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नई दिल्ली : जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करने पर रोक के बाद प्रदर्शनकारी पुलिस को बिना बताए अलग-अलग जगह पर विरोध प्रदर्शन करने लगे हैं। इससे नई दिल्ली समेत दूसरे जिलों की पुलिस के सामने भी लॉ एंड ऑर्डर बनाए रखने की नई चुनौती पैदा हो गई है।
बुधवार को ऑल इंडिया किसान सभा के नेतृत्व में देशभर से आए किसान पहले जंतर-मंतर पर धरना प्रदर्शन करने वाले थे, लेकिन जब पुलिस ने वहां प्रोटेस्ट करने की इजाजत नहीं दी, तो वे लोग आईटीओ के पास स्थित शहीद पार्क में जाकर धरने पर बैठ गए। शहीद पार्क के ठीक बगल में स्थित फिरोजशाह कोटल स्टेडियम में शाम को भारत और न्यूजीलैंड की टीमों के बीच टी-20 मैच भी होना था। हालांकि, प्रदर्शनकारियों ने न तो पुलिस से और न ही एमसीडी से इस पार्क में प्रोटेस्ट करने की इजाजत ली थी।
गुरुवार की सुबह वन रैंक, वन पेंशन की मांग कर रहे कुछ पूर्व सैनिक और उनके परिजन पटेल चौक मेट्रो स्टेशन के पास बने बस स्टॉप पर इकट्ठा होकर वहीं धरने पर बैठ गए। पुलिस को जब इस बारे में सूचना मिली, तो उसने सभी प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया और उन्हें संसद मार्ग थाने ले गई। इस बीच प्रदर्शनकारियों का एक समूह गृह मंत्री राजनाथ सिंह के बाहर भी प्रोटेस्ट करने पहुंच गया। वहां से भी तमाम प्रदर्शनकारियों को हटाया गया।
असल में जंतर-मंतर पर प्रोटेस्ट को बैन करने के बाद एनजीटी ने रामलीला मैदान का विकल्प सुझाया था, लेकिन नॉर्थ एमसीडी अपने अंडर में आने वाले मैदान को साल भर चलने वाले धरने-प्रदर्शनों के लिए एक परमानेंट जगह बनाने के लिए तैयार नहीं है। इस मैदान में कई दूसरे बड़े धार्मिक आयोजन, रैलियां और रामलीला समेत कई दूसरे कार्यक्रम होते रहते हैं। इससे एमसीडी को अच्छा खासा रेवेन्यू भी मिलता है। धरने-प्रदर्शन से उसे भारी रेवेन्यू लॉस होगा।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि जंतर-मंतर पर धरने-प्रदर्शनों पर पूरी तरह प्रतिबंध लगने के बाद भी कई संगठन आए दिन वहां प्रोटेस्ट की इजाजत मांगने के लिए नई दिल्ली डिस्ट्रिक्ट की पुलिस को चिट्ठी भेजते रहते हैं। पिछले चार हफ्तों के दौरान पुलिस ऐसी 20 से ज्यादा एप्लिकेशंस को रिजेक्ट कर चुकी है। पुलिस अधिकारियों का मानना है कि पहले धरने-प्रदर्शनों के लिए एक जगह फिक्स थी और इसलिए हर संगठन पुलिस से इजाजत लेकर जंतर-मंतर पर प्रोटेस्ट करता था। पुलिस भी जंतर-मंतर रोड के दोनों तरफ बैरिकेडिंग करके क्राउड को आसानी से कंट्रोल में रख लेती थी, मगर अब जंतर-मंतर पर प्रोटेस्ट बैन होने की वजह से पूरी नई दिल्ली ही नहीं, बल्कि राजधानी के दूसरे इलाके भी प्रदर्शनकारियों के लिए खुल गए हैं।