नई दिल्ली
दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को कहा कि दिल्ली सरकार शहर में निजी अस्पतालों द्वारा कोविड-19 रोगियों (Coronavirus) से अधिक शुल्क वसूले जाने को लेकर "आंखें मूंद नहीं सकती" और उसे इसके लिए उचित शुल्क तय करने की खातिर सभी हितधारकों की बैठक आयोजित करने का निर्देश दिया ताकि लोगों को मुश्किलों का सामना न करना पड़े। न्यायमूर्ति विपिन सांघी और रेखा पल्ली की पीठ ने कहा, "हम इसे सर्वोच्च प्राथमिकता पर लेना चाहते हैं।’’ पीठ ने दिल्ली सरकार से पूछा है कि उसने इस गंभीर मुद्दे को सुलझाने के लिए अब तक कुछ क्यों नहीं किया है। पीठ ने कहा, केवल इसलिए कि कोई शिकायत नहीं थी, जमीन पर स्थिति को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। हम याचिकाकर्ता के तर्क से सहमत हैं कि आप इससे आंख नहीं फेर सकते।’
'जमीनी हालात को देखें ताकि लोगों को लूटा न जा सके'
अदालत ने कहा, ‘‘हमने आपको सभी हितधारकों से फिर से बात करने के लिए कहा था। यह काम किया जाना चाहिए था। आप जमीनी हालात को देखें, सभी हितधारकों से बात करें और फिर एक उचित आंकड़े पर पहुंचें ताकि लोगों को लूटा न जा सके।’
दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को कहा कि दिल्ली सरकार शहर में निजी अस्पतालों द्वारा कोविड-19 रोगियों (Coronavirus) से अधिक शुल्क वसूले जाने को लेकर "आंखें मूंद नहीं सकती" और उसे इसके लिए उचित शुल्क तय करने की खातिर सभी हितधारकों की बैठक आयोजित करने का निर्देश दिया ताकि लोगों को मुश्किलों का सामना न करना पड़े। न्यायमूर्ति विपिन सांघी और रेखा पल्ली की पीठ ने कहा, "हम इसे सर्वोच्च प्राथमिकता पर लेना चाहते हैं।’’
'जमीनी हालात को देखें ताकि लोगों को लूटा न जा सके'
अदालत ने कहा, ‘‘हमने आपको सभी हितधारकों से फिर से बात करने के लिए कहा था। यह काम किया जाना चाहिए था। आप जमीनी हालात को देखें, सभी हितधारकों से बात करें और फिर एक उचित आंकड़े पर पहुंचें ताकि लोगों को लूटा न जा सके।’