विशेष संवाददाता, नई दिल्ली
पुरानी दिल्ली के एक जनप्रतिनिधि को अपने इलाके में लोगों को मेडिकल सुविधा दिलाने के लिए डिस्पेंसरी खोलनी थी। लेकिन लाख जतन के बावजूद उन्हें जमीन ही नहीं मिली। मामला न बनता देख उन्होंने अपने इलाके में दो मोबाइल डिस्पेंसरी चलवा दी। उनकी मदद नॉर्थ एमसीडी का स्वास्थ्य विभाग कर रहा है। डिस्पेंसरी में डॉक्टर, कंपांउडर के अलावा दवा वगैरह भी मुफ्त दी जा रही है। इसके लिए राज्यसभा सांसद ने भी उनकी खासी मदद की।
पुरानी दिल्ली के दिल्ली गेट वॉर्ड के पार्षद आले मोहम्मद ने अपने पिछले कार्यकाल में इलाके में डिस्पेंसरी खोलने के लिए स्वास्थ्य विभाग के अफसरों से बात की। अफसरों ने कहा कि जमीन दिलवा दो, डिस्पेंसरी खोल दी जाएगी। लेकिन काफी प्रयास के बावजूद उन्हें इलाके में डिस्पेंसरी के लिए जगह नहीं मिली। उन्होंने अफसरों से पूछा कि अगर वे डिस्पेंसरी के लिए वाहन खरीद लें तो क्या उसमें डिस्पेंसरी की सुविधाएं मुहैया कराई जा सकती हैं। अफसरों ने रजामंदी दे दी। इसके बाद आले मोहमद ने तत्कालीन राज्यसभा सांसद परवेज हाशमी से वाहन के लिए सांसद फंड से बजट देने की गुजारिश की और कहा कि इससे इलाके के गरीब लोगों तक सुविधाएं पहुंच जाएगी। सांसद मान गए और दो वाहन खरीद लिए गए।
इलाके में ये दो मोबाइल डिस्पेंसरी करीब छह माह से रोजाना (रविवार को छोड़कर) इलाके के विभिन्न प्वाइंट पर खड़ी होती हैं और उनका इलाज करती हैं। डिस्पेंसरी में पांच लोगों का स्टाफ होता है, जिसमें डॉक्टर, सर्जन, कंपाउंडर आदि शामिल है। ये मोबाइल डिस्पेंसरियां डिलाइट, आसफअली रोड, चांदनी महल सुईंवालान, मिंटो रोड, शकूर की डंडी आदि इलाकों में जाकर खड़ी होती हैं और लोगों का इलाज करती हैं। जो मरीज गंभीर बीमारी से ग्रस्त होते हैं, उन्हें अस्पताल पहुंचाया जाता है। पार्षद के अनुसार इन दोनों डिस्पेंसरियों से रोजाना करीब 400 लोगों का इलाज किया जाता है, जिनमें चोटों पर पट्टी बांधने के अलावा अन्य बीमारियों का इलाज भी शामिल है। आले मोहम्मद का कहना है कि इस मसले में स्वास्थ्य विभाग ने उनकी बहुत मदद की है। डिस्पेंसरियों में रोजाना स्टाफ के अलावा दवाइयां भी उपलब्ध करवाई जा रही हैं।