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Independence Day: 75 बच्‍चों ने 75 स्‍वतंत्रता सेनानियों की वेशभूषा पहन मनाया आजादी का 75वां अमृत महोत्सव

Azadi ka Amrit Mahotsav 2022: 75 बच्‍चों ने न केवल उन शहीद स्‍वतंत्रता सेनानियों की वेशभूषा धारण की, बल्कि उनके नारों को भी एक बार फिर आसमान में गुंजायमान कर दिया। साथ ही बच्‍चों ने उनके योगदान की कहानी को भी एक बार फिर हिंदुस्‍तान की आबोहवा में बिखेर दिया।

Curated byअशोक उपाध्याय | नवभारतटाइम्स.कॉम 14 Aug 2022, 8:02 pm
नई दिल्‍ली: देश में आजादी के 75 साल पूरे होने पर अमृत महोत्‍सव मनाया जा रहा है। इस महोत्सव में राष्‍ट्रपति भवन से 5 किलोमीटर की दूरी पर बसे संजय कैंप (स्‍लम एरिया) के बच्‍चों ने भी अपनी भागीदारी दी है। ‘हर घर तिरंगा’ अभियान के तहत यहां के 75 बच्‍चों ने आजादी की जंग लड़ने वाले 75 स्‍वतंत्रता सेनानियों की वेशभूषा में आजादी के 75 साल का जश्‍न मनाया। इस पूरे कार्यक्रम का आयोजन नोबेल शांति पुरस्‍कार से सम्‍मानित कैलाश सत्‍यार्थी द्वारा स्‍थापित कैलाश सत्‍यार्थी चिल्‍ड्रेन्‍स फाउंडेशन के बाल मित्र मंडल ने किया था।
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इस मौके पर इन 75 बच्‍चों ने न केवल उन शहीद स्‍वतंत्रता सेनानियों की वेशभूषा धारण की, बल्कि उनके नारों को भी एक बार फिर आसमान में गुंजायमान कर दिया। साथ ही बच्‍चों ने उनके योगदान की कहानी को भी एक बार फिर हिंदुस्‍तान की आबोहवा में बिखेर दिया। इनमें कुछ बच्‍चे जवाहर लाल नेहरू, महात्‍मा गांधी, नेताजी सुभाषचंद्र बोस, लाला लाजपत राय और केशव बलिराम हेडगेवार की वेशभूषा में थे।


इन बच्‍चों का मकसद ये था कि घर जाते समय हम सामाजिक बुराइयों जैसे बालश्रम, बाल शोषण, बाल विवाह और बाल यौन शोषण के खिलाफ एकजुट होकर काम करने का प्रण लें। इन सभी बच्‍चों की उम्र 11 से 16 साल थी। उक्‍त बुराइयों से इसी उम्र के बच्‍चे सबसे ज्‍यादा पीडि़त होते हैं। इस मौके पर बच्‍चों ने कुछ मांगें भी रखीं। इनमें प्रमुख थी कि बच्‍चों को पीने का साफ पानी मिले, स्‍वास्‍थ्‍य सुविधाएं मिलें और स्‍वच्‍छ वातावरण मिले।


'स्लम एरिया के बच्‍चों के अधिकारों को लेकर जागरूकता फैलाना है मकसद'

कैलाश सत्‍यार्थी चिल्‍ड्रेन्‍स फाउंडेशन के कार्यकारी निदेशक राकेश सेंगर ने कहा, ‘इस कार्यक्रम का मकसद हमारे देश के महान क्रांतिकारियों को और उनके योगदान का याद करने का है, साथ ही समाज के स्‍लम एरिया में रहने वाले बच्‍चों के अधिकारों को लेकर जागरूकता फैलाने का है।’ उन्‍होंने आगे कहा कि हम चाहते हैं कि ऐसे बच्‍चों के प्रति किसी भी तरह का अपराध न हो और न ही उनका किसी तरह का शोषण हो। कार्यक्रम में भाग लेने वाले बच्‍चों में से काजल ठाकुर और सुनील ने कहा, ‘हम इस अनोखे कार्यक्रम में शिरकत करने पर बहुत खुश हैं। आज जब हम आजादी का अमृत महोत्‍सव मना रहे हैं तो हमें अपने स्‍वतंत्रता सेनानियों को और उनके योगदान का नहीं भूलना चाहिए। साथ ही बच्‍चों के प्रति किसी भी अपराध को रोकने का संकल्‍प लेना चाहिए।’
लेखक के बारे में
अशोक उपाध्याय
"नवभारत टाइम्स डॉट कॉम में सीनियर ड‍िज‍िटल कंटेंट प्रोड्यूसर। जागरण इंस्टीट्यूट ऑफ मीडिया एंड मैनेजमेंट, नोएडा से 2013 में पासआउट। पत्रकारिता में 10 साल का अनुभव है। साल 2013 में एनबीटी अखबार से पत्रकारिता के सफर की शुरुआत की थी। राजनीति, क्राइम समेत कई बीटों पर काम करने का अनुभव है। अमर उजाला देहरादून में भी सेंट्रल डेस्क पर काम किया। साल 2020 में डिजिटल मीडिया की दुनिया में कदम रखा। मीडिया के बदलते स्वरूप के साथ खुद को बदलने का प्रयास जारी है।"... और पढ़ें

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