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Umar Khalid Delhi Riots: 'उमर खालिद प्रतिभाशाली शख्स, 20 महीने से चुप कराकर रखा है', दिल्ली दंगों के आरोपी के पक्ष में ये कौन बोला?

Delhi Riots 2020: उमर खालिद के खिलाफ फरवरी 2020 में हुए दिल्ली दंगों की साजिश रचने के आरोप में गैरकानूनी गतिविधियां निवारण अधिनियम और भारतीय दंड संहिता की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था। दंगों में 53 लोगों की मौत हो गई थी जबकि 700 से अधिक लोग घायल हो गए थे।

Edited byअशोक उपाध्याय | भाषा 3 Jul 2022, 9:00 pm
नई दिल्ली: बुद्धिजीवी नोम चोम्स्की, महात्मा गांधी के पोते राजमोहन गांधी और चार अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) के पूर्व छात्र उमर खालिद को कैद में रखे जाने की निंदा की है। हिंदूज फॉर ह्यूमन राइट्स, इंडियन अमेरिकन मुस्लिम काउंसिल, दलित सॉलिडेरिटी फोरम और इंडिया सिविल वॉच इंटरनेशनल ने चोम्स्की और गांधी के साथ खालिद को रिहा करने की मांग की, जो 13 सितंबर 2020 को गिरफ्तारी के बाद से हिरासत में हैं।
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प्रख्यात बुद्धिजीवी-कार्यकर्ता चोम्स्की और यूनिवर्सिटी ऑफ इलिनॉय में रिसर्च प्रोफेसर गांधी ने शनिवार को वीडियो बयान जारी करके खालिद को कैद में रखे जाने की निंदा की।
चोम्स्की ने पहले से रिकॉर्ड अपने बयान में कहा कि दमन और हिंसा के इस दौर में खालिद का मामला 'उन कई मामलों में से एक है, जिनमें भारत की न्याय व्यवस्था का खराब चेहरा सामने आया है। स्वतंत्र संस्थान कमजोर होते दिख रहे हैं...धर्मनिरपेक्ष लोकतंत्र की भारत की सम्मानजनक परंपरा को खत्म करने के लिए बड़े पैमाने पर सरकारी प्रयास किए जा रहे हैं।'

'खालिद के रूप में भारत के पास एक बेहद प्रतिभाशाली व्यक्ति'
गांधी ने कहा कि खालिद के रूप में भारत के पास एक बेहद प्रतिभाशाली व्यक्ति है, लेकिन उन्हें लगातार 20 महीने से चुप कराकर रखा गया है। उन्होंने कहा कि खालिद को चुप कराया जाना दुनिया के सामने भारत की छवि पर एक धब्बा है। गांधी ने कहा, 'उमर और अन्य हजारों लोगों की हिरासत का हर गुजरता दिन दुनिया में लोकतंत्र, मानवीय गरिमा और भारत के अच्छे नाम के लिए एक नया झटका है।'

जानिए पूरा मामला
दिल्ली की एक अदालत ने फरवरी 2020 में हुए दंगों से संबंधित कथित साजिश के मामले में इस साल मार्च में खालिद को जमानत देने से इनकार कर दिया था। अदालत ने कहा था कि उनके खिलाफ आरोप प्रथम दृष्टया सही हैं, यह मानने के लिए उचित आधार हैं। खालिद के खिलाफ दंगों की साजिश रचने के आरोप में गैरकानूनी गतिविधियां निवारण अधिनियम और भारतीय दंड संहिता की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था। दंगों में 53 लोगों की मौत हो गई थी जबकि 700 से अधिक लोग घायल हो गए थे।
लेखक के बारे में
अशोक उपाध्याय
"नवभारत टाइम्स डॉट कॉम में सीनियर ड‍िज‍िटल कंटेंट प्रोड्यूसर। जागरण इंस्टीट्यूट ऑफ मीडिया एंड मैनेजमेंट, नोएडा से 2013 में पासआउट। पत्रकारिता में 10 साल का अनुभव है। साल 2013 में एनबीटी अखबार से पत्रकारिता के सफर की शुरुआत की थी। राजनीति, क्राइम समेत कई बीटों पर काम करने का अनुभव है। अमर उजाला देहरादून में भी सेंट्रल डेस्क पर काम किया। साल 2020 में डिजिटल मीडिया की दुनिया में कदम रखा। मीडिया के बदलते स्वरूप के साथ खुद को बदलने का प्रयास जारी है।"... और पढ़ें

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