नई दिल्ली
'चालान पर चालान, कोई मुझे बताए मैं क्या करूं?' यह सवाल है दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के गड़बड़ सिस्टम की सजा भुगत रहे एक शख्स का। पंद्रह दिन में आजादपुर निवासी कमल सिंह को एक दो नहीं, बल्कि 13 चालान भेज दिए गए। जब वह इसकी वजह पता लगाने टोडापुर ट्रैफिक दफ्तर जाते हैं, वहां से चालान भरकर घर पहुंचते हैं तो एक और चालान पहुंचा हुआ होता है। इस मामले में ट्रैफिक पुलिस ने भी माना कम्प्यूटर सिस्टम में खामी है।
पीड़ित कमल सिंह बीएसईएस हरिनगर में जॉब करते हैं। उन्होंने बताया कि वो 18 जुलाई को बाइक से अपनी बहन के यहां बुराड़ी गए थे। साथ में पत्नी और छह महीने का बच्चा था। पति-पत्नी दोनों हेल्मेट लगाए थे। रिश्तेदार का घर नजदीक आने की वजह से चेहरे को पल्लू से ढकना था, इसलिए पीछे बैठी वाइफ ने हेलमेट उतार लिया। कब और किसने पीछे से फोटो खींचकर ट्रैफिक पुलिस को भेज दी, पता नहीं।
2 अगस्त को घर पर पहला चालान पहुंचा। वजह बिना हेल्मेट सवारी लिखी थी। 6 अगस्त को ऑफिस से छुट्टी लेकर टोडापुर शास्त्री मार्ग ट्रैफिक के हेडक्वॉर्टर पहुंचे, जहां 100 रुपए का चालान भर दिया। शाम को जब घर पहुंचे तो मां ने दो चालान और हाथ में थमा दिए। एक उसी शाम 6 अगस्त को इशू किया गया था, जबकि दूसरा 1 तारीख को इशू किया गया था। उन दोनों चालान में बुराड़ी की वही जगह, वही समय और वही गलती (बिना हेल्मेट) दर्ज थी। अगले दिन 7 तारीख को फिर से दो चालान पहुंच गए। इस बार दर्ज कारण बताया डिफेक्टिव नंबर प्लेट, इसमें भी बुराड़ी की वही समय, वही जगह, वही तारीख दर्ज थी।
9 अगस्त को फिर से ट्रैफिक पुलिस ने 5 चालान भेज दिए। उन पांच चालान में 3 चालान एक ही तरह के थे। उनमें रॉन्ग साइड ड्राइविंग का कारण दिखाया, बाकी दो चालान डिफेक्टिव नंबर प्लेट के थे। 14 तारीख को कमल फिर छुट्टी लेकर टोडापुर हेडक्वॉर्टर पहुंचे। जहां काउंटर पर पता चला कि कम्प्यूटर सिस्टम में तकनीकी गड़बड़ी आई हो सकती है, इसलिए कंप्यूटर रूम में अंदर ठीक करा लीजिए। जब कम्प्यूटर रूम में पहुंचे तो वहां बताया कि आप तीन चालान और भर दो। एक ऐप्लिकेशन लिख कर दे दो। ट्रैफिक पुलिस वालों ने भरोसा दिया कि ये सारे चालान कैंसल हो जाएंगे।
कमल सिंह ऐप्लिकेशन भी देकर आए और तीन चालान भी भरे। जब पीड़ित फोटो कॉपी कराकर काउंटर पर लौटे तो वहां पर उन जैसे कई और पीड़ितों की ऐसे ही चालानों को लेकर नोंकझोंक हो रही थी। उसके बाद पीड़ित की शिकायत पर कम्प्यूटर पर देखा तो सिस्टम में गलती मानी गई। भरोसा दिया गया कि अब ऐसा नहीं होगा। मगर 16 अगस्त को फिर से दो चालान पहुंच गए। इस बार कारण बताया ट्रिपल राइडिंग। जब कि गोद में छह महीने का बच्चा था। इसमें भी वही डेट, वही टाइम दर्ज थी। हेल्पलाइन नंबर पर कॉल किया। बताया कि आज अटल जी के निधन की वजह से छुट्टी है, शनिवार को आना पता लगाएंगे।
