एनबीटी, नई दिल्ली
500 और 1000 रुपये के नोटों पर लगी रोक के बाद डिजिटल मनी का इस्तेमाल एकदम से बढ़ गया और इस प्लैटफॉर्म को मोबाइल ऐप्स के जरिए पेश करने वालों की चांदी हो गई। बिना कैश के ट्रांजेक्शन जहां भी हो सकता है, लोगों ने उन उपायों को हाथों हाथ लिया है। PayTM का कहना है कि उसके ऐप डाउनलोड से लेकर ट्रांजेक्शन में कई गुना इजाफा हुआ, जबकि ऐप बेस्ड कैब सर्विस देने वाली कंपनी उबर का कहना है कि कैश इकॉनमी से डिजिटल फर्स्ट की तरफ बढ़ना सरकार का बड़ा कदम है जिसका टेक कंपनियों का फायदा होगा। इस बीच फ्लिपकार्ट और एमेजॉन ने कैश ऑन डिलिवरी (COD) पर पाबंदियां कस दी हैं, एमेजॉन ने ऐसे ऑर्डर लेना बंद कर दिए हैं जबकि फ्लिपकार्ट ने 2000 रुपये के ऊपर के कारोबार में COD को फिलहाल रोक दिया।
कई गुना हुआ इजाफा : PayTm के मुताबिक सरकार के ऐलान के बाद उसके ऐप डाउनलोड में 200 फीसदी का और इसमें पैसे जोड़ने में 1000 फीसदी का इजाफा हुआ है। कुल कारोबार में 250 फीसदी और ट्रांजेक्शन की रुपये वैल्यू में 200 फीसदी बढ़ोतरी हुई है। इसके अलावा पेटीएम पर ट्रैफिक में 435 पर्सेंट बढ़ गया। पेटीएम की डीजीएम सोनिया धवन ने कहा कि इससे इकॉनमी को बढ़ावा मिलेगा और ब्लैक मनी पर लगाम कसेगी, ऑनलाइन पेमेंट की सुविधा से हमारे प्लैटफॉर्म पर इसके बाद बहुत तेजी आई है।
बढ़िया ग्रोथ का अनुमान : मोबाइल वॉलेट वाले ऐप MobiKwik ने भी कहा है कि 500 और 1000 के नोट बंद होने के फैसले के 18 घंटे के अंदर उनके ऐप डाउनलोड में 40 फीसदी की तेजी देखी गई है। यूजर ट्रैफिक और मर्चेंट पूछताछ में 200 फीसदी का इजाफा हुआ है। को-फाउंडर उपासना टाकू ने कहा कि इस नीति में बदलाव के बाद हमें उम्मीद है कि 2017 तक 10 गुना बढ़ोतरी यानी 10 अरब डॉलर के पेमेंट वॉल्यूम तक आंकड़े पहुंच सकते हैं। पहले यह अनुमान एक अरब डॉलर का था।
कैशलेस पेमेंट फायदे का सौदा : ऐप से मिलने वाली कैब सर्विसों में भी कैशलेस पेमेंट का ऑप्शन लोगों के बहुत काम आ रहा है क्योंकि ऑटो के लिए नकदी देने के बजाय नेटबैंकिंग से मोबाइल वॉलेट के जरिए पेमेंट फायदे का सौदा बन रहा है। उबर ने कहा कि सरकार का यह फैसला डिजिटल इंडिया की तरफ बड़ा कदम है। उबर इंडिया के प्रेसिडेंट अमित जैन के मुताबिक सरकार को कम वैल्यू के ट्रांजेक्शन में टो फैक्टर ऑथेंटिकेशन की जरूरत पर छूट देने पर भी विचार करना चाहिए। उधर, ओला की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि ओला मनी वॉलेट के इस्तेमाल में काफी तेजी देखी गई है, इस पर होने वाले रीचार्ज की मात्रा में 15 गुना बढ़ोतरी हुई है। यही नहीं, देश के छोटे शहरों में जहां नकद भुगतान पर ज्यादा जोर रहता है वहां तो 30 गुना तक बढ़ोतरी देखी गई है।
कैश ऑन डिलिवरी मुश्किल में : ऑनलाइन कारोबार से जुड़ी कंपनियों ने नकदी पर नए नियमों के बाद कैश ऑन डिलिवरी पर सख्ती की है। घरेलू सामान की डिलिवरी देने वाली कंपनी BigBasket ने कहा है कि हम 500 और 1000 के नोट नहीं ले सकते हैं ज्यादा अच्छा होगा कि लोग ऑनलाइन पेमेंट और कार्ड ऑन डिलिवरी को अपनाएं। एमेजॉन ने इसे अभी बंद कर दिया है जबकि स्नैपडील और फ्लिपकार्ट ने 2000 रुपये तक की लिमिट रख दी है।