प्रस, नई दिल्ली : नैशनल एलिजिबिलिटी टेस्ट (नेट) से पीएचडी कैंडिडेट्स को छूट देने पर यूजीसी ने स्टूडेंट्स से राय मांगी है। इसे लेकर यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमिशन (यूजीसी) ने सभी अपने स्टेकहोल्डर्स समेत आम जनता से भी फीडबैक 28 फरवरी तक मांगे हैं। इसके तहत जिन स्टूडेंट्स ने यूजीसी रेगुलेशंस 2009 (एमफिल/पीएचडी डिग्री के लिए मिनिमम स्टैंडर्ड्स एंड प्रोसिजर) या यूजीसी रेगुलेशन 2016 के तहत पीएचडी डिग्री ली है, उन्हें यूनिवर्सिटी/कॉलेज/इंस्टिट्यूशन असिस्टेंट प्रफेसर के अपॉइंटमेंट के लिए NET/SLET/SET से छूट दी जाएगी। 11 जुलाई 2009 से पहले जिन स्टूडेंट्स की पीएचडी रजिस्टर्ड है, उनका पिछले प्रावधान के तहत ही नेट से छूट मिलेगी। इसमें पांच नॉर्म्स हैं - पीएचडी का मोड रेगुलर होना चाहिए, दो एक्सटर्नल एग्जामिनर ने पीएचडी चेक की हो, पीएचडी वाइवा हुआ हो, कैंडिडेट के पीएचडी वर्क से दो रिसर्च पेपर पब्लिश हुए हों जिनमें से एक जर्नल में छपा हो, कॉन्फ्रेंस या सेमिनार में कैंडिडेट ने दो प्रेजेंटेशन दिए हो। इन पांचों पॉइंट का रजिस्ट्रार या डीन अकैडमिक अफयेर्स से सत्यापित होना जरूरी है।
नेट से छूट! यूजीसी ने मांगे 28 तक सुझाव
नैशनल एलिजिबिलिटी टेस्ट (नेट) से पीएचडी कैंडिडेट्स को छूट देने पर यूजीसी ने स्टूडेंट्स से राय मांगी है। इसे लेकर यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमिशन (यूजीसी) ...
Navbharat Times 20 Feb 2018, 8:00 am