नई दिल्ली
दिल्ली हाई कोर्ट ने राजधानी में टाटा समूह की इंडियन होटल्स कंपनी लिमिटेड (IHCL) के ताजमहल होटल की जमीन-जायदाद नीलामी के लिए शुरू की गई टेंडर प्रक्रिया को चुनौती देने वाली याचिका मंगलवार को खारिज कर दी। होटल कंपनी ने यह संपत्ति दीर्घकालिक पट्टे पर ली थी, जिसकी मियाद पहले ही पूरी हो चुकी है। ताज महल होटल की नीलामी नई दिल्ली नगर पालिका (NDMC) कर रही है।
जस्टिस एस. रविन्द्र भट और ए. के. चावला की पीठ ने यह फैसला किया। इससे पहले हाई कोर्ट ने 3 मई को IHCL और NDMC के वकीलों की दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। शीर्ष अदालत ने इससे पहले 20 अप्रैल को NDMC को राजधानी के पॉश इलाके में स्थित पांच सितारा ताज महल होटल की नीलामी के लिए की अनुमति दे दी थी। होटल का परिचालन इस समय IHCL के हाथों में है।
NDMC ने ताज मानसिंह होटल को 33 साल के पट्टे पर टाटा समूह की कंपनी को दिया था। पट्टे की अवधि 2011 में समाप्त हो गई है। उसके बाद से कंपनी को समय-समय पर 9 बार अस्थाई रूप से विस्तार दिया गया। इसमें से तीन विस्तार पिछले साल ही दिए गए। टाटा समूह की कंपनी आईएचसीएल ने इससे पहले उसके लाइसेंस के नवीनीकरण का आग्रह किया था, जिसे हाई कोर्ट की एकल न्यायधीश वाली पीठ ने खारिज कर दिया था। पीठ ने कहा कि कंपनी इसके लिए पात्र नहीं है। एकल पीठ के फैसले के खिलाफ टाटा कंपनी ने डिवीजन बेंच में चुनौती दी।
दिल्ली हाई कोर्ट ने राजधानी में टाटा समूह की इंडियन होटल्स कंपनी लिमिटेड (IHCL) के ताजमहल होटल की जमीन-जायदाद नीलामी के लिए शुरू की गई टेंडर प्रक्रिया को चुनौती देने वाली याचिका मंगलवार को खारिज कर दी। होटल कंपनी ने यह संपत्ति दीर्घकालिक पट्टे पर ली थी, जिसकी मियाद पहले ही पूरी हो चुकी है। ताज महल होटल की नीलामी नई दिल्ली नगर पालिका (NDMC) कर रही है।
जस्टिस एस. रविन्द्र भट और ए. के. चावला की पीठ ने यह फैसला किया। इससे पहले हाई कोर्ट ने 3 मई को IHCL और NDMC के वकीलों की दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। शीर्ष अदालत ने इससे पहले 20 अप्रैल को NDMC को राजधानी के पॉश इलाके में स्थित पांच सितारा ताज महल होटल की नीलामी के लिए की अनुमति दे दी थी। होटल का परिचालन इस समय IHCL के हाथों में है।
NDMC ने ताज मानसिंह होटल को 33 साल के पट्टे पर टाटा समूह की कंपनी को दिया था। पट्टे की अवधि 2011 में समाप्त हो गई है। उसके बाद से कंपनी को समय-समय पर 9 बार अस्थाई रूप से विस्तार दिया गया। इसमें से तीन विस्तार पिछले साल ही दिए गए। टाटा समूह की कंपनी आईएचसीएल ने इससे पहले उसके लाइसेंस के नवीनीकरण का आग्रह किया था, जिसे हाई कोर्ट की एकल न्यायधीश वाली पीठ ने खारिज कर दिया था। पीठ ने कहा कि कंपनी इसके लिए पात्र नहीं है। एकल पीठ के फैसले के खिलाफ टाटा कंपनी ने डिवीजन बेंच में चुनौती दी।