नई दिल्ली
नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के सपॉर्ट में कुछ लोग मंगलवार को मार्च निकालते हुए जामिया मिल्लिया इस्लामिया पहुंचे। इस दौरान माहौल तनावपूर्ण हो गया और अफरातफरी भी मच गई। प्रदर्शनकारी गेट नंबर 4 के पास रोके गए। प्रदर्शनकारी विवादास्पद नारे 'देश के गद्दारों को, गोली मारो…' लगाते सुनाई दिए। दूसरी तरफ जामिया के प्रदर्शनकारियों ने इंकलाब के नारे लगाए। गेट नंबर-7 पर जामिया स्टूडेंट्स का सीएए-एनआरसी-एनपीआर के खिलाफ दिसंबर से प्रदर्शन जारी है। पुलिस ने बड़ी मुश्किल से इस मामले को संभाला।
डराने आए थे प्रदर्शकारी- जामिया छात्र
जामिया के स्टूडेंट्स का कहना था कि ये लोग उन्हें डराने आए थे, लेकिन उनके हौसले बुलंद हैं। उन्हें धमकाने वाले नारे लगाए गए। उन्होंने अपनी तरफ से लोगों को संभाला, ताकि कोई गुस्से में आगे ना बढ़े। जामिया के स्टूडेंट अमीन ने बताया कि करीब 3:30 बजे प्रदर्शनकारी झंडे लेकर यहां पहुंचे। सब बाहर के ही लग रहे थे। सब 'गोली मारो' के नारे लगा रहे थे।
सीएए के खिलाफ बोलना गद्दारी है क्या?
उन्होंने कहा कि कोई अगर सीएए के खिलाफ बोल रहा है, तो क्या वह गद्दार है। क्या भारत में लोकतंत्र नहीं है? हर हाल में बीजेपी और आरएसएस के अराजक लोग उन्हें डराने की कोशिश में हैं। पहले एक स्टूडेंट को गोली मारी, फिर हवाई फायर कर डराने की कोशिश हुई। हमलावरों के नारे भी जामिया विरोधी और सीएए के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे विरोधियों के लिए ही थे। शाहीन बाग में भी यही हुआ।
पुलिस पर लापरवाही का आरोप
जामिया के एक स्टूडेंट हामिद कहते हैं, सुखदेव विहार मेट्रो स्टेशन के पास की सड़क से वे आ रहे थे। वहां दिल्ली पुलिस में बैरिकेडिंग की है तो पुलिस ने उन्हें वही क्यों नहीं रोक लिया? वो तो पहले उनके साथ-साथ चल रही थी, आखिर में जाकर पुलिस ने रोका। एक तरह से लापरवाही है। अगर वे भिड़ जाते और जामिया प्रोटेस्ट साइट से भी कोई गुस्से में आगे आ जाता, तो मामला काफी बढ़ सकता था। वे 'भारत माता की जय' के साथ-साथ भड़काऊ नारे लगा रहे थे।
नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के सपॉर्ट में कुछ लोग मंगलवार को मार्च निकालते हुए जामिया मिल्लिया इस्लामिया पहुंचे। इस दौरान माहौल तनावपूर्ण हो गया और अफरातफरी भी मच गई। प्रदर्शनकारी गेट नंबर 4 के पास रोके गए। प्रदर्शनकारी विवादास्पद नारे 'देश के गद्दारों को, गोली मारो…' लगाते सुनाई दिए। दूसरी तरफ जामिया के प्रदर्शनकारियों ने इंकलाब के नारे लगाए। गेट नंबर-7 पर जामिया स्टूडेंट्स का सीएए-एनआरसी-एनपीआर के खिलाफ दिसंबर से प्रदर्शन जारी है। पुलिस ने बड़ी मुश्किल से इस मामले को संभाला।
डराने आए थे प्रदर्शकारी- जामिया छात्र
जामिया के स्टूडेंट्स का कहना था कि ये लोग उन्हें डराने आए थे, लेकिन उनके हौसले बुलंद हैं। उन्हें धमकाने वाले नारे लगाए गए। उन्होंने अपनी तरफ से लोगों को संभाला, ताकि कोई गुस्से में आगे ना बढ़े। जामिया के स्टूडेंट अमीन ने बताया कि करीब 3:30 बजे प्रदर्शनकारी झंडे लेकर यहां पहुंचे। सब बाहर के ही लग रहे थे। सब 'गोली मारो' के नारे लगा रहे थे।
सीएए के खिलाफ बोलना गद्दारी है क्या?
उन्होंने कहा कि कोई अगर सीएए के खिलाफ बोल रहा है, तो क्या वह गद्दार है। क्या भारत में लोकतंत्र नहीं है? हर हाल में बीजेपी और आरएसएस के अराजक लोग उन्हें डराने की कोशिश में हैं। पहले एक स्टूडेंट को गोली मारी, फिर हवाई फायर कर डराने की कोशिश हुई। हमलावरों के नारे भी जामिया विरोधी और सीएए के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे विरोधियों के लिए ही थे। शाहीन बाग में भी यही हुआ।
पुलिस पर लापरवाही का आरोप
जामिया के एक स्टूडेंट हामिद कहते हैं, सुखदेव विहार मेट्रो स्टेशन के पास की सड़क से वे आ रहे थे। वहां दिल्ली पुलिस में बैरिकेडिंग की है तो पुलिस ने उन्हें वही क्यों नहीं रोक लिया? वो तो पहले उनके साथ-साथ चल रही थी, आखिर में जाकर पुलिस ने रोका। एक तरह से लापरवाही है। अगर वे भिड़ जाते और जामिया प्रोटेस्ट साइट से भी कोई गुस्से में आगे आ जाता, तो मामला काफी बढ़ सकता था। वे 'भारत माता की जय' के साथ-साथ भड़काऊ नारे लगा रहे थे।