प्रस, नई दिल्ली : स्कूल ऑफ एक्सिलेंस को लेकर शुक्रवार को उपराज्यपाल अनिल बैजल की चिट्ठी के बाद शनिवार को डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने जवाब दिया। उन्होंने अपने पत्र में लिखा कि आपने बताया कि आपको कोई प्रस्ताव नहीं मिला है, इस पर मेरी तरफ से किसी भी प्रकार की प्रतिक्रिया देना मुश्किल है, क्योंकि शिक्षकों से संबंधित फाइलें मुझे नहीं दिखाई जा रही है। डायरेक्टोरेट ऑफ एजुकेशन की तरफ से सीधे फाइल आपके पास मुख्य सचिव के होते हुए भेजी जा रही है, इसमें मिनिस्टर इन चार्ज को बाइपास किया जा रहा है। ऑफिसर की तरफ से मुझे बताया जा रहा है कि उन्हें क्लियर इंस्ट्रक्शन दिया गया है कि अगर किसी फाइल पर शिक्षक लिखा गया हो तो वह फाइल मिनिस्टर को नहीं दिखाई जाए।
उन्होंने लिखा है कि बतौर शिक्षा मंत्री होने के नाते मैं हर एक बच्चे को अच्छी क्वॉलिटी की शिक्षा मुहैया कराने के लिए हरसंभव काम कर रहा हूं। यह सच है कि सरकारी स्कूलों में सुधार की रफ्तार धीरे है, लेकिन पिछले ढाई सालों में बहुत कुछ बदलाव हुआ है। डिप्टी सीएम ने कहा कि आपने अपने पत्र में मुझे लिखा है कि आप इस मामले को लेकर बैठक करना चाहते हैं और नियम के अनुसार प्रस्ताव को पास करने को भी तैयार हैं। इसलिए मैंने आपको पत्र लिखा था। लेकिन साथ में मनीष ने यह भी लिखा है कि अगर सभी फैसला और हर फाइल को उपराज्यपाल ही पास करेंगे तो शिक्षा मंत्री के होने का क्या फायदा?