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घोड़ों में इन्फेक्शन: बैन हटा, अब घोड़ी चढ़ सकेंगे दिल्ली के दूल्हे

पिछले कुछ समय से दिल्ली के घोड़ों में जानलेवा संक्रमण ग्लेंडर्स पाया जा रहा था, जिसकी वडह से उनके इस्तेमाल पर लगा दी गई थी। अब यह रोक हटा ली गई है। साथ ही इनके इस्तेमाल के संबंध में सावधानी बरतने की बात भी कही गई है।

सांध्य टाइम्स 23 Jan 2018, 2:54 pm
सिमरजीत सिंह, नई दिल्ली
नवभारतटाइम्स.कॉम horse

पिछले कुछ समय से दिल्ली के घोड़ों में जानलेवा संक्रमण ग्लेंडर्स पाया जा रहा था, जिसकी वडह से उनके इस्तेमाल पर लगा दी गई थी। अब यह रोक हटा ली गई है। साथ ही इनके इस्तेमाल के संबंध में सावधानी बरतने की बात भी कही गई है। यानी अब दूल्हे धूमधाम से घोड़ी चढ़ सकते हैं, साथ ही गणतंत्र दिवस की परेड में भी घोड़े नजर आएंगे। वहीं दिल्ली में बाहर से घोड़े लाने पर पाबंदी कायम है।

दिल्ली पशुपालन विभाग के निदेशक डॉ. जितेंद्र गौड़ ने बताया कि घोड़ों में फैला यह संक्रमण इन्सानों के लिए जानलेवा साबित हो सकता है, इसलिए इनके प्रयोग पर बैन लगाया गया था। दिल्ली के सभी घोड़ों की जांच की गई है और इनमें से जिन घोड़ों की रिपोर्ट कुछ हद तक नेगेटिव आई है, सिर्फ उन्हें ही सावधानीपूर्वक इस्तेमाल किया जा सकता है। रीति-रिवाज के अनुसार बारात के समय घोड़ी को चने खिलाए जाते हैं, जो जानलेवा साबित हो सकते हैं। डॉ. गौड़ का कहना है कि कोशिश की जाए कि उस वक्त कोई भी अपने हाथों से घोड़ी को चने न खिलाएं। साथ ही बारात में घोड़ी को संभालने वाला व्यक्ति भी उससे नियमित दूरी बनाए रखे अन्यथा यह खतरनाक हो सकता है। इसके अलावा घोड़े के नाक-मुंह से निकलने वाले लार के संपर्क में न आएं और उसे छू लेने पर अच्छी तरह से हाथ धोएं।

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अब तक 40 घोड़े दफनाए
डॉ. गौड़ ने बताया कि बीते हफ्ते 32 घोड़ों को दफनाया गया है, जबकि इससे पहले ग्लेंडर्स से प्रभावित आठ घोड़ों को दफनाया गया था। इस तरह अब तक 40 घोड़ों को दफनाया गया है, लेकिन इसके बाद भी दिल्ली से खतरा टला नहीं है। उन्होंने बताया कि अभी तक करीब दो हजार से भी ज्यादा सैंपल भेजे जा चुके हैं, लेकिन इनमें से केवल 1264 की ही रिपोर्ट आई है। अब तक जितने मामले पॉजिटिव आए हैं, उन्हें देखते हुए अन्य घोड़ों में संक्रमण की संभावना को नकारा नहीं जा सकता।

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