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खुद हुए संक्रमित तो ठीक होने के बाद समझी बुजुर्ग की तकलीफ

पश्चिम पुरी में रहने वाले प्रवीण खुद कोरोना को हराने के बाद अब लोगों की मदद करने के लिए न सिर्फ प्लाज्मा डोनेट कर रहे हैं बल्कि प्लाज्मा डोनेशन के लिए कैंपेन भी चला रहे हैं। उनका मकसद है कि लोगों को प्लाज्मा डोनर ढूंढने के लिए परेशान न होना पड़े।

Authored byपूनम गौड़ | Navbharat Times 7 Jul 2020, 8:26 am
नई दिल्ली: पंजाबी बाग के प्रवीण तुसीवाल जब कोरोना संक्रमित हुए, तब उन्हें इस बीमारी की तकलीफ समझ में आई। ठीक होने के बाद अब वह अपना प्लाज्मा डोनेट कर एक बुजुर्ग का जीवन बचा चुके हैं। पश्चिमी जिले के इस पहले प्लाज्मा डोनर को खुद डीएम नेहा बंसल ने सम्मानित किया। डीएम नेहा बंसल के अनुसार हमारी कोशिश है कि ज्यादा से ज्यादा लोग प्लाज्मा डोनेट करने आगे आएं, ताकि कोरोना को हराया जा सके।
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प्लाज्मा डोनेट कर लोगों की जान बचा रहे हैं प्रवीण


महज 29 साल के पश्चिम पुरी में रहने वाले प्रवीण अब प्लाज्मा डोनेशन के लिए कैंपेन भी चला रहे हैं। उनका मकसद है कि लोगों को प्लाज्मा डोनर ढूंढने के लिए परेशान न होना पड़े। प्रवीण ने बताया कि कोरोना के दौरान वह लोगों की खूब मदद कर रहे थे। यहीं से वह संक्रमित हुए होंगे। 31 मई को उन्होंने एक प्राइवेट अस्पताल में जांच करवाई। उन्हें पता चला कि वह पॉजिटिव हैं। जिसके बाद उन्हें बक्करवाला में प्रशासन के क्वारंटीन सेंटर में भर्ती किया गया था। उन्हें सांस लेने में काफी दिक्कत थी, तेज बुखार था। हालत बिगड़ने के बाद उन्हें एलएनजेपी में भर्ती करवाया गया। यहां वह करीब 12 दिन रहे। यहां उन्हें समझ आया कि कोई किसी के साथ नहीं है। शुरुआत के दो तीन दिन उन्हें काफी परेशानी हुई। ठीक होकर घर आने के बाद उन्हें प्रशासन की तरफ से प्लाज्मा डोनेशन का मेसेज मिला। उन्होंने अपने परिजनों से बात की तो उन्होंने भी मना नहीं किया। प्रवीण का ब्लड ग्रुप ओ पॉजिटिव है, जो रेयर है। प्रवीण बताते हैं कि जब मेरी हालत खराब थी तो मैंने उस दर्द को महसूस किया था। इसलिए मेसेज मिलते ही मैं तय कर चुका था कि मदद करूंगा।

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प्रवीण ने बताया कि मैंने अपना मोबाइल नंबर सोशल मीडिया पर भी शेयर किया है, ताकि किसी को भी प्लाज्मा की जरूरत हो तो वह सीधा संपर्क कर सके। इससे कई लोग उनके साथ जुड़े हैं और प्लाज्मा डोनेट करने आगे आ रहे हैं। प्रवीण का सपना है कि वे भी एक प्लाज्मा बैंक बनाएं और इससे अधिक से अधिक लोगों को जोड़ें। साथ ही, वह अपने अनुभवों के आधार पर लोगों की काउंसलिंग कर रहे हैं और लोगों को समझा रहे हैं कि कोरोना से डरने की जरूरत नहीं।
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पूनम गौड़

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