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न्यूज पेपर से नहीं फैलता है कोरोना वायरस, यह सच है

विश्व स्थ्य संगठन समेत कुछ प्रमुख संगठनों के निर्देशों को देखा गया। INMA का कहना है कि हम इस रिसर्च को जारी रखेंगे, जिससे यह निष्कर्ष निकाला जा सके कि मौजूदा संकट में अखबारी कागज को छूना सुरक्षित है।

नवभारत टाइम्स 27 Mar 2020, 7:36 pm
दुनिया के टॉप डॉक्टरों और वैज्ञानिकों का कहना है कि अब तक कोई ऐसी घटना नहीं हुई है, जिसमें COVID-19 के वायरस का प्रसार प्रिंट अखबार, पत्रिका, पत्र या पैकेज से हुआ हो। चूंकि इस तरह की ग्लोबल महामारी पहले नहीं देखी गई, इसलिए स्वाभाविक है कि हम जो भी चीज छूते हैं, उसको लेकर अनजाने में शंका जन्म ले। लेकिन तथ्य यह है कि प्रिंट सामग्रियों से वायरस के प्रसार की कोई घटना नहीं हुई है। समाचार प्रकाशक भी यह सुनिश्चित करने के लिए कई कदम उठा रहे हैं कि जब तक प्रिंट प्रॉडक्ट ग्राहक तक नहीं पहुंचता, तब तक कोई असुरक्षित हाथों से न छुए।
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सबसे पहला सवाल है कि जिस इलाके में COVID-19 फैला हो, क्या वहां से आया पैकेज लेना सुरक्षित है?
WHO का कहना है कि कोरोना वायरस से ग्रस्त व्यक्ति से किसी कमर्शल प्रॉडक्ट के दूषित होने की संभावना क्षीण है। एक पैकेज जिसे ट्रांसफर किया गया है, कई तरह के माहौल से गुजरा है, उससे किसी भी व्यक्ति के संक्रमित होने का खतरा नहीं के बराबर है।

ध्यान दें: कोरोना पर ये सारी बातें बिल्कुल झूठी हैं

हार्टफोर्ड हेल्थकेयर ने और साफ-साफ कहा है, अपने घर में हुई डिलीवरी के बारे में चिंता न करें। जो वस्तुएं दूरी तय करके आएंगी, उन पर वायरस के टिकने की संभावना नहीं है। INMA का कहना है कि अखबारी कागज को छूना सुरक्षित है।


हाल के दिनों में इंटरनैशनल न्यूज मीडिया असोसिएशन (INMA)से भी इस बारे में कुछ जानकारी मांगी गई। इस मसले पर चिंताओं को दूर करने के लिए रिसर्च खंगाले गए,विश्व स्थ्य संगठन समेत कुछ प्रमुख संगठनों के निर्देशों को देखा गया। INMA का कहना है कि हम इस रिसर्च को जारी रखेंगे, जिससे यह निष्कर्ष निकाला जा सके कि मौजूदा संकट में अखबारी कागज को छूना सुरक्षित है।


न्यूज प्रिंट पर चिंताओं को दूर करने के लिए समाचार प्रकाशित करने वाले लोग अलग-अलग कदम उठा रहे हैं।

होम डिलीवरी : होम डिलीवरी स्टाफ को हैंड सैनिटाइज़र और वाइप्स दिए जा रहे हैं। समाचार पत्रों को इमारतों के बाहर छोड़ा जा रहा है।
सिंगल कॉपी डिस्ट्रीब्यूटर : न्यूज स्टैंड, डिस्ट्रीब्यूटर औऱ सड़कों पर अखबार बेचने वालों को दस्ताने, मास्क और सैनिटाइज़र दिए जा रहे हैं।
प्रिंट प्रक्रिया की जानकारी : प्रिंट संस्करणों में बताना शुरू किया गया है कि पेपर का प्रोडक्शन ऑटोमैटिक है और जोखिम कम है।

समाचार पत्र जबरदस्त विश्वसनीयता रखते हैं और किसी क्षेत्र का स्थानीय पृष्ठ लोगों द्वारा विस्‍तृत रूप से पढ़ा जाता है, इसलिए यह आवश्यक है कि इस पृष्ठ में प्रकाशित लेखों के माध्यम से कोरोनावायरस के बारे में जागरूकता फैलाई जाए।
नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री

इस वक्त सोशल मीडिया के जरिए बहुत अफवाहें फैलाई जा रही हैं। इनसे सावधान रहने की जरूरत है। अखबार विश्वसनीय होते हैं। इसके साथ ही वे सुरक्षित भी हैं। -सिद्धार्थ नाथ सिंह, यूपी सरकार के प्रवक्ता

लोगों को अखबार मिलना चाहिए। उन्हें समाचार पढ़ना होता है। आखिर वे किस तरह रोज बरोज कुछ भी जान सकेंगे। - ममता बनर्जी, मुख्यमंत्री, पश्चिम बंगाल

कोरोना अखबारों के जरिए नहीं फैलता। इस बात में कोई वैज्ञानिक सच्चाई नहीं है। इस गलत दावे की पुष्टि करने के लिए कोई वैज्ञानिक आंकड़ा नहीं है। - राजेश टोपे, स्वास्थ्य मंत्री, महाराष्ट्र

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