विशेष संवाददाता, नई दिल्ली
मोदी सरकार ने विधानसभा चुनाव से ठीक पहले दिल्ली की अवैध कॉलोनियों में रहने वालों को बड़ी राहत देने का फैसला किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट मीटिंग में अवैध कॉलोनियों को रेगुलराइज करने की कटऑफ डेट बढ़ा दी गई। फैसला लिया गया कि दिल्ली में 1 जून 2014 तक बनी सभी अवैध कॉलोनियों को रेगुलराइज किया जाएगा। दिल्ली विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कैबिनेट के इस फैसले पर दूसरी पार्टियां सवाल उठा रही हैं। माना जा रहा है कि फरवरी में विधानसभा चुनाव हो जाएंगे।
अब तक अवैध कॉलोनियों को रेगुलराइज करने की कटऑफ डेट 31 मार्च 2002 थी यानी तब तक बनी अवैध कॉलोनियां ही नियमित की जानी थीं। अब कटऑफ डेट बढ़ाने से 1 जून 2014 तक बनी सभी अवैध कॉलोनियां रेगुलराइज हो सकेंगी। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इसकी घोषणा करते हुए कहा कि इससे दिल्ली की 895 कॉलोनियां रेगुलराइज हो सकेंगी। इसका 60 लाख से ज्यादा लोगों को फायदा होगा।
शीला की मंजूरी अब तक बेमतलब
2012 में शीला दीक्षित सरकार ने इन 895 कॉलोनियों की मंजूरी का फैसला किया था। हालांकि तब तक 1639 कॉलोनियां बन चुकी थीं लेकिन 895 कॉलोनियां ही ऐसी थीं जो 31 मार्च 2002 को अस्तित्व में होने और 2007 तक उनकी 50 जमीन पर निर्माण होने की शर्तों को पूरा करती थीं। बाकी कॉलोनियां या तो रिज पर थीं, फॉरेस्ट लैंड पर थीं, एएसआई के कारण विवाद में थीं या फिर वहां आरडब्ल्यूए कॉलोनी की बाउंड्री ही तय नहीं कर पाई थीं। कांग्रेस ने 895 कॉलोनियों को रेगुलराइज करने की हरी झंडी तो दी थी लेकिन इनकी मंजूरी के रास्ते में कई रुकावटें आ रही थीं। इन्हें मंजूरी तभी मिलती, जब एमसीडी हर कॉलोनी का ले आउट प्लान बनाकर जमा कराती। आज तक कोई ले आउट प्लान जमा नहीं किया जा सका है। इसकी वजह से इन कॉलोनियों में प्रॉपर्टी खरीदी या बेची नहीं जा सकती थी। नक्शे पास नहीं हो रहे थे। सरकारी फंड से विकास कार्य नहीं हो पा रहे थे क्योंकि मास्टर प्लान में ये कॉलोनियां वजूद में ही नहीं हैं।
6 महीने तक करना होगा इंतजार
केंद्र सरकार का फैसला लागू होने पर इन 895 कॉलोनियों में अब तक बने सारे निर्माण मंजूर हो सकते हैं। अभी सरकार ने यह नहीं बताया कि कॉलोनियां पास करने का फॉर्म्यूला क्या होगा लेकिन दिल्ली सरकार के सूत्रों के अनुसार एक हफ्ता पहले ही फॉर्म्यूला बनाकर केंद्र के पास भेज दिया गया है। इसके अनुसार डीडीए के उन नियमों को बदला जाएगा, जिनके कारण इन इलाकों में प्रॉपर्टी की खरीद-फरोख्त नहीं हो पा रही थी। कॉलोनियों की सड़कें एमसीडी को सौंपी जाएगी। डीडीए इन कॉलोनियों को मास्टर प्लान में शामिल करने के लिए नियमों में संशोधन करेगी। ये कॉलोनियां अभी तुरंत पास नहीं मानी जाएंगी क्योंकि नियमों को बदलने के काम में 4 से 6 महीने लग सकते हैं।
केजरीवाल ने कहा, चुनावी चाल है
आम आदमी पार्टी नेता अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट किया कि चुनाव को ध्यान में रखते हुए कैबिनेट ने अवैध कॉलोनियों को रेगुलराइज करने का फैसला लिया है। यह और कुछ नहीं, बस चुनाव से पहले की चाल है जैसा शीला दीक्षित ने चली थी। चुनाव के बाद कांग्रेस इन कॉलोनियों को भूल गई, बीजेपी भी चुनाव के बाद इन्हें भूल जाएगी।