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हमेशा जान जोखिम में डालकर काम करते हैं गेटमैन

रेलवे के गेटमैन हमेशा ही जान जोखिम में डालकर काम करते हैं। आए दिन इनके साथ मारपीट की घटनाएं सामने आती रहती हैं। लेकिन इसके बावजूद रेलवे इनकी सुरक्षा को लेकर बेपरवाह ही रहा है...

पूनम गौड़ | नवभारत टाइम्स 18 Sep 2018, 2:55 am
नई दिल्ली
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सांकेतिक तस्वीर

रेलवे के गेटमैन हमेशा ही जान जोखिम में डालकर काम करते हैं। आए दिन इनके साथ मारपीट की घटनाएं सामने आती रहती हैं। लेकिन इसके बावजूद रेलवे इनकी सुरक्षा को लेकर बेपरवाह ही रहा है। वहीं दूसरी तरह अब नरेला और राठधना स्टेशन के बीच कोई गेटमैन काम करने को तैयार नहीं है। ऐसे में व्यवस्था होने तक इस फाटक को उत्तर रेलवे ने अस्थाई तौर पर बंद कर दिया है।

डीआरएम आर एन सिंह ने बताया कि जबतक व्यवस्था नहीं हो जाती, तबतक यह फाटक बंद रहेगा। उनके अनुसार इस फाटक पर एक अंडरपास बनाने का प्रपोजल भी है, ताकि फाटक से छुटकारा मिल सके। रेलवे अधिकारियों के अनुसार, उक्त फाटक पर रोड और रेल ट्रैफिक काफी अधिक है। इस फाटक से प्रतिदिन एक लाख से अधिक गाड़ियां गुजरती हैं। रेलवे के नियमों के अनुसार, जहां इतना अधिक ट्रैफिक हो, वहां रेलवे ब्रिज या अंडरपास होना चाहिए। अधिकारियों के अनुसार, अंडरपास के प्रपोजल के लिए स्टेट गवर्नमेंट से बात चल रही है। लेकिन फाटक बंद होने से यहां से निकलने वाले लाखों लोगों की परेशानी काफी अधिक बढ़ जाएगी। डीआरएम के अनुसार, जबतक आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हो जाती, तबतक कोई गेटमैन वहां काम करने को तैयार नहीं है। ऐसे में व्यवस्था नहीं हो पा रही है कि गेट को मैनेज किया जा सके। इस व्यवस्था के होने तक गेट बंद रहेगा।

दूसरी तरफ, गेटमैन कुंदन पाठक की हालत अभी भी काफी नाजुक है। मिली जानकारी के अनुसार, कुंदन काफी देर तक आरोपियों के साथ लड़ा। इस झगड़े के समय गेटमैन का भाई भी उसकी मदद के लिए आया था, उसे भी चोटें लगी हैं। सीपीआरओ नीरज चौधरी के अनुसार, कुंदन की सर्जरी चल रही है। उसके एक हाथ का पंजा लगभग अलग हो चुका है। सर्जन उसे सर्जरी से जोड़ने का प्रयास कर रहे हैं। दूसरा पंजा भी बुरी तरह कटा हुआ है। लेकिन उसकी रिकवरी के आसार हैं। रेलवे अधिकारियों के अनुसार, हर साल ऐसी 40 से 45 घटनाएं सामने आती हैं। लेकिन ऐसी घटनाएं मारपीट, डराने आदि की होती हैं। इस तरह की वारदात अभी तक सामने नहीं आई।

जीएम ने कहा, आरोपियों को जल्द अरेस्ट कराएं
उत्तर रेलवे के जीएम विश्वेश चौबे ने अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर से घायलों की जानकारी ली और उन्हें अस्पताल में बेहतरीन सुविधा उपलब्ध करवाने को कहा। उन्होंने हरियाणा पुलिस के मुख्य सचिव और डीजी से भी बात की और आरोपियों को जल्द अरेस्ट करने को कहा।
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पूनम गौड़

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