'चालान पर चालान, कोई मुझे बताए मैं क्या करूं?' यह सवाल है दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के गड़बड़ सिस्टम की सजा भुगत रहे एक शख्स का। पंद्रह दिन में आजादपुर निवासी कमल सिंह को एक दो नहीं, बल्कि 13 चालान भेज दिए गए। जब वह इसकी वजह पता लगाने टोडापुर ट्रैफिक दफ्तर जाते हैं, वहां से चालान भरकर घर पहुंचते हैं तो एक और चालान पहुंचा हुआ होता है। इस मामले में ट्रैफिक पुलिस ने भी माना कम्प्यूटर सिस्टम में खामी है।
पीड़ित कमल सिंह बीएसईएस हरिनगर में जॉब करते हैं। उन्होंने बताया कि वो 18 जुलाई को बाइक से अपनी बहन के यहां बुराड़ी गए थे। साथ में पत्नी और छह महीने का बच्चा था। पति-पत्नी दोनों हेल्मेट लगाए थे। रिश्तेदार का घर नजदीक आने की वजह से चेहरे को पल्लू से ढकना था, इसलिए पीछे बैठी वाइफ ने हेलमेट उतार लिया। कब और किसने पीछे से फोटो खींचकर ट्रैफिक पुलिस को भेज दी, पता नहीं।
2 अगस्त को घर पर पहला चालान पहुंचा। वजह बिना हेल्मेट सवारी लिखी थी। 6 अगस्त को ऑफिस से छुट्टी लेकर टोडापुर शास्त्री मार्ग ट्रैफिक के हेडक्वॉर्टर पहुंचे, जहां 100 रुपए का चालान भर दिया। शाम को जब घर पहुंचे तो मां ने दो चालान और हाथ में थमा दिए। एक उसी शाम 6 अगस्त को इशू किया गया था, जबकि दूसरा 1 तारीख को इशू किया गया था। उन दोनों चालान में बुराड़ी की वही जगह, वही समय और वही गलती (बिना हेल्मेट) दर्ज थी। अगले दिन 7 तारीख को फिर से दो चालान पहुंच गए। इस बार दर्ज कारण बताया डिफेक्टिव नंबर प्लेट, इसमें भी बुराड़ी की वही समय, वही जगह, वही तारीख दर्ज थी।
9 अगस्त को फिर से ट्रैफिक पुलिस ने 5 चालान भेज दिए। उन पांच चालान में 3 चालान एक ही तरह के थे। उनमें रॉन्ग साइड ड्राइविंग का कारण दिखाया, बाकी दो चालान डिफेक्टिव नंबर प्लेट के थे। 14 तारीख को कमल फिर छुट्टी लेकर टोडापुर हेडक्वॉर्टर पहुंचे। जहां काउंटर पर पता चला कि कम्प्यूटर सिस्टम में तकनीकी गड़बड़ी आई हो सकती है, इसलिए कंप्यूटर रूम में अंदर ठीक करा लीजिए। जब कम्प्यूटर रूम में पहुंचे तो वहां बताया कि आप तीन चालान और भर दो। एक ऐप्लिकेशन लिख कर दे दो। ट्रैफिक पुलिस वालों ने भरोसा दिया कि ये सारे चालान कैंसल हो जाएंगे।
कमल सिंह ऐप्लिकेशन भी देकर आए और तीन चालान भी भरे। जब पीड़ित फोटो कॉपी कराकर काउंटर पर लौटे तो वहां पर उन जैसे कई और पीड़ितों की ऐसे ही चालानों को लेकर नोंकझोंक हो रही थी। उसके बाद पीड़ित की शिकायत पर कम्प्यूटर पर देखा तो सिस्टम में गलती मानी गई। भरोसा दिया गया कि अब ऐसा नहीं होगा। मगर 16 अगस्त को फिर से दो चालान पहुंच गए। इस बार कारण बताया ट्रिपल राइडिंग। जब कि गोद में छह महीने का बच्चा था। इसमें भी वही डेट, वही टाइम दर्ज थी। हेल्पलाइन नंबर पर कॉल किया। बताया कि आज अटल जी के निधन की वजह से छुट्टी है, शनिवार को आना पता लगाएंगे।