विशेष संवाददाता, नई दिल्ली
दिल्ली सरकार ने फरवरी-2025 तक यमुना को साफ करने का लक्ष्य बनाया है। इसके लिए छह एक्शन पॉइंट्स पर काम शुरू कर दिया गया है। ये है दिल्ली सरकार का 6 पॉइंट्स एक्शन प्लान...
1. चार नए एसटीपी: सीवेज ट्रीटमेंट के लिए 279 एमजीडी क्षमता के चार नए ट्रीटमेंट प्लांट बन रहे हैं। इसमें रिठाला में 40 एमजीडी, 70 एमजीडी की कोरोनेशन एसटीपी, 45 एमजीडी की कोंडली एसटीपी और 124 एमजीडी की ओखला एसटीपी शामिल हैं। इसके अलावा मौजूदा 19 एसटीपी को अपग्रेड किया जा रहा है।
2. चार ड्रेनों की इन-सीटू सफाई: यमुना में प्रदूषण बढ़ाने वाली चार प्रमुख ड्रेने हैं- नजफगढ़ ड्रेन, सप्लमेंट्री ड्रेन, बारापुला ड्रेन और शाहदरा ड्रेन। सरकार इन चारों के अंदर सीवेज को इन सीटू ट्रीट कर रही है। यानी ड्रेन के अंदर ही चलते पानी को साफ किया जा रहा है।
3. औद्योगिक कचरे पर एक्शन: दिल्ली में 33 इंडस्ट्रियल क्लस्टर्स हैं जिनसे बड़ी मात्रा में औद्योगिक कचरा निकलता है। इसमें से 17 क्लस्टर्स ऐसे हैं, जिनका पानी 13 सीईटीपी में जाता है और बाकी सीईटीपी में नहीं जाता है। जिनका पानी सीईटीपी में नहीं जाते हैं, उनके पानी को अलग-अलग जगहों पर सीवर लाइन में टैप कर लिया जाएगा और उसे सीईटीपी में साफ होने के लिए भेजा जाएगा। अगर इंडस्ट्रीज सीईटीपी में पानी नहीं डालती हैं, तो उन्हें बंद करा दिया जाएगा।
4. जेजे क्लस्टर में सफाई: जेजे क्लस्टर्स से निकलने वाली छोटी से छोटी नाली को भी पास की सीवर लाइन से जोड़ा जाएगा। ताकि सीवर लाइन के जरिए एसटीपी में जाकर ट्रीट कर पानी को साफ किया जा सके। दिल्ली में 1799 अनधिकृत कॉलोनियां हैं, जिन सभी में 2024 तक सीवर लाइन डालने का लक्ष्य रखा गया है।
5. 100 फीसदी घर खुद जुड़ेंगे सीवर से: मुख्यमंत्री सीवर कनेक्शन योजना के तहत दिल्ली में 100 फीसदी घरों में सीवर कनेक्शन होगा। अभी तक सीवर कनेक्शन लेने की जिम्मेदारी उपभोक्ताओं की थी, लेकिन अब दिल्ली जल बोर्ड ने यह जिम्मेदारी अपने उपर ले ली है।
6. सीवर लाइन की डी-सील्टिंग: दिल्ली में 9225 किलोमीटर लंबा सीवर नेटवर्क है। जब घर से गंदा पानी निकलता है, तो उसमें गाद होती है। अगर पाइपलाइन बीच में कहीं पर भी चोक हो जाए, तो पानी आगे नहीं जा पाता और वह ओवरफ्लो होकर बरसाती नाले के जरिए नदी में मिलता है। सीवर लाइन की डी-सील्टिंग के लिए अगले छह महीने का लक्ष्य रखा गया है।
दिल्ली सरकार ने फरवरी-2025 तक यमुना को साफ करने का लक्ष्य बनाया है। इसके लिए छह एक्शन पॉइंट्स पर काम शुरू कर दिया गया है। ये है दिल्ली सरकार का 6 पॉइंट्स एक्शन प्लान...
1. चार नए एसटीपी: सीवेज ट्रीटमेंट के लिए 279 एमजीडी क्षमता के चार नए ट्रीटमेंट प्लांट बन रहे हैं। इसमें रिठाला में 40 एमजीडी, 70 एमजीडी की कोरोनेशन एसटीपी, 45 एमजीडी की कोंडली एसटीपी और 124 एमजीडी की ओखला एसटीपी शामिल हैं। इसके अलावा मौजूदा 19 एसटीपी को अपग्रेड किया जा रहा है।
2. चार ड्रेनों की इन-सीटू सफाई: यमुना में प्रदूषण बढ़ाने वाली चार प्रमुख ड्रेने हैं- नजफगढ़ ड्रेन, सप्लमेंट्री ड्रेन, बारापुला ड्रेन और शाहदरा ड्रेन। सरकार इन चारों के अंदर सीवेज को इन सीटू ट्रीट कर रही है। यानी ड्रेन के अंदर ही चलते पानी को साफ किया जा रहा है।
3. औद्योगिक कचरे पर एक्शन: दिल्ली में 33 इंडस्ट्रियल क्लस्टर्स हैं जिनसे बड़ी मात्रा में औद्योगिक कचरा निकलता है। इसमें से 17 क्लस्टर्स ऐसे हैं, जिनका पानी 13 सीईटीपी में जाता है और बाकी सीईटीपी में नहीं जाता है। जिनका पानी सीईटीपी में नहीं जाते हैं, उनके पानी को अलग-अलग जगहों पर सीवर लाइन में टैप कर लिया जाएगा और उसे सीईटीपी में साफ होने के लिए भेजा जाएगा। अगर इंडस्ट्रीज सीईटीपी में पानी नहीं डालती हैं, तो उन्हें बंद करा दिया जाएगा।
4. जेजे क्लस्टर में सफाई: जेजे क्लस्टर्स से निकलने वाली छोटी से छोटी नाली को भी पास की सीवर लाइन से जोड़ा जाएगा। ताकि सीवर लाइन के जरिए एसटीपी में जाकर ट्रीट कर पानी को साफ किया जा सके। दिल्ली में 1799 अनधिकृत कॉलोनियां हैं, जिन सभी में 2024 तक सीवर लाइन डालने का लक्ष्य रखा गया है।
5. 100 फीसदी घर खुद जुड़ेंगे सीवर से: मुख्यमंत्री सीवर कनेक्शन योजना के तहत दिल्ली में 100 फीसदी घरों में सीवर कनेक्शन होगा। अभी तक सीवर कनेक्शन लेने की जिम्मेदारी उपभोक्ताओं की थी, लेकिन अब दिल्ली जल बोर्ड ने यह जिम्मेदारी अपने उपर ले ली है।
6. सीवर लाइन की डी-सील्टिंग: दिल्ली में 9225 किलोमीटर लंबा सीवर नेटवर्क है। जब घर से गंदा पानी निकलता है, तो उसमें गाद होती है। अगर पाइपलाइन बीच में कहीं पर भी चोक हो जाए, तो पानी आगे नहीं जा पाता और वह ओवरफ्लो होकर बरसाती नाले के जरिए नदी में मिलता है। सीवर लाइन की डी-सील्टिंग के लिए अगले छह महीने का लक्ष्य रखा गया है।