विशेष संवाददाता, नई दिल्ली
गेस्ट टीचरों को रेगुलर करने के सवाल पर दिल्ली सरकार और एलजी हाउस के बीच फिर से टकराव की स्थिति बन गई है। डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने लगातार 2 दिन एलजी को लेटर लिखे और गेस्ट टीचरों को रेगुलर करने से बिल मंजूर करने की अपील की। डिप्टी सीएम ने बुधवार को लिखे लेटर में गेस्ट टीचरों को रेगुलर करने पर कोई फैसला लिए बिना ही वैकेंसी का विज्ञापन देने के एलजी के आदेश पर सवाल उठाए हैं।
डिप्टी सीएम ने कहा है कि अगर गेस्ट टीचरों को रेगुलर नहीं किया गया तो सरकारी स्कूल के सिस्टम पर विपरीत प्रभाव होंगे। पिछले ढाई साल से दिल्ली सरकार ने स्कूलों में जो सुधार किए हैं, उन्हें बर्बाद नहीं किया जाए। एलजी अनिल बैजल ने भी डिप्टी सीएम को लेटर लिखकर कहा है कि सर्व शिक्षा अभियान बिल, 2017 उनके पास लंबित नहीं है और इस समस्या को केवल कानूनों, नियमों और प्रक्रियाओं से ही हल किया जा सकता है, न कि सार्वजनिक दिखावे से।
दिल्ली विधानसभा में बिल 4 अक्टूबर को पास किया गया था। इसके बाद बिल को मंजूरी के लिए एलजी के पास भेजा गया है। डिप्टी सीएम ने लिखा है कि गेस्ट टीचरों ने सरकारी स्कूलों में शिक्षा के स्तर में सुधार के लिए अहम भूमिका निभाई है और इन टीचर्स को रेगुलर किया जाए। डिप्टी सीएम ने लेटर में कहा है कि चीफ सेक्रेटरी ने गेस्ट टीचर्स से जुड़ी फाइल को न तो लॉ मिनिस्टर को दिखाया और न ही उन्हें फाइल दिखाई गई। जब पूछा कि फाइल क्यों नहीं दिखाई गई तो बताया गया कि एलजी हाउस की ओर से स्पष्ट निर्देश हैं कि टीचर्स भर्ती से जुड़ी को फाइल चुनी हुई सरकार के प्रतिनिधियों को न दिखाई जाए।
एलजी ने दिल्ली विधानसभा द्वारा पारित 'सर्व शिक्षा अभियान' बिल, 2017 के तहत गेस्ट टीचर्स को रेगुलर करने के बारे में डिप्टी सीएम को लेटर लिखकर कहा है उनके द्वारा विधेयक को पेश करने के फैसले पर पुनर्विचार करने को दी गई सलाह के बावजूद बिल को विधान सभा में पारित किया गया, जबकि बिल संवैधानिक नहीं था। एलजी ने यह भी कहा कि विधेयक को उनके सामने पेश नहीं किया गया। यह कहना गलत है कि विधेयक एलजी के पास लंबित है। एलजी ने कहा कि डिप्टी सीएम ने अपने नोट में यह भी उल्लेख किया है कि गेस्ट टीचर्स को उनके कार्यालय द्वारा मिलने का समय नहीं दिया गया है। यह वास्तव में सही नहीं है। एलजी हाउस के अधिकारियों ने गेस्ट टीचर्स से कई बार मुलाकात की है।