के किराये में 12-15% की हुई बढ़ोतरी
दिल्ली में कैब वालों का प्रोटेस्ट
इधर, दिल्ली में ऑटो, टैक्सी और कैब चालकों ने सोमवार को दिल्ली सचिवालय पर प्रदर्शन किया और सीएनजी पर सब्सिडी की मांग की। प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो वे 18 अप्रैल से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे। कैब बुक कर ऑफिस जाने वालों को भी ज्यादा खर्च करना होगा। ऊबर ने दिल्ली-NCR में 12 फीसदी तक अपने रेट बढ़ा दिए हैं। काफी समय से ओला और ऊबर के ड्राइवर फेयर बढ़ाने की मांग कर रहे थे।

सीएनजी की कीमत में की गई अभूतपूर्व बढ़ोतरी ने ऑटो और कैब चालकों की कमर तोड़ दी है। सीएनजी अब 69 रुपये प्रति किलोग्राम से अधिक कीमत पर बिक रही है। हम सरकार से मांग कर रहे हैं कि वह सीएनजी पर 35 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से सब्सिडी दें ताकि हम जिंदा रह सकें। अगर हमारी मांगें नहीं मानी गईं तो हम 18 अप्रैल से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे।
राजेंद्र सोनी, दिल्ली ऑटो रिक्शा संघ के महासचिव

ऊबर ने बढ़ाया रेट, एसी बंद करने लगे थे ड्राइवर
पहले किसी जगह की ट्रिप अगर आपको 200 रुपये की पड़ती थी, तो अब 224 रुपए देने पड़ेंगे। यह बढ़ोतरी पीक टाइम और नाइट ट्रिप के दौरान भी लागू रहेगी यानी जिस समय पहले से ही सर्ज प्राइसिंग लागू रहती है, उस समय भी आपको बढ़ा हुआ किराया देना पड़ेगा। पिछले एक महीने के दौरान सीएनजी के दामों में भारी बढ़ोतरी हुई है। इसी साल 1 जनवरी को जो सीएनजी दिल्ली में 52.04 रुपये प्रति किलो के रेट पर मिल रही थी, उसके दाम आज बढ़कर 69.11 रुपए प्रति किलो तक पहुंच गए हैं। एनसीआर में ये रेट और भी अधिक हैं। इस बढ़ोतरी के चलते कैब ड्राइवरों की कमाई पर काफी असर पड़ रहा था। एसी चलाने से उनका फ्यूल और अधिक खर्च होने लगा था। इसे देखते हुए ज्यादातर ड्राइवरों ने एसी चलाना या तो बंद कर दिया या फिर उसके लिए एक्स्ट्रा चार्ज लेने लगे। इसे लेकर सवारियों और ड्राइवरों के बीच बहसबाजी की शिकायतें भी खूब आने लगी थीं और लोग परेशान हो रहे थे।

CNG Prices In Delhi:सीएनजी की बढ़ती कीमतों के खिलाफ ऑटो और कैब चालकों का प्रदर्शन, कहा- केंद्र और दिल्ली सरकार दे सब्सिडी
बाइक से जा रहीं युवतियां
पब्लिक ट्रांसपोर्ट महंगा होने से लोग अब ऐप बेस्ड बाइक बुक कर रहे हैं। दरअसल, शेयरिंग ऑटो में पीछे की तीन सीट और आगे ड्राइवर के पास जुगाड़ू तरीके से बनाई गई दो सीटों को भरने से पहले ड्राइवर चलते नहीं हैं और जो लोग समय बचाना चाहते हैं वे बाइक से ही चले जाते हैं। आपने देखा होगा अब मेट्रो स्टेशनों के बाहर ऑफिस जाने वाली युवतियां भी बाइक से घर जाने को ज्यादा प्राथमिकता देती हैं।

फरीदाबाद समेत कई इलाकों में ऑटो वालों ने न्यूनतम किराया 20 रुपये कर दिया है, जिसका काफी विरोध हो रहा है। कई लोगों ने ट्विटर पर सरकार से अनुरोध किया है कि ऑटो रिक्शा का किराया कम करवाएं या फिर सरकारी बसें चलाएं। स्टूडेंट्स का कहना है कि नौकरीपेशा वाले तो महंगा किराया दे सकते हैं लेकिन उन्हें स्कूल आने जाने में काफी मुश्किल आ रही है।


नोएडा के अमित पांडे ने अधिकारियों को टैग करते हुए कहा है कि नोएडा के ऑटो वालों पर किसी का कोई कंट्रोल नहीं है, यह अपनी मर्जी से किराया बढ़ाते हैं, लोगों के साथ बदतमीजी भी करते हैं। उन्होंने सवाल के लहजे में कहा कि नोएडा में ऑटो का किराया कौन निर्धारित करता है?


नोएडा गाजियाबाद के लोगों ने ट्विटर पर खूब शिकायतें की हैं कि ऑटोवाले मनमाना किराया मांग रहे हैं। कुछ लोगों ने मीटर सिस्टम शुरू करने की मांग की है।


नोएडा ट्रैफिक पुलिस के पास बढ़े हुए किराये को लेकर कई शिकायतें पहुंची हैं। 9 अप्रैल को गौतमबुद्ध नगर में ऑटो-टैंपो चालकों की ओर से मानक से ज्यादा किराया लेने की शिकायतों पर यातायात पुलिस और परिवहन विभाग ने संयुक्त अभियान चलाया। एनबीटी से बातचीत में ट्रैफिक पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि किराये पर मंजूरी परिवहन विभाग/आरटीओ देता है। ट्रैफिक पुलिस उनकी मदद में अभियान में शामिल रहता है जिससे किसी तरह का विवाद न हो।


दिल्ली में ऑटो चालक बिना सरकार की मंजूरी के किराया नहीं बढ़ा सकते। ऐसे में फिलहाल वे सरकार से छूट देने की मांग कर रहे हैं।
लेखक के बारे में
अनुराग मिश्र
साइंस में ग्रैजुएट होने के बाद मीडिया की पढ़ाई की। डिप्लोमा के बाद मीडिया मैनेजमेंट में MBA, रेडियो से करियर की शुरुआत। आज, आज समाज, अमर उजाला में प्रिंट जर्नलिज्म के बाद नवभारतटाइम्स डॉट कॉम में कार्यरत। पेशे से पत्रकार, दिल से ठेठ इलाहाबादी।... और पढ़ें

अगला लेख

Metroकी ताजा खबरें, ब्रेकिंग न्यूज, अनकही और सच्ची कहानियां, सिर्फ खबरें नहीं उसका विश्लेषण भी। इन सब की जानकारी, सबसे पहले और सबसे सटीक हिंदी में देश के सबसे लोकप्रिय, सबसे भरोसेमंद Hindi Newsडिजिटल प्लेटफ़ॉर्म नवभारत टाइम्स पर