विशेष संवाददाता, नई दिल्ली
राजधानी के सात बायोडायवर्सिटी पार्क में सोमवार से तितलियों की गणना शुरू होगी। बटरफ्लाई असेसमेंट वीक के तहत इस बार गणना में यह भी पता लगाया जाएगा कि बढ़ते प्रदूषण का तितलियों पर क्या असर पड़ रहा है? हर पार्क में तितलियों की गणना के लिए एक से दो टीमें लगाई जाएंगी। हर टीम में दो से पांच सदस्य होंगे। ये टीमें न सिर्फ तितलियों का अध्ययन करेंगी, बल्कि उनकी फोटोग्राफी भी करेंगी। राजधानी के सात बायोडायवर्सिटी पार्क में यमुना, अरावली, तिलपत वैली, नॉर्दर्न रिज, नीला हौज, तुगलकाबाद और कालिंदी कुंज बायो पार्क शामिल हैं। ये पार्क अपनी हरियाली, घास और झीलों की वजह से लोगों को आकर्षित करते हैं। यहां की जैव विविधता भी लोगों को दूर-दूर से खींचती है। बायोडायवर्सिटी पार्क प्रोग्राम के इंचार्ज साइंटिस्ट डॉ. फैयाज ए खुदसर ने बताया कि तितलियां अपने जीवन चक्र में लार्वा स्तर पर पत्तियां खाकर और व्यस्क स्तर पर परागण कर पर्यावरण में अपना योगदान देती हैं। यह पर्यावरण के स्वस्थ्य होने की पहचान हैं।
पर्यावरण में कई प्रदूषक तत्व जैसे कार्बन डाइऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड आदि के बारे में भी यह जानकारी देती हैं। हर साल राजधानी में प्रदूषण का स्तर अक्टूबर से ही बढ़ना शुरू होता है। यही वजह है कि बायोडायवर्सिटी पार्क के वैज्ञानिकों ने तितलियों की विविधता और संख्या की गणना करने का निर्णय इसी महीने के अंत में किया है।
सभी पार्कों में 25 से 30 अक्टूबर तक तितलियों की गणना होगी। साथ ही उनके जीवन चक्रों का अध्ययन भी होगा। यह गणना सुबह 10 से रात 12 बजे तक चलेगी। तितलियों के बाद पेड़-पौधों, पक्षियों, ड्रैगनफ्लाई और डेम्सफ्लाई और दूसरे पशुओं के लिए भी इस तरह के अध्ययन किए जाएंगे। डॉ. फैयाज के अनुसार जो भी व्यक्ति इस कार्य में हिस्सा लेना चाहता है वह yamunabiodiversitypark@gmail.com पर संपर्क कर सकता है।
राजधानी के सात बायोडायवर्सिटी पार्क में सोमवार से तितलियों की गणना शुरू होगी। बटरफ्लाई असेसमेंट वीक के तहत इस बार गणना में यह भी पता लगाया जाएगा कि बढ़ते प्रदूषण का तितलियों पर क्या असर पड़ रहा है? हर पार्क में तितलियों की गणना के लिए एक से दो टीमें लगाई जाएंगी। हर टीम में दो से पांच सदस्य होंगे। ये टीमें न सिर्फ तितलियों का अध्ययन करेंगी, बल्कि उनकी फोटोग्राफी भी करेंगी।
पर्यावरण में कई प्रदूषक तत्व जैसे कार्बन डाइऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड आदि के बारे में भी यह जानकारी देती हैं। हर साल राजधानी में प्रदूषण का स्तर अक्टूबर से ही बढ़ना शुरू होता है। यही वजह है कि बायोडायवर्सिटी पार्क के वैज्ञानिकों ने तितलियों की विविधता और संख्या की गणना करने का निर्णय इसी महीने के अंत में किया है।
सभी पार्कों में 25 से 30 अक्टूबर तक तितलियों की गणना होगी। साथ ही उनके जीवन चक्रों का अध्ययन भी होगा। यह गणना सुबह 10 से रात 12 बजे तक चलेगी। तितलियों के बाद पेड़-पौधों, पक्षियों, ड्रैगनफ्लाई और डेम्सफ्लाई और दूसरे पशुओं के लिए भी इस तरह के अध्ययन किए जाएंगे। डॉ. फैयाज के अनुसार जो भी व्यक्ति इस कार्य में हिस्सा लेना चाहता है वह yamunabiodiversitypark@gmail.com पर संपर्क कर सकता है।